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जियो में फेसबुक के बाद सिल्वर लेक का 5,656 करोड रुपये का निवेश

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज के दूरसंचार कारोबार जियो में फेसबुक के 43,574 करोड़ रुपये निवेश करने के कुछ दिन बाद ही सिल्वर लेक ने भी कंपनी में 5,655.75 करोड़ रुपये निवेश करने पर सोमवार को सहमति जतायी। दुनिया के सबसे बड़े प्रौद्योगिकी निवेशकों में से एक सिल्वर लेक जियो प्लेटफॉर्म्स में 1.15 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी। इस सौदे के लिए सिल्वर लेक प्रति शेयर फेसबुक के मुकाबले 12.5 प्रतिशत प्रीमियम देगी। कंपनी बाद में जियो में और भी रणनीतिक और वित्तीय निवेश कर सकती है। रिलायंस ने एक बयान में कहा, ‘‘सिल्वर लेक जियो प्लेटफॉर्म्स में 5,655.75 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके लिए जियो प्लेटफॉर्म्स का शेयर मूल्य (इक्विटी वैल्यू) 4.90 लाख करोड़ रुपये जबकि उद्यम मूल्य (एंटरप्राइज वैल्यू) 5.15 लाख करोड़ रुपये आंका गया है।’’ कंपनी ने कहा कि इस सौदे के लिए उसका शेयर मूल्यांकन फेसबुक के साथ 22 अप्रैल 2020 को हुए समझौते के मुकाबले 12.5 प्रतिशत प्रीमियम पर किया गया है।
फेसबुक ने जियो प्लेटफॉर्म्स में 4.62 लाख करोड़ रुपये के उद्यम मूल्य के आधार पर 5.7 अरब डॉलर (43,574 करोड़ रुपये) का निवेश करने की घोषणा की थी। फेसबुक ने कंपनी में 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। किसी कंपनी की इक्विटी वैल्यू उसकी मौजूदा और भविष्य की क्षमताओं को दिखाती है जबकि एंटरप्राइज वैल्यू कंपनी की वास्तविक बैलेंस शीट की तरह ही होती है। बयान के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज के पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स एक अगली पीढ़ी की डिजिटल प्रौद्योगिकी कंपनी है। इसमें कंपनी की जियो एप, डिजिटल पारिस्थितिक और दूरसंचार एवं तेज गति की इंटरनेट सेवा शामिल है। सिल्वर लेक ने कई वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों जैसे कि एयरबीएनबी, अलीबाबा, आंट फाइनेंशियल, अल्फाबेट की वेरिली और वायमो, डेल टेक्नोलॉजीस, ट्विटर इत्यादि में भी निवेश किया है।
इस बारे में रिलायंस के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि देश के डिजिटल स्वरूप को बदलने और उसकी वृद्धि में शामिल होने पर वह सिल्वर लेक का स्वागत करते हैं। यह सभी भारतीयों के लिए लाभकारी होगा। वहीं सिल्वर लेक के सह-मुख्य कार्यकारी अधिकारी इगोन डरबन ने कहा कि जियो प्लेटफॉर्म्स दुनिया की सबसे प्रमुख कंपनियों में से एक है जिसका संचालन मजबूत और उद्यमी प्रबंधकीय टीम करती है। इस सौदे के लिए नियामकीय मंजूरियां ली जानी बाकी हैं। मॉर्गन स्टैनली इस सौदे में वित्तीय परामर्शदाता और एजीबी एंड पार्टनर्स और डेविस पोक एंड वाडवैल विधिक सलाहकार की भूमिका में रहे।

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