CPAA व WHO द्वारा मुफ्त म्यूजिकल कंसर्ट ‘यस टू लाइफ़… नो टू टोबैको’ का किया जा रहा है आयोजन
नई दिल्ली। एक तरफ दुनिया जहां कोविड-19 जैसी महामारी से जूझ रही है, तो वहीं दूसरी तरफ कैंसर पेशंट्स ऐड एसोसिएशन (CPAA) व विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की साझेदारी में एक अनूठे म्यूजिकल कंसर्ट का आयोजन करने जा रहा है। इस कंसर्ट का नाम ‘यस टू लाइफ… नो टू टोबैको’ रखा गया है और इसका आयोजन 7 जून, 2020 को रात 8.00 बजे से शुरू होगा। इस कंसर्ट में शान, कुणाल गांजावाला, सलीम सुलेमान, नेहा भसीन जैसे प्रमुख गायक/गायिकाएं अपनी गायिकी का जलवा बिखेरेंगे। इस कंसर्ट का मकसद इस महामारी के दौरान कैंसर के मरीजों का इलाज पूरा करने में हरसंभव मदद करना है।
इस कंसर्ट से हासिल होने वाली सहायता राशि से उन गरीब मरीजों की मदद की जाएगी जो अपने इलाज के लिए मुम्बई तो पहुंचे हैं, मगर लॉकडाउन के दौरान वे फंस गये हैं। ऐसे में CPAA की ओर से ऐसे मरीजों को मासिक तौर पर राशन मुहैया कराने के साथ-साथ उनके ठहरने की व्यवस्था में भी मदद की जा रही है और उन्हें हाइजीन किट्स के जरिए सैनटाइजर, मास्क आदि चीजे उपलब्ध कराई जा रही हैं। ऐसे मरीजों को और जागरूक बनाने के लिए CPAA ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर एक म्यूजिकल कंसर्ट का आयोजन किया है। इस कंसर्ट में शान, कुणाल गांजावाला, बेनी दयाल, सलीम मर्चेंट, शादाब फरीदी, नेहा भसीन, जोनिता गांधी, शिल्पा राव, ध्वनि भानुशाली, अदिति सिंह, भूमि गांधी, आकृति कक्कड़, अनुषा मणि, ममता शर्मा, रसिका शेखर के अलावा भी कई और विशिष्ट हस्तियां हिस्सा लेंगी। इस कंसर्ट को मुफ्त में सीधे तौर पर टिक टॉक पर देखा जा सकेगा।
इस कंसर्ट की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि निरंतर 150 मिनट तक चलने वाले इस मनोरंजक कंसर्ट के माध्यम से जागरुकता संबंधी जो सूचनाएं प्रसारित की जाएंगी,
इस साल ‘वर्ल्ड नो टोबैको डे-2020’ के मद्देनजर थीम ‘युवाओं का तंबाकू उद्योग व उनके हथकंडों से बचाव और युवाओं को तंबाकू व निकोटीन के सेवन से रोकना’ रखी गयी है। ऐसे में CPAA ने डिफर्ड लाइव कार्यक्रम – क्विट इंडिया टोबैको (तंबाखू भारत छोड़ो) का आयोजन भी किया है। इसका मकसद सोशल मीडिया के प्रभाव, इसकी पहुंच और उसके उन्मुक्त स्वभाव को बेहतर ढंग समझना और उसका बढ़िया इस्तेमाल करना है।
तंबाकू जनित पदार्थों से हर साल 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है। तंबाकू और उससे जुड़े हुए उद्योगों को अपने ऐसे उपभोगताओं को रीप्लेस करने के बारे में निरंतर सोचते रहना चाहिए, जो कमाई के चक्कर में उनके उत्पादों के सेवन से मौत का शिकार हो रहे हैं। सिर्फ भारत में ही तंबाकू के सेवन से हर साल 13.5 लाख लोगों की मौत होती है। पूरे विश्व में कैंसर से होनेवाली मौतों में 25% मौतों का कारण तंबाकू का सेवन है। निकोटीन और तंबाखू उत्पादों के सेवन से कैंसर, हृदयरोग और फेफड़े संबंधी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। तकरीबन 10 लाख लोगों की मौत दूसरों के धूम्रपान करने से निकले धुएं के सेवन से हो जाती है। तंबाकू से जुड़े उत्पादों को बेचने वाली कंपनियों ने विज्ञापनों पर 8 बिलियन डॉलर खर्च कर डाले और दुनियाभर में इन उत्पादों के सेवन और सेकेंड हैंड एक्पोजर से मरने वालों की संख्या 80 लाख तक पहुंच गयी।
CPAA की कार्यकारी निदेशक अनीता पीटर कहती हैं, ‘वर्ल्ड नो टेबैको डे 2020’ नीति-निर्धारकों और सामान्य लोगों को तंबाकू उद्योग द्वारा अपनाये जाने वाले हानिकारक हथकंडों से अवगत कराएगा। इसके अलावा धूम्रपान करने वालों और संभावित धूम्रपान करनेवालों को भी चेताया जाएगा क्योंकि धूम्रपान करना युवाओं की मौत का सबसे बड़े कारणों में से एक है। CPAA को इस बात का बेहद गर्व है कि वह पिछले 51 सालों से कैंसर के क्षेत्र में कार्यरत है और इसके जरिए हमने हर साल मुंह और फेफड़ों के कैंसर से जूझ रहे 3000 मरीजों के इलाज में मदद की। गौर करने वाली बात है कि इस महामारी के चलते तंबाकू का उपभोग करने वालों को कोविड-19 का शिकार होने का ज्यादा खतरा है क्योंकि धूम्रपान करने से फेफड़े कमजोर हो जाते हैं।’