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पर्यावरण हित में समर्पित किराना किंग का ‘प्रोजेक्ट चिरैय्या’

जयपुर। आत्मनिर्भर भारत में सहभागिता निभाता किराना किंग, ग्रोसरी रिटेल नेटवर्क क्षेत्र में भारत का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ ब्रांड बन चुका है। पारम्परिक किराना व्यापारियों की आत्मनिर्भरता, सशक्तिकरण और टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ने के संकल्प के माध्यम से किराना किंग ने सब को साथ लेकर आगे बढ़ने की सोच का अनूठा उदहारण चरितार्थ किया है।
व्यावसायिक हितों के साथ साथ किराना किंग सामाजिक हितों के प्रति भी अपने सार्थक प्रयासों से उदहारण प्रस्तुत करता रहा है। प्रतिवर्ष की भांति, इस वर्ष भी किराना किंग ने अपने कार्यक्रम ‘प्रोजेक्ट चिरैय्या’ के तहत भीषण गर्मी की मार झेल रहे पक्षियों के लिए किराना किंग द्वारा निशुल्क परिंदों का स्वछन्द वितरण किया गया। इस वर्ष किराना किंग ने विशेष रूप से निर्मित टिनबॉक्स फीडर्स भी वितरित किये और इन्हे मंदिरों, धर्मशालाओं, इत्यादि में लगाया गया।
आज 20 जून को ‘प्रोजेक्ट चिरैय्या’ के अंतर्गत युवा जाग्रति संगठन के समाज सेवी कर्मठ कार्यकर्ताओं के सहयोग से परिंदों के वितरण और स्थापना के कार्यक्रम को संपन्न किया गया। इस कार्यक्रम के तहत दुर्गापुरा, टोंक रोड, मालवीय नगर, मानसरोवर एवं शहर के अन्य कई क्षेत्रों में 1001 परिंडे वितरित किये गए।
सामाजिक दायित्वों के प्रति किराना किंग की इस पहल को आमजन द्वारा बहुत सराहा गया और पर्यावरण कल्याण के इस पुनीत कार्य के लिए शुभकामनाएं भी प्रेषित की। पूर्व में भी स्वछता अभियान, वृक्षारोपण अभियान, बाल विकास सहित अन्य सामाजिक दायित्वों के प्रति किराना किंग अपनी सकारात्मक सहभागिता निभाता रहा है।
वर्त्तमान में 150़ किराना किंग नेटवर्क स्टोर्स के साथ किराना किंग, किराना क्षेत्र में क्रांति लाने की दिशा में कार्य कर रहा है। निस्संदेह, किराना किंग की सफलता सामाजिक सरोकारों में उनके योगदान को और अधिक व्यापकता और गतिशीलता प्रदान करेगी।
किराना किंग के फाउंडर एवं सीईओ, श्री अनूप कुमार खंडेलवाल के अनुसार समाज और व्यापार एक ही सिक्के के दो पहलु हैं। किसी भी व्यापार की सफलता इसी बात पर निर्भर करती है की आप सामाजिक सरोकारों के तहत समाज को क्या दे रहे हैं। किराना किंग सामाजिक और पर्यावरण हितैषी नीति के साथ साथ ‘आत्मनिर्भर भारत’ के स्वप्न में बड़ी भागीदारी निभाएगा। इस के साथ साथ किराना किंग लोकल किराना व्यापारियों के समर्थन में कार्यरत है ताकि लोकल अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचे को और अधिक सशक्त किया जा सके। अनूप कुमार खंडेलवाल का मानना है की व्यापार के सभी वर्गों का लोकल के लिए वोकल होना नितांत अनिवार्य है।

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