राष्ट्रीय

अर्जुन मुंडा ने एमएफपी वृक्षारोपण और वानिकी कार्यों को मानरेगा में शामिल करने का किया आग्रह

नई दिल्ली। जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर वृक्षारोपण और वनरोपण संबंधित कार्य को मनरेगा में शामिल करने का आग्रह किया है। मुंडा ने शनिवार को लिखे अपने पत्र में कहा है कि जनजातीय कार्य मंत्रालय विशेष रूप से आदिवासियों के आजीविका के लिए वनोपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य के माध्यम से लाभकारी समर्थन मूल्य प्रदान कर उन्हें विपणन की व्यवस्था करा रही है। उनके आजीविका के लिए गैर इमारती लकड़ी के वन उत्पादन (एनटीएफपी) ही साधन हैं। इस योजना के तहत, एमओटीए ने वन धन योजना, मूल्य वर्धन के लिए कार्यक्रम, लगभग 300 सदस्यों के वन धन केंद्रों की स्थापना करके लघु वन उत्पादों की ब्रांडिंग विपणन भी शुरू किया है ताकि टिकाऊ आजीविका के निर्माण को सुगम बनाया जा सकेऔर वन आधारित जनजातियों के लिए आय उत्पन्न की जा सके। 21 राज्यों और 1 यूटी में 1126 वन धन केंद्र स्वीकृत किए गए हैं जिनमें 36 लाख आदिवासी संग्रहकर्ता शामिल हैं। मुंडा ने कहा कि कोविड-19 की महामारी फैलने के कारण वर्तमान स्थिति ने आदिवासी संग्रहकर्ताओं सहित गरीब और हाशिए पर पड़े समुदायों की आजीविका को गंभीर आघात पहुंचा है । इस महामारी ने प्रवासी मजदूरों को भी अपने घरों में लौटने के लिए मजबूर कर दिया है, जिन्हें रोजगार और टिकाऊ आजीविका की सख्त जरूरत है । ग्रामीण विकास मंत्रालय देश भर में अपनी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के माध्यम से ग्रामीण आबादी को रोजगार और आजीविका के अवसर प्रदान करता है। मनरेगा के तहत एमएफपी वृक्षारोपण और वानिकी से संबंधित गतिविधियों को शामिल करने के लिए रोजगार गतिविधियों के दायरे का विस्तार एमएफपी के लिए इस मंत्रालय की न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के साथ तालमेल लाने में मदद कर सकता है। इस तालमेल से न केवल जनजातीय समुदायों को मजदूरी के माध्यम से तत्काल आय प्राप्त करने में मदद मिलेगी बल्कि दीर्घकाल में संरक्षण और लाभप्रद वनीकरण में भी मदद मिलेगी । मुंडा ने कहा कि वह उनसे अनुरोध करते हैं कि कृपया इस प्रस्ताव पर विचार करें और वनों में रहने वाले जनजातीय समुदायों को लाभ पहुंचाने के लिए दोनों मंत्रालयों के बीच आपसी तालमेल केअवसर हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय के अधिकारी इस मामले को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने के लिए आपके मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत कर सकते हैं।

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