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मैं खुद को अछूत मानने को तैयार नहीं हूं, मैं भी सबकी तरह इस देश का एक नागरिक हूं, एक इंसान हूं : कर्मवीर बेजवाड़ा विल्सन

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के कौन बनेगा करोड़पति 12 में इस शुक्रवार के कर्मवीर स्पेशल एपिसोड में सफाई कर्मचारी आंदोलन के संस्थापक बेजवाड़ा विल्सन का स्वागत किया जाएगा। विल्सन पिछले 34 वर्षों से मैला ढोने की प्रथा के खिलाफ लड़ रहे हैं और इस काम में फंसे लोगों के पुनर्वास के लिए संघर्ष कर रहे हैं।सोनीटीवीकेशो क्राइम पेट्रोलके मशहूर एंकर अनूप सोनी भी इस शुक्रवार 30 अक्टूबर को चैंपियन बनकर मानव अधिकार कार्यकर्ता रेमन मैग्सेसे और अशोका फेलो सम्मान प्राप्त कर चुके बेजवाड़ा विल्सन के नेक काम में उनका समर्थन करते नजर आएंगे।
बेजवाड़ा विल्सन का जन्म कर्नाटक की कोलार गोल्ड फील्ड्स मेंहुआ था और वो मैला ढोने वाले समुदाय से थे। वोदेखते थे कि बहुत-से बच्चे स्कूल छोड़कर मैला ढोने का काम कर रहे थे। इस बारे मेंबताते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं 13 साल का था, जब मैंनेदेखा कि मेरे मां-बाप और मेरा भाई गुजारा चलाने के लिए मानव मल ढोते थे। यह देखकर मुझे बड़ा झटका लगा था। स्कूल में मेरे दोस्त मुझे चिढ़ाते थे। जब मैंअपने माता-पिता से पूछता था कि वो जीने के लिए क्याकरतेहैं, तो वो हमेशा मुझसे यह छुपातेथे।लेकिन जब मुझे हमारी पृष्ठभूमि के बारे में पता चला तो मैं मरजाना चाहता था।’ इसके बाद से ही वे इसनीच पेशे के खिलाफ संघर्ष कर रहेहैंऔर इसे जड़ से उखाड़कर यह सुनिश्चित कर ना चाहते है कि मैला ढोने का काम कर रहा आखिरी इंसानभी इस काम को छोड़ दे।
बेजवाड़ा विल्सन ने यह भी बताया, ‘एक दिन के लिए भी गंदगी ढोना बहुत मुश्किलहै। हर साल करीब 200 लोगइस काम के कारण बीमारी का शिकार होकर मर जाते हैं। हमारे साथ खेलने वाले बच्चे हीबोलते थे कि आप भंगी हैं और वो जानते हीनहीं किभंगी का मतलब क्याहै। कोई भी इंसान यह स्वीकार नहीं करेगा कि वो अछूतहै। मैंने भंगी बनने का चुनाव न हीं किया बल्कि आपने (इस देश की जनता ने) मुझे मैला ढोने वाला बनाया। आज तक मैं यह मानने को तैयार नहीं हूं कि मैं अछूतहूं।सभी की तरह मैंभी इस देश का एक नागरिक हूं, एक इंसान हूं।’

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