लाइफस्टाइलसौंदर्य

अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौन्दर्य विशेषज्ञ और हर्बल क्वीन शहनाज हुसैन का साक्षात्कार

– कृपया अपने जीवन के प्रारम्भिक संघर्ष के दौर पर प्रकाश डालिए। आपको शुरूआत संघर्ष में किसने प्रेरित किया।
लन्दन में मेरी सौंदर्य प्रसाधन पर पढ़ाई के दौरान मुझे रसायनिक सौंदर्य उत्पादों से त्वचा, बालों आदि को होने वाली हानि की जानकारी मिली। मैं यह जानकार हतप्रभ रह गई तथा इस घटना ने मेरे जीवन तथा कैरियर दोनों को बदल दिया। मैंने सौंदर्य में प्राकृतिक उत्पादों के उपयोग पर अनुसन्धान शुरू किया जोकि बिल्कुल सुरक्षित तथा बिना किसी जोखिम के प्राकृतिक सौन्दर्य प्रदान कर सके। मैंने आर्युवैदिक सौन्दर्य प्रसाधनों पर किए गए अनुसंधान में यह निष्कर्ष पाया कि हर्बल उत्पाद आधुनिक कास्मेटिक केयर का उचित विकल्प है। वर्ष 1971 में भारत आने के बाद मैंने अपने घर के छोटे से बरामदे में पहला हर्बल सैलून शुरू किया। उस सैलून में विशुद्ध प्राकृतिक उत्पादों के माध्यम से सौंदर्य समस्याओं का समाधान प्रदान किया गया जोकि सौन्दर्य के बाजार में एक बिल्कुल नया प्रयोग था। मैंने आर्युवैदिक सिद्धांतों के अनुरूप प्राकृतिक पदार्थो तथा पौधे के संघटकों पर आधारित सौन्दर्य प्रसाधनों का उत्पादन शुरू किया तथा आज यह सैलून प्राकृतिक सौन्दर्य उपचार में विश्व में लोकप्रियता हासिल कर चुके है। आज विश्व भर में हमें सामान्य सौन्दर्य उपचार के लिए ही नही जाना जाता है बल्कि कील-मुंहासे, चेहरे के दाग, असमय बुढ़ापा, बालों के झड़ने, बालो की रूसी, पिग्मन्टेशन आदि सौन्दर्य से जुड़ी समस्याओं के चिकित्सीय उत्पादों के लिए जाना जाता है। मैंने सामान्य घरों की महिलाओं को उनके अपने घर के छोटे से कोने में सौन्दर्य सैलून चलाने के लिए प्रेरित किया ताकि वह आर्थिक रूप से स्वतन्त्रता प्राप्त कर सके तथा उनसे एक नई फ्रेंचाईज प्रणाली का जन्म हुआ। उससे गृहणियों को एक कैरियर मिला तथा वह परिवार की देखभाल भी बराबर करती रही। मैंने आम घरेलू महिलाओं को हर्बल ब्यूटी का गहन प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए समाज में उतारा। यह मेरी फ्रेंचाईज प्रणाली तथा सौन्दर्य प्रशिक्षण अकादमी की शुरूआत थी। आज शहनाज हुसैन फ्रेंचाईज एक सफल बिजनेस माॅडल बन गया है जिसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान तथा मांग है।
आज हम इस विशिष्ट फ्रेंचाईज प्रणाली के माध्यम से विश्व के लगभग 100 देशों में उपभोक्ताओं को भारतीय उत्पादों को सीधे पहुंचाते है। 1971 में मात्र घर के बरामदे में एक ब्यूटी सैलून की शुरूआत के बाद आज पूरे विश्व में फ्रेंचाईज प्रणाली के माध्यम से हमारे उत्पाद विश्व भर के उपभोक्ताओं को घर द्वार पर मिल रहे हैं तथा यह हमारी सफलता की कहानी है।
मेरे स्वर्गीय पिता जी ने मुझे अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणा दी। जब मैंने व्यवसायिक क्षेत्रों में पदार्पण किया तो उन्होंने मुझे अपनी काबिलयत पर भरोसा करने का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि भाग्य नाम की कोई वस्तु नहीं होती तथा आप अपना भाग्य स्वयं बना सकती है। आप अपने प्रयत्नों से जो चाहे बन सकती है। मैंने अपने घर में पहला हर्बल सैलून खोलने के लिए अपने पिता जी से 35,000/- रूपये उधार लिए थे। मेरी सफलता के पीछे मेरे पिता जी की वह अवधारणा है कि मैं कामयाब पेशेवर बनूंगी। उनकी लगातार मदद मेरी सफलता की कूंजी साबित हुई।
– आप आज अपने आपको कहां पाती है तथा आगामी पांच-दस वर्षो में आपक क्या लक्ष्य है।
आज मैं विश्व के अपने प्रकार के सबसे बडे संगठन की मुखिया हूं जिसका फ्रेंचाईज सैलून, स्पा, रिटेल, आउटलेट, ब्यूटी ट्रेनिंग इन्स्टीचयूट तथा 380 सौन्दर्य उत्पादों का विश्व भर में नैटवर्क है। आज हमारे विश्व के 100 देशों में फ्रेंचाईज तथा उत्पादों को बेचने के डिस्ट्रीब्यूटर है। हम पूरे विश्व में अपनी पकड़ को मजबूत बना रहे है। मेरा यह मानना है कि आगामी दशक में सौन्दर्य प्रसाधन उत्पादों में आर्युवैदिक का डंका बजेगा तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में हमारा दबदबा बढ़ेगा। नए उत्पादों की खेाज में हमारे संगठन को अत्याध्कि फायदा पहुंचा है तथा मैं भविष्य में नए उत्पादों की खोज तथा उन्हें बाजार में उभारने की प्रक्रिया को सुदृढ़ करूंगी।
– आपके समूह की भावी योजनाऐं क्या हैं। क्या आप अपनी प्रगति से संतुष्ट हैं या अभी और उंचाईयां ग्रहण करने की तमन्ना है।
हम अमेरिका, इंग्लैंड, कनाड़ा मिडलईस्ट, ऑस्ट्रेलिया सिंगापुर, रूस जैसे देशों में अपनी उपस्थिति को बढाना चाहते है। भविष्य में हम अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडिंग को मजबूत करके विश्व भर में अपने फ्रेंचाईज का विस्तार करके उन क्षत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे जहां अभी हमारी एंट्री नहीं है। मैंने वाहवाही पर कभी भरोसा नहीं करती तथा हमेशा नई चुनौतियों का सामना करते हुए नए शिखरों को पार करने का लक्ष्य रखती हूं।
– क्या राजनीतिक में प्रवेश करने की कोई इच्छा है?
नहीं मेरी राजनीति में प्रवेश करने की कतई कोई इच्छा नहीं है।
– प्राकृतिक सौन्दर्य बनाए रखने के लिए युवाओं को आपका सन्देश क्या है?
आन्तरिक अच्छा स्वास्थ्य तथा बाहरी सौन्दर्य एक सिक्के को दो पहलू है। वास्तविक सौन्दर्य शारीरिक तंदरूस्ती तथा  अच्छे स्वास्थ्य से ही ग्रहण किया जा सकता है। वास्तविक सौन्दर्य प्राप्त करने के लिए पर्याप्त पोषाहार शारीरिक कसरत तथा स्वास्थ्य जीवन शैली आधारभूत मानी जाती है। प्राकृतिक सौन्दर्य प्राप्त करने क लिए हर्बल तथा प्राकृतिक उत्पादों का प्रयोग कीजिए तथा रसायनिक सौन्दर्य प्रसाधनों तथा उपचार से हमेशा परहेज कीजिए।
– आप सौन्दर्य को कैसे परिभाषित करती है?
सौन्दर्य वास्तव में शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक शक्तियों का मिश्रण होता है। इन सबको को मिलाकर समन्वय बनाने से ही वास्तविक सौन्दर्य प्राप्त किया जा सकता है।
– हर मौसम में सौन्दर्य बरकरार रखने के नुस्खे बताईए।
सुन्दरता व्यक्ति की विशिष्ट त्वचा तथा मौसम के अनुरूप होनी चाहिए। शुष्क त्वचा तथा सर्दियों में ज्यादा क्रीम तथा माइस्चाईजर उपयोग में लाने चाहिए। तैलीय त्वचा के लिए हल्का माइस्चराईजर तथा गैर तैलीय उत्पादों का उपयोग कीजिए। गर्मियों में रिफ्रेशर, एस्ट्रीजैन्टस तथा टोनर का अधिकतम उपयोग कीजिए।

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