धर्म

जानें क्या है……..ईद के दिन की सुन्नतें…

ईद दुनिया भर के मुसलमानों के लिए खुशी का दिन है। इस्लाम में दो ही खुशी के दिन हैं, ईद-उल फित्र और ईद उल जुहा। रमजान में पूरे महीने रोजे रखने के बाद ईद-उल फित्र मनाई जाती है। ईद अल्लाह से इनाम लेने का दिन है।
रमजान-उल मुबारक माह के बाद ईद-उल-फित्र के इस मुबारक दिन में सुबह के वक्त सभी लोग ईदगाह में जमाकर होकर ईद की नमाज अदा करते हैं। नमाज के पहले हर मुसलमान के लिए फितरा देना फर्ज है। फितरे के तहत प्रति इंसान पौने दो किलो अनाज या उसकी कीमत गरीबों को दी जाती है। इसका मकसद यह है कि गरीब भी ईद की खुशी मना सकें।
ईद की नमाज के बाद इमाम खुत्बा देते हैं और दुआ फरमाते हैं। इसके बाद सभी ईमान वाले एक-दूसरे के गले लगकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। ईद की सब से ज्यादा खुशी बच्चों को होती है। इस दिन बच्चों के चेहरे की रौनक देखते ही बनती है।
ईद के दिन की सुन्नतें-

  • सुबह जल्दी उठकर फज्र की नमाज अदा करने के खुद की सफाई और कपड़े वगैरह तैयार रखना।
  • गुस्ल (नहाना) करना।
  • मिस्वाक (दातून) करना।
  • सबसे उम्दा और साफ कपड़े पहनना।
  • इत्र लगाना (सिर्फ पुरुष)।
  • ईदगाह जाने से पहले कुछ खाना।
  • नमाज से पहले फितरा, जकात अदा करना।
  • ईदगाह में जल्दी पहुंचना।
  • ईद की नमाज खुले मैदान में अदा करना। (बारिश या बर्फ गिरने की स्थिति में नहीं)
  • ईदगाह आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्तों का इस्तेमाल करना।
  • ईदगाह जाते वक्त यह तकबीर पढ़ना।
    ‘अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर, लाइलाहा इल्ललाह, अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर, वलिल्लाहिलहम्द।’ (अल्लाह बड़ा है, अल्लाह बड़ा है। अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं। अल्लाह बड़ा है, अल्लाह बड़ा है। सारी तारीफें अल्लाह के लिए हैं।)

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