मनोरंजन

जन्माष्टमी को लेकर क्या कहते हैं….सोनी सब के कलाकार

सिद्धार्थ निगम- सोनी सब के ‘अलादीन-नाम तो सुना होगा’ के अलादीन
‘‘हम लोग जुहू स्थिति राधाकृष्ण मंदिर जाकर जन्माष्टमी मनाते हैं। वहां बहुत ही बड़ा कार्यक्रम होता है। जब मैं इससे पहले वाले शो में काम कर रहा था, उसमें एक सीन था जहां मुझे ‘मटकी’ फोड़ने की परंपरा निभानी थी। मैंने उसे एक ग्रुप के साथ असलियत में किया था, जोकि जन्माष्टमी पर इस तरह के रस्म निभाते हैं। उस सीक्वेंस को परफाॅर्म करने के दौरान मैं तीन बार गिरा, लेकिन शुक्र है कि मुझे चोट नहीं लगी। आखिरकार मैंने उसे पूरा किया। वह खुशी इतनी वास्तविक और संतुष्टि देने वाली थी कि मैं उसे कभी भूल नहीं सकता।

कृष्णा भारद्वाज- सोनी सब के ‘तेनाली रामा’ में तेनाली
‘‘ऐसा कुछ सोचा नहीं है क्योंकि मैं सोनी सब के ‘तेनाली रामा’ की शूटिंग में व्यस्त रहूंगा। यदि उस दिन छुट्टी मिलती है तो मैं जुहू के इस्काॅन मंदिर जाना चाहूंगा और भगवान कृष्ण का आशीर्वाद लूंगा। साथ ही वहां लोगों के साथ यह त्योहार मनाऊंगा। मैंने कई सारे कार्यक्रमों के बारे में देखा और सुना है, लेकिन कभी भी मुझे मटकी फोड़ने का मौका नहीं मिला। सच पूछिये तो मैंने कभी इसके बारे में सोचा भी नहीं, लेकिन यह कुछ ऐसा है जिसे करने के लिये मैं वाकई बहुत उत्साहित हूं।’’

आमिर दल्वी- सोनी सब के ‘अलादीन- नाम तो सुना होगा’ के ज़ाफर
‘‘हर साल मेरी पूरी बिल्डिंग में दही हांडी होती है। यदि मैं शूटिंग कर रहा होता हूं तो मैं उसे अपनी खिड़की से देखता हूं और यदि मैं रास्ते में हूं तो उन दिलचस्प नजारों को देखता हुआ चलता हूं। इस साल भी मैं ऐसा ही कुछ करने वाला हूं। जब मैं काॅलेज में था, एक बार हमारे काॅलेज में दही हांडी का कार्यक्रम हो रहा था। वह काफी ऊंचा था, लगभग पांचवीं मंजिल जितना। लोग मटकी फोड़ने के लिये एक के ऊपर एक चढ़कर आ रहे थे। गेस्ट के तौर पर स्थानीय राजेनता को बुलाया था, लेकिन वह आये नहीं। आखिरकार, हमें पता चला कि वह शायद किसी और कार्यक्रम में शामिल होने चले गये हैं। हमने लगभग 3 घंटे तक इंतजार किया, उसके बाद ही हमने मटकी फोड़ी। दही हांडी के कार्यक्रम से जुड़ी यही एक घटना मुझे अच्छी तरह याद है।’’

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