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एमटेक्स 2018 ने वैश्विक मशीन टूल्स सेक्टर्स में 10 देशों के तकनीकी इनोवेशन एवं अवसरों का प्रदर्शन किया

नई दिल्ली। भारत में द्विवार्षिक मशीन टूल्स और इंजीनियरिंग प्रदर्शनी, एमटेक्स 2018, का शुभारंभ आज प्रगति मैदान, नई दिल्ली में हुआ। यह प्रदर्शनी ’मैन, मशीन एंड द फ्यूचर’ की थीम पर आधारित है। इस संस्करण में नवीनतम इनोवेशंस और नीदरलैंड, इटली, दक्षिण कोरिया, चीन, जर्मनी और ताइवान के मशीन टूल्स उद्योग की बढ़ती जरूरतों से निपटने वाले समर्पित समाधानों का प्रदर्शन किया गया है। यह चार दिवसीय आयोजन विशेष रूप से ऑटोमोटिव, बिजली, विद्युत उपकरण, वस्त्र उद्योग मशीनरी और उपभोक्ता सामान उद्योग पर केंद्रित है। इस संस्करण की प्रमुख बातों में गुणवत्ता, मेट्रोलोजी, टूलिंग, ऑटोमेशन और रोबोटिक्स को समर्पित 3 समवर्ती शो शामिल हैं।
उद्घाटन समारोह में श्री के. मुरली, निदेशक, एमएसएमई-टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर, श्री आर. पन्नीर सेल्वम, मुख्य निदेशक, एमएसएमई-टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर, श्री सतीश रानाडे, वीपी, इलेक्ट्रॉनिका इंडिया लिमिटेड, श्री राकेश अग्रवाल, प्रबंध निदेशक, लेजर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, सुश्री लिंडा, वैश्विक बिक्री प्रमुख, जियांगसू दाइजिन लेजर साइंस टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड, श्री साइरिल परेरा, प्रबंध निदेशक, रीड ट्राइयून एग्जिबीशंस प्राइवेट लिमिटेड, और श्री ग्रेगरी जाराइस्की, सीईओ, रीड एग्जिबीशंस इंडिया जैसी गणमान्य हस्तियों की गरिमामय उपस्थिति रही।
भारतीय मशीन टूल्स मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (आईएमटीएमए) के अनुसार, 2017 में मशीन टूल्स सेक्टर का बाजार आकार 1.7 अरब अमेरिकी डॉलर था। मशीन टूल उद्योग में लगभग 25% बड़े खिलाड़ी हैं और शेष 75% में मुख्यतः छोटे निर्माता और विनिर्माण कंपनियां आती हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि भारत के मशीन टूल्स उद्योग में 2020-2022 तक 3-4 अरब डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है। वैश्विक सम्मेलन भारतीय निर्माताओं को प्रोत्साहित करता है और उन्नत तकनीक वाले नए जमाने के मशीन उपकरणों को अपनाए जाने के फायदों के बारे में गहन चर्चा करता है। ये वे मशीन टूल्स हैं, जो भारत में विनिर्माण क्षेत्र की प्रगति को तेज कर सकते हैं।
प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए एमएसएमई-टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर के मुख्य निदेशक श्री आर. पन्नीर सेल्वम ने कहा, “एमटेक्स मशीन टूल्स और इंजीनियरिंग सेक्टर के उद्योगपतियों और विशेषज्ञों को एक साथ लाने वाला एक बढ़िया मंच है। भारत में मेक इन इंडिया जैसी पहलों के माध्यम से इनोवेशन और भारतीय उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसके साथ ही विनिर्माण में वृद्धि भी हो रही है, जो अंततः नए और अनूठे भारतीय उद्यमों को बढ़ावा दे रही है। 250 करोड़ रुपए तक के कारोबार के लिए कॉर्पोरेट टैक्स में 25% की कटौती भी देश के कुछ बड़े मशीन टूल निर्माताओं को लाभ पहुंचाएगी और इसकी तरक्की में योगदान देगी।
रीड ट्राइयून एग्जिबीशंस प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक साइरिल परेरा के अनुसार, “हमें एमटेक्स का 11वां संस्करण पेश करते हुए बेहद प्रसन्नता हो रही है। यह मशीन टूल्स और इंजीनियरिंग सेक्टर के उद्योग के अग्रणियों के लिए शानदार और उपयोगी गंतव्य बन चुका है। यह व्यापक तौर पर विनिर्माण बिरादरी के लिए एक आदर्श मंच है, जहां वे अपने कारोबार से जुड़ी जरूरतों के लिए सही समाधान निश्चित तौर पर पा सकते हैं। भारत वर्तमान में उत्पादन में 12वें और खपत में 8वें (गार्डनर सर्वे 2017) स्थान से आगे बढ़ने के लिए तैयार है। इसके लिए उद्योग को अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक लाभों के लिए इस मांग और निवेश को पूरा करने की क्षमताएं विकसित करने की जरूरत है। जैसा कि हम 150 अंतरराष्ट्रीय कंपनियों और 120 से अधिक पहली बार के प्रतिभागियों सहित 450 से अधिक प्रदशकों के जुड़ाव की उम्मीद कर रहे हैं, यह प्रदर्शनी अभिनव प्रौद्योगिकी को लेकर उत्साहवर्धक होगी।“

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