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येस बैंक, नमामी गंगे परियोजना को 156 करोड़ रुपये फंड देगा

नई दिल्ली। येस बैंक ने हाइब्रिड एन्युइटी-पीपीपी मॉडल के तहत वाराणसी में पहले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ‘‘एसटीपी’’ के निर्माण को फंड देने की प्रतिबद्धता प्रकट की है। बैंक ने एस्सेल इन्फ्राप्रोजेक्ट्स के साथ 156 करोड़ रुपये के फाइनेंशियल क्लोजर के लिए डील पक्की की है, जिसके द्वारा नमामी गंगे परियोजना के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ‘‘एसटीपी’’ की फंडिंग हो पाएगी।
इस अवसर पर बोलते हुए येस बैंक के एमडी, सीईओ और येस ग्लोबल इंस्टीट्यूट के चेयरमैन, श्री राणा कपूर ने कहा, ‘नमामी गंगे परियोजना, स्वच्छ भारत पहल की सही अभिव्यक्ति हैं। येस बैंक, अपने जिम्मेदार बैंकिंग लोकाचार के चलते सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स तथा अन्य संबंधित क्षेत्रों में ऐसी टिकाऊ परियोजनाओं के प्रति समर्पित है, जिनका सामाजिक और पारिस्थितिकीय प्रभाव महत्वपूर्ण होता है।
एस्सेल इन्फ्राप्रोजेक्ट्स के बिजनेस स्ट्रेट्जी, प्लानिंग और बिजनेस डेवलपमेंट के अध्यक्ष, श्री कमल महेश्वरी ने येस बैंक और एस्सेल इन्फ्राप्रोजेक्ट्स के बीच इस अभूतपूर्व डील की सराहने करते हुए कहा, ‘हम बेहद खुश हैं कि यह सौदा पक्का हुआ और नमामी गंगे तथा स्वच्छ भारत के प्रति येस बैंक की प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं।’
एस्सेल इन्फ्रा, डॉ सुभाष चंद्रा के एस्सेल ग्रुप के इस उद्यम को हाल ही में वाराणसी में एसटीपी के निर्माण के लिए कॉन्ट्रैक्ट मिला था। 11 अगस्त 2017 को दिल्ली में, एस्सेल इंफ्राप्रोजेक्ट्स और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा ‘‘एनएमसीजी’’ के बीच पीपीपी माॅडल आधारित हाइब्रिड एन्युइटी के तहत एसटीपी के विकास के लिए एक रियायती समझौता किया गया था। वाराणसी आधारित 50 एमएलडी एसटीपी, नमामी गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत दी गई ऐसी दो परियोजनाओं में से प्रथम है। एचएएम के तहत, 40 प्रतिषत लागत को निर्माण के साथ और शेष 60 प्रतिषत को ऑपरेटर के प्रदर्शन के साथ जोड़ा जाएगा।

 

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