मारुति सुजुकी के लगभग 3,000 अस्थायी कर्मचारियों पर गिरी मंदी की गाज
नई दिल्ली। मंदी की मार झेल रही मारुति सुजुकी इंडिया ने अपने 3,000 से भी ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों नौकरी से निकाल दिया है। अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ती जा रही है और इसका सबसे ज्यादा असर ऑटो इंडस्ड्री पर दिखाई दे रहा है। देश की कई बड़ी कंपनियां या तो प्लांट में प्रोडक्शन बंद कर रही हैं या फिर कर्मचारियों को निकाल कर कास्ट कटिंग से काम चलाया जा रहा है। मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने मीडिया से बताया कि ऑटो इंडस्ट्री में आई नरमी को देखते हुए अस्थाई कर्मचारियों के अनुबंध को रिन्यू नहीं किया गया है, जबकि कंपनी के स्थायी कर्मचारियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। मारुति सुजुकी के चेयरमैन भार्गव ने आगे बताया कि यह सब कारोबार का हिस्सा है, जब डिमांड बढ़ती है तो अनुबंध पर ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती की जाती है और जब मांग घटती है तो उनकी संख्या घटा दी जाती है। उन्होंने बताया कि मारुति सुजुकी से तकरीबन 3,000 से भी ज्यादा अस्थाई कर्मचारियों की नौकरी चली गई है। भार्गव ने आगे बताया कि वाहन क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में सेवा, बीमा, बिक्री, ड्राइवर, पेट्रोल पंप और बहुत से रोजगार के रास्ते खोलता है अगर वाहन बिक्री में थोड़ी सी भी गिरावट आती है तो नौकरियों में बड़े पैमाने पर इसका असर पड़ेगा।
वहीं दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने भी 4 दिनों के लिए अपने प्लांट को बंद करने का ऐलान कर दिया है। हीरो मोटोकॉर्प अपने मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट को 15 से 18 अगस्त तक बंद रखेगा। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक कंपनी की यह स्वतंत्रता दिवस, रक्षा बंधन और सप्ताहांत को देखते हुए सलाना छुट्टी भी है लेकिन साथ ही उत्पादन को व्यस्थित करने का भी यह मौका होगा।