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बजट में सुधार से रत्न तथा आभूषण उद्योग जगत को बेहतर प्रदर्शन में सहायता मिलेगी

मुंबई। जीजेईपीसी भारत सरकार औऱ माननीया वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में निर्यात वृद्धि उन्मुख केंद्रीय बजट पेश करने के लिए सरकार को अभिनंदन व आभार व्यक्त करता है।
भारत में रत्न और आभूषण क्षेत्र केंद्रीय बजट 2022-23 में रत्न और आभूषण उद्योग को दिए गए सरकारी समर्थन के लिए आभारी है। ऐसे कई अनुकूल नीतिगत सुधारों की घोषणा की गई है जो उद्योग को और अधिक सशक्त बनाएंगे हैं और आने वाले दशक में विकास के अवसरों को भुनाने के लिए इसे मजबूती प्रदान करेंगे।
भारतीय रत्न और आभूषण क्षेत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अग्रणी योगदानकर्ताओं में से एक है और देश डायमंड प्रोसेसिंग में निर्विवाद लीडर है। जीजेईपीसी को उम्मीद है कि वह इस सफलता को ज्वैलरी वर्टिकल में भी दोहराएगा और भारत को दुनिया में ‘ज्वलेरी हब’ बनने में मदद करेगा।
जीजेईपीसी आभारी है कि सरकार ने कट और पॉलिश किए हुए डायमंड, रत्नों और स्वान डायमंड पर सीमा शुल्क को कम करने की सिफारिश पर विचार किया। अपने केंद्रीय बजट भाषण में, श्रीमती निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि कट और पॉलिश किए गए डायमंड और कलर्ड जेम स्टोन पर सीमा शुल्क 7.5% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जबकि सिम्पली स्वान डायमंड पर शून्य शुल्क लगाया गया है।
जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा, ष्भारतीय रत्न और आभूषण क्षेत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अग्रणी योगदानकर्ताओं में से एक है और देश डायमंड प्रोसेसिंग में निर्विवाद लीडर है। कट और पॉलिश किए गए डायमंड पर आयात शुल्क को घटाकर 5% करने से इस क्षेत्र को और अधिक मजबूत करने और अपनी नेतृत्व की स्थिति को बनाए रखने में मदद मिलेगी। ”
“चूंकि रत्न और आभूषण क्षेत्र के 90% से अधिक व्यवसायी एमएसएमई श्रेणी मे शामिल हैं, मार्च 2023 तक एमएसएमई के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) का विस्तार इस क्षेत्र के लिए एक बड़ी राहत होगी, और हमें खुशी है कि इसकी ऑउटले को 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।”
क़ॉलिन शाह ने आगे बताया कि “सोने के आयात के लिए बैंक गारंटी के स्थान पर व्यक्तिगत ज़मानत बांड की स्वीकृति, विशेष रूप से सोने के आभूषणों के एसएमई निर्यातकों के लिए शुल्क मुक्त सोने की उपलब्धता को सरल बनाने और प्लेनस्वर्ण आभूषणों के निर्यात को पुनर्जीवित करने की हमारी लंबे समय से मांग को पूरा करेगी। आपूर्तिकर्ताओं के लिए अप्रत्यक्ष लागत को कम करने के लिए बैंक गारंटी के स्थान पर ज़मानत बांड को स्वीकार्य बनाया जाएगा। इससे सोने के आभूषणों के निर्यात में मदद मिलेगी।”
विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) अधिनियम को एक नए कानून से बदल दिया जाएगा जो राज्यों को उद्यम और सेवा केंद्रों के विकास में भागीदार बनने में सक्षम करेगा। यह सभी बड़े मौजूदा और नए औद्योगिक क्षेत्रों को कवर करेगा ताकि उपलब्ध बुनियादी ढांचे का बेहतर उपयोग किया जा सके और निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाया जा सके।
पूंजीगत (कैपिटल) व्यय में 4.1% की वृद्धि अर्थव्यवस्था की गति के लिए अच्छी है। 20% या 400 रूपए/ किग्रा, जो भी अधिक हो, समग्र सीमा शुल्क इमीटेशन ज्वेलरी पर लगाया जा रहा है।
जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष विपुल शाह ने कहा, ष्केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कुछ बहुत आवश्यक सुधारों की घोषणा की है जो आने वाले वर्ष में इस क्षेत्र को कई गुना विकास के लिए प्रेरित करेंगे, इस प्रकार पिछले कुछ दसकों के मामूली प्रदर्शनों में भी सुधार देखने को मिलेगा। इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च पर जोर इंडिया ज्वैलरी पार्क मुंबई (आईजेपीएम) के लिए अच्छी खबर है, जिससे इससे काफी फायदा होगा। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि इन सुधारों से भारतीय रत्न और आभूषण क्षेत्र में विश्वास और पारदर्शिता का स्तर एक नए स्तर पर पहुंच जाएगा।
कॉलिन शाह ने आगे कहा, ष्सरकार ने ई-कॉमर्स की क्षमता व इसके महत्व को समझा है और ई-कॉमर्स मार्ग के माध्यम से रत्न और आभूषण निर्यात की सुविधा के लिए जून 2022 तक एक सरल नियामक ढांचे को लागू करने का प्रस्ताव दिया है, यह सुनिश्चित करते हुए कि हर जिले के ज्वैलर्स देश में अपने उत्पादों को तेजी से और किफायती तरीके से विदेशों में भेजने में सक्षम होंगे। यह समय की मांग है क्योंकि अमेरिका और उपभोक्ता बाजारों में आभूषणों की ई-कॉमर्स बिक्री तेजी से बढ़ रही है। इस उपाय से हमें उम्मीद है कि अगले 5 सालों में इस उद्योग जगत से हम 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक निर्यात को ले जा सकते हैं।
कॉलिन शाह ने कहा कि“माननीया वित्त मंत्री द्वारा एसईजेड अधिनियम में परिवर्तन करके एक नई एसईजेड व्यवस्था लाने की घोषणा हमारे क्षेत्र के लिए एक और बड़ी राहत है क्योंकि एसईजेड से निर्यात तीव्र गति से बढ़ रहा है और इसमें आभूषणों के निर्माण और निर्यात में FDI प्राप्त करने की क्षमता है। एसईजेड से और अगले तीन वर्षों के भीतर देश के निर्यात को एक ट्रिलियन डॉलर तक ले जाना है।”
जीजेईपीसी ने 2021 तक गोल्ड ज्वेलरी उद्योग को मजबूत करने की दिशा में काम किया। परिषद ने अनिवार्य हॉलमार्किंग का समर्थन किया और सरकार के साथ इस विषय पर मिलकर काम किया। इसने मिलेनियल और जेनजेड के लिए सोने के आभूषणों को आकर्षक बनाने के लिए वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के “यू आर गोल्ड” अभियान का समर्थन किया। GJEPC ने पूरे गोल्ड इकोसिस्टम के स्टेकहोल्डरों के साथ इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) के संचालन पर भी चर्चा कर रही है ।

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