कॅप्री ग्लोबल कॅपिटल लिमिटेड ने महिला उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए अपने नए एसएमई प्रोडक्ट, उड़ान को लॉन्च किया
मुंबई। एमएसएमई एवं हाउसिंग फाइनेंस के क्षेत्र में कार्यरत तथा बेहद तेजी से विकसित हो रही एनबीएफसी, कॅप्री ग्लोबल कॅपिटल लिमिटेड (सीजीसीएल) ने ऋण लेने को इच्छुक महिलाओं के लिए अपने नए एसएमई प्रोडक्ट, ‘उड़ान’ के शुभारंभ की घोषणा की है। कंपनी ने उड़ान के माध्यम से देश भर की सभी महिलाओं को क्रेडिट सिस्टम से जुड़ने में मदद करने तथा उनके बीच उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखा है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए, प्राथमिक आवेदक के तौर पर ऋण लेने को इच्छुक महिलाओं की आयु 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए, साथ ही ऋण के पुनर्भुगतान की अवधि के अंत में उनकी आयु 60 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। लॉन्च किए गए इस नए प्रोडक्ट के तहत, केवल व्यावसायिक उद्देश्य के लिए आवेदन से जुड़ी सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद 40 लाख रुपये तक के सिक्योर्ड लोन का प्रस्ताव दिया जाएगा। प्रतिस्पर्धी ब्याज दर पर पुनर्भुगतान की अवधि 10 साल जितनी कम या अधिकतम 15 वर्ष तक होगी। ऋण के लिए आवेदन करने वाली महिला को व्यवसाय / उद्यम का स्वामी या सह-स्वामी होना चाहिए, साथ ही उन्हें 12 महीने से अधिक समय से व्यावसायिक गतिविधियों में संलग्न होना चाहिए। सीजीसीएल निर्धारित नीतियों के अनुसार, प्रलेखित और गैर-प्रलेखित आय के आधार पर ऋण लेने वाली महिला की पात्रता का मूल्यांकन करेगा।
महिलाओं को ऋण लेने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए, सीजीसीएल ने पूर्व-निर्धारित मानदंडों के अनुरूप पूरी अवधि के दौरान उत्कृष्ट ट्रैक रिकॉर्ड (ईटीआर) को बरकरार रखने वाली महिलाओं को ऋण के अलग-अलग चरणों में EMIs माफ किए जाने का विशेष प्रस्ताव दिया है, जो इस प्रकार है:
ऽ EMIs का नियमित तौर पर भुगतान करने के बाद तीसरे वर्ष के अंत में 3 EMIs माफ किए जाएंगे
ऽ EMIs का नियमित तौर पर भुगतान करने के बाद पांचवें वर्ष के अंत में 5’ EMIs माफ किए जाएंगे (3़2)
ऽ EMIs का नियमित तौर पर भुगतान करने के बाद दसवें वर्ष के अंत में 10’ EMIs माफ किए जाएंगे (5़5)
इसकी मूल वजह के बारे में बताते हुए, कॅप्री ग्लोबल कॅपिटल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, श्री राजेश शर्मा ने कहा, “हमने यह देखा है कि महिलाओं के स्वामित्व वाले उद्यमों के संदर्भ में आर्थिक सहायता की मांग तथा इस क्षेत्र में आर्थिक सहायता की उपलब्धता के बीच भारी अंतर है। हालांकि, भारत में महिलाओं के स्वामित्व वाले उद्यमों के लिए अनुमानित तौर पर हर साल 29.16 बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता की जरूरत है, इसके बावजूद सभी औपचारिक स्रोतों से इन MSMEs को हर साल सिर्फ 9 बिलियन डॉलर ऋण उपलब्ध कराए जाने का अनुमान है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हमने मध्यम आकार की हजारों कंपनियों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिस्पर्धी स्तर पर कई अभिनव उत्पाद विकसित किए हैं, तथा एसएमई क्रेडिट पोर्टफोलियो के तहत हमने महिलाओं के लिए विशेष तौर पर समर्पित इस नए प्रोडक्ट को लॉन्च किया है, जो क्रेडिट बिजनेस में अब तक उपलब्ध नहीं था। इस प्रोडक्ट से उन सभी महिला उद्यमियों के व्यवसाय में बड़े पैमाने पर बदलाव आएगा, जो अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए ऋण लेने की इच्छा रखती हैं। गौरतलब है कि सीजीसीएल छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने में हमेशा सबसे आगे रहा है, और इस ऋण की अवधारणा भी बड़े पैमाने पर इनोवेशन की हमारी योजना का केंद्र बिंदु है।’