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एफओजीएसआई और यूएसएआईडी ने युवा भारतीयों के बीच प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य सम्बंधी जागरूकता को बढ़ावा देने के लिये ‘पंख पहल’ शुरू की

नई दिल्ली। द फेडरेशन ऑफ ऑब्टे ट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया (एफओजीएसआई) ने यू. एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के साथ भागीदारी में आज ‘पंख’ नामक एक पहल लॉन्च की है। यह पहल युवाओं के बीच प्रजनन स्वास्थ्य सम्बंसधी समस्याओं पर जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगी।
पंख एक हिन्दी शब्द है और इस पहल का लक्ष्य सुरक्षित यौन व्यवहार और लांछन या धारणा के बिना गर्भनिरोधकों के सही इस्ते्माल पर जागरूकता निर्मित करना है। इस पहल के अंतर्गत ‘टॉक बेझिझक’ (संकोच के बिना बात करें) कैम्पेेन चलाया जाएगा, ताकि भारत में एफओजीएसआई के सदस्य‘ चिकित्सकों और युवाओं के बीच धारणा-रहित और तकनीकी रूप से सटीक बातचीत हो सके। एफओजीएसआई के सदस्य एक सुरक्षित माहौल देंगे, जहाँ युवा और किशोर यौन तथा प्रजनन स्वास्थ्य एक पर सवाल पूछ सकें और उस झिझक या संकोच को खत्म करें, जिसका अनुभव वे अक्सर गर्भनिरोध और प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में डॉक्टरों से बात करते समय करते हैं। इस कैम्पेन में एक हेल्पालाइन 1800 258 0001 भी होगी, जिसके प्रशिक्षित परामर्शदाता सवालों के जवाब देंगे और जरूरत पड़ने पर क्लिनिक्स् में प्रत्यक्ष परामर्श की व्यवस्था के लिये सहायता देंगे।
कोविड-19 महामारी ने प्रजनन स्वास्थ्य समेत स्वास्थ्य के सभी पहलुओं पर रोशनी डाली है। आंकलन के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान गर्भनिरोधक विकल्पों तक पहुँच न होने के कारण 2.7 मिलियन अवांछित गर्भधारण हुए हैं और कोविड-19 से उत्पन्न बाधाएं अब भी गर्भनिरोधकों और प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़े संदेशों पर हावी हैं। भारत विश्व में 10 से लेकर 24 साल तक के किशोरों और युवाओं की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। युवा अपने और अपनी जरूरतों के लिये प्रजनन स्वास्थ्य सम्बंधी सटीक जानकारी और सेवाओं की सीमित उपलब्धपता से जूझते हैं।
लॉन्च इवेंट में यूएसएआईडी/इंडिया हेल्थ ऑफिस के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. अमित शाह ने कहा – ‘’यूएसएआईडी/इंडिया ने किशोरों और युवा लोगों के हितों पर काम करने के लिये कई पहलों को सहयोग दिया है और युवा लोगों में प्रजनन स्वास्थ्य और और परिवार नियोजन की आपूर्ति आवश्यकता पर प्रतिक्रिया दी है। यूएसएआईडी को युवाओं के लिये प्रजनन स्वास्थ्य परामर्श की गुणवत्ता के सुधार पर केन्द्रित इस भागीदारी में एफओजीएसआई के साथ भागीदारी कर गर्व महसूस हो रहा है।‘’
लॉन्च के दौरान, एफओजीएसआई ने एडोलेसेंट एंड यूथ फ्रैंडली हेल्थ सर्विसेस (एवायएफएचएस) के लिये दिशा-निर्देश जारी किये, जिनका इस्तेजमाल स्वासस्य् फ सेवा प्रदाता युवा लोगों को उच्च् गुणवत्ता की, गोपनीय और धारणा-रहित सेवाएं प्रदान करने के लिये एक संदर्भ दस्तावेज के तौर पर करेंगे।
एफओजीएसआई की प्रेसिडेंट डॉ. एस. शांता कुमारी ने कहा – ‘’किशोर पुरूषों और महिलाओं के लिये सबसे यादगार और अनोखी अवस्थाओं में से एक है, जिसमें शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, लैंगिक और सामाजिक मसलों से उनका सामना होता है। स्वास्थ्य किशोर किसी भी देश की रीढ़ होते हैं। मुझे खुशी है कि एफओजीएसआई ने परिदृश्यक को बदलने के लिये कदम उठाये हैं और एवायएफएचएस सेवाओं के लिये दिशा-निर्देश दिये हैं। हमें खुशी है कि इन दिशा-निर्देशों को भारत सरकार (जीओआई) के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्यून) के एडोलेसेंट हेल्थ डिविजन के वरिष्ठ अधिकारियों के तकनीकी सहयोग ने समृद्ध बनाया है।‘’
एफओजीएसआई के ठीक पिछले प्रेसिडेंट डॉ. अल्पेेश गांधी ने कहा – ‘’इस आयु वर्ग की जरूरतों पर ज्यादा जागरूकता और चिकित्सकों का संवेदनशील होना जरूरी है। मैं एफओजीएसआई के उन सभी सदस्यों की प्रशंसा करता हूँ, जो एवायएफएचएस दिशा-निर्देशों की परिकल्पजना और मसौदे में शामिल थे। यह एक महत्व पूर्ण और पूर्व सक्रिय कदम है, जिसे मौजूदा स्वास्थ्य आपूर्ति प्रणाली आसानी से अपना सकती है। मैं एफओजीएसआई के सभी सदस्यों को इन दिशा-निर्देशों और पंख पहल का संज्ञान लेने के लिये प्रोत्साहित करता हूँ। इससे ज्यादा क्या किया जा सकता है, इसके लिये हमें सुझावों का इंतजार है।‘’
डॉ. जयदीप टांक, प्रोजेक्ट लीड (एफओजीएसआई-यूएसएआईडी प्रोजेक्ट्सा), ने कहा – ‘’पंख के दिशा-निर्देश गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य रक्षा सेवाएं प्रदान करने और गुणवत्ता्पूर्ण यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं का समर्थन करने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैश्विक मानकों के अनुसार हैं। हमारा मुख्य इरादा निजी स्वास्थ्य रक्षा सेवाओं में देखभाल की गुणवत्ता को सुधारना है, लेकिन यह एनजीओ और सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा चलाई जा रही सुविधाओं पर भी उतना ही लागू है। मानकों पर कार्यान्वयन का अंततोगत्वा उद्देश्य है सेवाओं का इस्तेमाल बढ़ाना, खासकर यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य से सम्बंधित सेवाएं, ताकि स्वास्थ्य के लिये बेहतर परिणाम मिलें।‘’
सेक्रेटरी जनरल डॉ. माधुरी पटेल ने कहा, ‘’विकास के लक्ष्यों् की प्राप्ति के लिये भागीदारियों का आह्वान करने वाले स्थायी विकास के लक्ष्य (एसडीजी) क्रमांक 17 के हिसाब से इस पैमाने और जटिलता के मसले को ज्यादा भागीदारों के साथ की जरूरत है। एफओजीएसआई और भी कॉर्पोरेट्स, फाउंडेशंस, परोपकारियों, दानदाताओं और विकास संगठनों को शामिल करना चाह रहा है, ताकि पंख पहल 4 पायलट शहरों से आगे भी पहुँचे। हम युवा लोगों के स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती को सुरक्षित कर भारत के भविष्य में निवेश करने के लिये उनसे आग्रह करते हैं। भारत में युवाओं की बड़ी आबादी है और वह बढ़ती जा रही है और आज उन्हें उनकी जरूरत के मुताबिक महत्वंपूर्ण ज्ञान और सहयोग से सशक्त किया जाना ही चाहिये, ताकि वे सही निर्णय लें और भविष्य के लिये अपने लक्ष्योंर को जानें। अपने भागीदारों के साथ मिलकर एफओजीएसआई देश के गतिशील कायाकल्प का प्रयास कर रहा है और सभी के लिये उत्पादकता लाभांश और वृद्धि के रास्तेे खोल रहा है।‘’

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