व्यापार

हॉस्पिटल एनएचएस में जनरल ओपीडी और सर्जरी की प्रक्रिया शुरू

जालंधर। कोविड केसेस की घटती संख्या को देखते हुए एनएचएस हॉस्पिटल ने अपनी जनरल ओपीडी की सुविधाओं को पूरी तरह से खोल दिया है और नॉन-कोविड मरीजों के लिए 14 जून से कुछ प्रतिबंधो के अंतर्गत सर्जरी शुरू कर दी गयी है। अब मरीज अपने इलाज के लिए हॉस्पिटल में आ सकते हैं। सर्जिकल सर्विस को पहले बंद करने के कारण मरीजों को होने वाली अत्यधिक कठिनाई को ध्यान में रखते हुए सर्जरी को फिर से शुरू कर दी गई है। अब व्यापक सावधानियों के साथ हॉस्पिटल मैनेजमेंट यह सुनिश्चित कर रहा है कि मेडिकल स्टाफ और अधिक तैयार रहे और सभी स्टाफ सदस्यों को टीका लगा हो ताकि महामारी से लड़ाई के दौरान जनरल ओपीडी सर्विसों और दूसरी सर्जरी को बिना किसी रुकावट के सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।
सरकार द्वारा निर्धारित किया गया था कि हॉस्पिटल के सभी कर्मचारी दिशानिर्देशों का पालन करेंगे, इसलिए हॉस्पिटल में सभी कोविड दिशा-निर्देशों का पालन सख्ती से हो रहा है। मरीजों को पहले हॉस्पिटल आने के लिए तभी कहा जाता था जब कोई इमरजेंसी स्थिति होती थी या अगर फिजिकल जांच की जरुरत पड़ती थी। विशेष रूप से इमरजेंसी आर्थोपेडिक सर्जरी के लिए मरीजों को हॉस्पिटल में आने के लिए पहले कहा जाता था। भीड़ पर नजर रखने के लिए हॉस्पिटल एक दिन के लिए सीमित स्लॉट ही बुक कर रहा है ताकि सीमित संख्या में लोग हॉस्पिटल के परिसर में आएं। यह सुनिश्चित किया गया है कि हॉस्पिटल के सभी कर्मचारियों को विशेष रूप से इमरजेंसी स्थिति में पीपीई किट जैसे सुरक्षा गियर की पर्याप्त सप्लाई मिले। पोस्ट-वायरल ओपीडी उन मरीजों के लिए भी चालू होगी, जिन्हें पोस्ट-वायरल सिंड्रोम से संबंधित समस्याएं हैं। कोई भी डिस्चार्ज किया गया मरीज ओपीडी फैसिलिटी में जा सकता है और डॉक्टरों से कंसल्टेशन की सुविधा ले सकता है। इसके लिए मरीज को दो जरूरी दस्तावेज एक कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और दूसरा डिस्चार्ज सर्टिफिकेट ले जाना होगा।
एनएचएस हॉस्पिटल के डॉ शुभांग अग्रवाल, ऑर्थोपेडिक एंड रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन ने कहा, ‘हमारे पास ऐसे कई मरीज हैं जिनकी सर्जरी पहले रोक दी गई थी या उनके इलाज में महामारी के कारण देरी हो गयी थी। कई लोग ऐसे भी थे जिन्होंने इन्फेक्शन की चपेट में आने के डर से अपना इलाज बंद कर दिया था। हमने अपने स्टाफ और आने वाले मरीजों की सुरक्षा के लिए सभी उपाय किए हैं। हमारा मानना है कि इस संकट के समय में नॉन-कोविड मरीजों को सभी इलाज मुहैया कराया जाना चाहिए और उन्हें उपलब्ध सबसे एडवांस तकनीक के माध्यम से सही इलाज प्रदान करना चाहिए।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *