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गोदरेज ऐंड बॉयस ने डिजाइन के माध्यम से सस्टेनेबल लिविंग को नयापन देने के लिए लॉन्च किया एक वार्षिक आयोजन – ‘कॉन्‍श्‍यस कलेक्टिव’

मुंबई। बिजनेस में स्‍थायी पद्धतियों को आगे बढ़ाने में पथ-प्रदर्शक, गोदरेज ऐंड बॉयस ने कॉन्‍श्‍यस कलेक्टिव को लॉन्‍च करने की घोषणा की है। यह एक नया प्लैटफॉर्म है जिसका उद्देश्य जागरूक भविष्य का निर्माण करने के आकांक्षी डिजाइनर्स, वास्तुकारों और दूसरे प्रोफेशनल्स के बोर्डरूम से बाहर घरों और समुदायों में सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देना है।
कॉन्‍श्‍यस कलेक्टिव गोदरेज ऐंड बॉयस की एक दीर्घकालिक पहल है। इस पहल का लक्ष्य डिजाइन-प्रेरित नवाचार के एक नए युग की शुरुआत करना है। इसमें सस्टेनेबल निर्मित स्थानों, कॉन्‍श्‍यस सामग्रियों का प्रयोग करने और पर्यावरण की रक्षा पर फोकस किया जायेगा।
कॉन्‍श्‍यस कलेक्टिव प्लैटफॉर्म दिसम्बर में एक वार्षिक 3-दिवसीय आयोजन के साथ आरम्भ होगा। उक्त आयोजन में सफलताओं और लोगों का यशोगान होगा जो ज्यादा स्थायी भविष्य की पुनर्कल्पना की अग्रिम पंक्ति में है और भावी पीढ़ियों के लिए ज्यादा स्वस्थ, हरी-भरी एवं ज्यादा स्थायी दुनिया की संभावना की खोज में अक्सर प्रचारक का काम करते हैं।
इस आयोजन में प्रतिष्ठित विचारकों और उनके कार्यों का वार्षिक प्रदर्शन होगा, जिसमें अपनाने योग्य उत्तरदायी विकल्पों पर फेलोशिप प्रोग्राम और वार्षिक रिपोर्ट के माध्यम से इस विषयवस्तु के युवा प्रोफेशनल्स द्वारा प्रस्तुत अवधारणाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। कॉन्‍श्‍यस कलेक्टिव एक बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए प्रतिबद्ध है।
गोदरेज ऐंड बॉयस के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, श्री जमशेद गोदरेज ने कहा कि, “तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ भारत सस्टेनेबल लिविंग को प्रोत्साहित करने के लिए अभिनव डिजाइन-प्रेरित समाधानों की त्वरित खोज के द्वारा दुनिया के लिए एक उदाहरण स्थापित कर सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि आसन्न जलवायु संकट को हल करने के लिए अब हम सभी मिल-जुलकर एक सामूहिक शक्ति के रूप में सार्थक तथा मापनीय कारवाईयों की दिशा में काम करें।”
गोदरेज ऐंड बॉयस की मान्‍यता रही है कि विकास और संरक्षण का परस्पर विशिष्ट होना हमेशा ज़रूरी नहीं होता। अपनी इस धारणा का निरंतर प्रदर्शन करते हुए यह कंपनी अपने व्यावसायिक परिचालनों में सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के एकीकरण को आगे बढ़ाती रही है। इस संतुलन को पृथ्वी के लिए हितकर उत्पादों की संख्या सजगतापूर्वक बढ़ाकर, हर कदम पर कचरा कम करने के लिए चक्रीय पद्धतियों को अपना कर, इन प्राथमिकताओं को परिचालित करने में सक्षम सहयोगियों और आपूर्तिकर्ताओं का परितंत्र बनाकर, दशकों की आजीविकाओं और मैन्ग्रोव्ज जैसे ब्लू कार्बन सिस्टम्स की रक्षा करके बेहतर बनाया जा सकता है।
गोदरेज ऐंड बॉयस की कार्यकारी निदेशक, न्यारिका होलकर ने कहा कि, “प्रगति का पथ-प्रदर्शन करना एक शताब्दी से अधिक समय से हमारा उद्देश्य रहा है और वर्तमान में हमारी प्रगति इस बात से पहचानी जायेगी कि हम स्थिति पैदा होने के बाद विचार करने के बदले मूलभूत व्यवसाय में सस्टेनेबिलिटी को शामिल करके जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में कितना सक्षम होते हैं। नेट जीरो (शून्य कार्बन उत्सर्जन) की दिशा में सचमुच बढ़ने के लिए 98%, न कि 2% परिश्रम और ध्यान देने की ज़रुरत है। हमें मौजूदा संवाद को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोफेशनल्स और एक्सपर्ट्स को एकजुट करने की आशा है, जिससे कि अपने बच्चों के लिए हम एक ज्यादा जागरूक भविष्य को साकार करने की नई संभावनायें प्रस्तुत कर सकें।”
कॉन्‍शयस कलेक्टिव सावधानीपूर्वक तैयार किया गया कार्यक्रम है जिसमें 3 दिनों तक वैचारिक क्षेत्रों का सहभागितापूर्ण प्रतिष्ठापन, सामग्रियों पर विचारोत्तेजक प्रदर्शनियां, विशेष चर्चाएँ, तथा विशेषज्ञों के साथ बातचीत के अलावा संवादात्मक कार्यशालायें होंगी। दिसम्बर 2023 में होने वाला यह आयोजन जागरूक रहन-सहन की दिशा में आगे बढ़ने की गति तेज करेगा। यह प्लैटफॉर्म प्रोफेशनल्स, आम लोगों से लेकर बच्चों तक, सभी के लिए प्रेरणादायक होगा।
कॉन्‍शयस कलेक्टिव के केंद्र में आर्किटेक्चर, इंटीरियर डिजाइन, अनुसंधान, कला, और डिजाइन के क्षेत्रों के प्रमुख प्रोफेशनल्स और लीडर्स तथा उद्योग के इन्फ्लुएंसर्स के साथ रणनैतिक साझेदारी निहित है जो आयोजन के सस्टेनेबल लिविंग की पद्धतियों को बढ़ावा देने के मूलभूत मिशन को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाते रहे हैं। इनमें सम्मिलित प्रतिष्ठित विचारकों में राहुल मेहरोत्रा, अनुपमा कुंडू, बृंदा सोमाया, कृतिका अग्गरवाल, मंगेश लुंगारे, माधव पई, कार्तिक गणेशन, लिजा गोल्डबर्ग, मनोज कुमार एवं अन्य शामिल हैं। आयोजन में फूल, कार्बन क्राफ्ट, अनुवाद एवं अन्य जैसे जागरूक ब्रैंड्स की सहभागिता भी होगी।

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