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गोदरेज एंड बॉयस ने भारत में पहली बार एयरो इंजन के लिए हाई-टेम्परेचर ब्रेज़िंग प्रक्रिया का किया आविष्कार

मुंबई। गोदरेज एंड बॉयस ने घोषणा की कि उसकी इकाई, गोदरेज एयरोस्पेस, एयरो इंजन प्रदर्शन के लिए महत्वपूर्ण हाई टेम्परेचर ब्रेज़िंग प्रक्रिया विकसित कर रही है और ऐसा भारत में पहली बार हो रहा है। यह उल्लेखनीय पहल, नवोन्मेष और उत्कृष्टता के प्रति गोदरेज एयरोस्पेस के दृढ़ समर्पण के साथ सहजता से मेल खाती है, जो भारत के एयरोस्पेस परिदृश्य के भीतर स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए व्यवसाय की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। इस ब्रेज़िंग प्रक्रिया का सफल विकास न केवल भारत के एयरोस्पेस विनिर्माण परितंत्र में उल्लेखनीय क्षमता जोड़ेगा, बल्कि विदेशी प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता भी कम करेगा।
गोदरेज एयरोस्पेस द्वारा विकसित की जा रही हाई टेम्परेचर वाली ब्रेज़िंग प्रक्रिया एयरोस्पेस उद्योग में, विशेष रूप से एयरो इंजन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करती है। एयरो इंजन गर्मी और दबाव की चरम स्थितियों में काम करते हैं, इष्टतम प्रदर्शन बनाए रखते हुए तीव्र तापमान का सामना करने के लिए टर्बाइन रोटर ब्लेड पर निर्भर होते हैं। यह इकाई, एयरो इंजन के कास्ट टर्बाइन रोटर ब्लेड की टिप और रूट ओपनिंग को प्लग करने के लिए एक हाई टेम्परेचर ब्रेज़िंग प्रक्रिया विकसित कर रही है जो ब्लेड में सर्पेन्टाइन कूलिंग पैसेज के उत्पादन के लिए उपयोग किए जाने वाले सेरामिक कोर का समर्थन करता है। टर्बाइन रोटर ब्लेड में ठंडी हवा के प्रवाह के लिए इन कूलिंग पैसेज की आवश्यकता होती है। गोदरेज एयरोस्पेस द्वारा इस उच्च तापमान वाली ब्रेज़िंग प्रक्रिया का सफल विकास प्रौद्योगिकी नवोन्मेष की इसकी मौजूदा यात्रा में एक और उपलब्धि होगी।
गोदरेज एयरोस्पेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और व्यवसाय प्रमुख, मानेक बेहरामकामदीन ने कहा, “यह उपलब्धि, भारत की एयरोस्पेस क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण छलांग का प्रतिनिधित्व करता है। इस प्रक्रिया को स्वदेशी रूप से विकसित कर, हम न केवल आधुनिक एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी की सख्त अनिवार्यताओं को पूरा कर रहे हैं बल्कि भारत की उन्नत विनिर्माण तकनीक से जुड़ी क्षमता का प्रदर्शन भी कर रहे हैं।”

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