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गोदरेज इंटेरियो की ‘होमस्केप्स’ स्टडी ने भारत की महिलाओं की करियर महत्वाकांक्षाओं और सशक्तीकरण के सफर पर डाली नजर

मुंबई। आज का भारत तेजी से विकसित हो रहा है, लगातार गतिशील परिवेश में लोगों के अपने घरों के साथ जुड़ाव में भी बड़े बदलाव आ रहे हैं। गोदरेज समूह की प्रमुख कंपनी गोदरेज एंड बॉयस के बिजनेस गोदरेज इंटेरियो की ‘होमस्केप्स’ स्टडी ने इसी बदलाव की नब्ज पर अंगुली रखी है। इस स्टडी ने उजागर किया है कि कैसे घर की सजावट लोगों के व्यक्तित्व और पसंद की अनूठी अभिव्यक्ति बन रही है। यह स्टडी घरों और व्यक्तिगत विकास के बीच आंतरिक संबंध को रेखांकित करती है।
पिछले कुछ वर्षों में भारत में महिलाओं की भूमिका में एक उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ है, जो पारंपरिक गृहिणी से सशक्त गृह—स्वामिनी बन गई है, जैसा कि एनारॉक द्वारा हाल में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है। अध्ययन से पता चलता है कि सर्वेक्षण में शामिल 47 प्रतिशत संपत्ति चाहने वाली महिलाएं 25-35 वर्ष की आयु सीमा में आती हैं, अतिरिक्त 41 प्रतिशत 35-45 आयु वर्ग में आती हैं। गोदरेज इंटेरियो ‘होमस्केप्स’ स्टडी के महिला दिवस संस्करण के निष्कर्षों में महिलाओं के व्यवहार में दिलचस्प बदलाव, पर्सनल स्पेस के महत्व और उनके विकास के साथ इसके संबंध पर जोर का खुलासा हुआ। स्टडी के जरिए भारत में महिलाओं की बढ़ती करियर आकांक्षाओं और सशक्तीकरण पर प्रकाश डाला गया। स्टडी के अनुसार, 42% महिलाओं ने होम वर्कस्टेशन स्थापित किया है, जो पुरुषों के लिए दर्ज 36% से अधिक है। इसके अतिरिक्त, 69% का दावा है कि 64% पुरुषों की तुलना में, मेहमानों से बातचीत करते हुए उन्हें सबसे ज्यादा खुशी अपनी व्यक्तिगत करियर उपलब्धियां पर चर्चा करते हुए होती है। यह देश में महिलाओं की बढ़ती करियर आकांक्षाओं और सशक्तीकरण को रेखांकित करता है।
इस प्रवृत्ति पर टिप्पणी करते हुए गोदरेज इंटेरियो के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और बिजनेस हेड स्वप्निल नागरकर ने कहा, ‘होमस्केप्स स्टडी के निष्कर्ष व्यक्तियों, उनके परिवारों और उनके घरों के बीच गहरे भावनात्मक संबंध को रेखांकित करते हैं। हमारा अध्ययन महिलाओं के जीवन के एक महत्वपूर्ण पहलू यानी उनकी पहचान के प्रतिबिंब के रूप में उनके घर के संबंध में उनकी भावनाओं पर प्रकाश डालता है। सर्वेक्षण से मिले आंकड़े बता रहे हैं कि सामाजिक-आर्थिक प्रगति ने महिलाओं को अपने अधिकारों का दावा करने के लिए सशक्त बनाया है। महिलाएं केवल घर की देखभाल कर सकती है वाली पारम्परिक धारणा को चुनौती मिली है। अब महिलाएं अपने घरों में मजबूत स्थिति में है और निर्णय लेने के लिए सशक्त हैं। गोदरेज इंटेरियो में हम ऐसे फर्नीचर तैयार करने में गर्व महसूस करते हैं जो न केवल दिखने में अच्छे होते हैं बल्कि भारतीय महिलाओं की आधुनिक जीवनशैली के अनुरूप सुविधाएं भी प्रदान करते हैं। हमारा फर्नीचर आज की महिलाओं के घर और जीवनशैली में सहजता से घुलमिल जाता है, इसमें स्टाइल और व्यावहारिकता दोनों शामिल हैं।’
इसके अलावा स्टडी से यह भी खुलासा हुआ कि भारत में घरेलू भूमिकाओं तक ही सीमित रही महिलाओं की तुलना में आज के दौर की महिलाओं में एक उल्लेखनीय बदलाव आया है, वे अपने निर्णय ले रही हैं और उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त हुई है। सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, 59% महिलाओं का मानना है कि आधुनिक ओपन किचन की अवधारणा ने खाना पकाने और भोजन के अनुभव में भागीदारी की प्रकृति को बढ़ाया है। यह धारणा पारंपरिक रसोई से विचलन का प्रतीक है, जो अक्सर एकांत में होती है और मुख्य रूप से महिलाओं की जिम्मेदारियों से जुड़ी होती है। जैसे-जैसे अधिक महिलाएं शिक्षा प्राप्त करती हैं और कार्यबल में प्रवेश करती हैं, वे पारिवारिक गतिशीलता को नया आकार देते हुए घरेलू आय में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। उदाहरण के लिए, ‘होमस्केप्स’ शोध से पता चलता है कि एक चौथाई से अधिक महिलाओं (27%) का मानना है कि ‘डाइनिंग टेबल पर अपने पद के अनुसार बैठना’ अब नहीं है, परिवार के सभी सदस्यों को जहां चाहें वहां बैठने का अधिकार है।

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