व्यापार

हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाएं हैं बैकिंग कारोबार की कुंजी : अंशुली आर्या

नई दिल्ली। इण्डियन ओवरसीज़ बैंक द्वारा स्टाफ प्रशिक्षण महाविद्यालय, चेन्नै में “राजभाषा हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं का पारस्परिक सम्बन्ध” विषय पर अखिल भारतीय हिन्दी संगोष्ठी का आयोजन किया जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर सम्मिलित हुईं अंशुली आर्या, सचिव, राजभाषा विभाग, भारत सरकार ने कहा कि बैंकिंग कारोबार और ग्राहक सेवा को बढ़ावा देने के लिए आइओबी द्वारा जिस प्रकार से हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग किया जा रहा है उससे यही लगता है कि हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाएं बैंकिंग कारोबार की महत्वपूर्ण कुंजी हैं। अंशुली आर्या ने बैंक द्वारा राजभाषा कार्यान्वयन के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार में बैंक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने आइओबी के संस्थापक श्री एमसीटीएम चिदंबरम चेट्टियार की दूरदर्शिता को रेखांकित करते हुए कहा कि 1937 में तमिलनाडु में उन्होंने एक ऐसे बैंक की स्थापना की जो न सिर्फ देश की आज आर्थिक समृद्धि और तरक्की में योगदान कर रहा है बल्कि भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार में भी महती भूमिका निभा रहा है। सचिव-राजभाषा ने बैंक के प्रबन्ध निदेशक व सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बैंक द्वारा हिन्दी भाषी स्टाफ सदस्यों को तमिल प्रशिक्षण और हिन्दीतर स्टाफ सदस्यों को आइओबी प्रवीण पाठ्यक्रम के माध्यम से हिन्दी प्रशिक्षण का दिया जाना हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं को पारस्परिक रूप से बढ़ावा देने का एक उल्लेखनीय और अप्रतिम उदाहरण है।
सेमिनार के दौरान अंशुली आर्या ने कहा कि हिन्दी दिवस के अवसर पर दिनांक 14 और 15 सितंबर को पुणे में प्रस्तावित तृतीय अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन को भव्य रूप से आयोजित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि पिछले सम्मेलन में गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वृहत् हिन्दी अनुवाद टूल कंठस्थ 2.0 को माननीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा लॉन्च किया गया था। साथ ही हिन्दी महाशब्दकोश ‘शब्द सिन्धु’ की भी शुरुआत की गई थी। उन्होंने बताया कि आगामी सम्मेलन में ‘शब्द सिन्धु’ का द्वितीय संस्करण लॉन्च किया जाएगा। अंशुली आर्या ने केंद्र सरकार के सभी कार्यालय से दैन्दिन कामकाज में कंठस्थ 2.0 और शब्द-सिन्धु का उपयोग करने की अपील की।
आइओबी द्वारा आयोजित हिन्दी संगोष्ठी के दौरान अंशुली आर्या ने तमिल, कन्नड़, तेलुगु, ओडिया और पंजाबी भाषा में संदर्भ पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया। इसके साथ ही बैंक की गृह पत्रिका ‘वाणी’ का भी विमोचन किया गया जो 35 से भी अधिक वर्षों से लगातार प्रकाशित हो रही है। संगोष्ठी के दौरान इण्डियन ओवरसीज़ बैंक के उन क्षेत्रीय कार्यालयों को शील्ड और प्रशस्ति-पत्र देकर पुरस्कृत किया गया जिन्होंने वर्ष 2022-23 के दौरान राजभाषा कार्यान्वयन में उल्लेखनीय कार्य किया था। बैंक द्वारा अखिल भारतीय हिन्दी निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों के स्टाफ सदस्यों ने हिस्सा लिया था। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र के दौरान निबंध प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को भी पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया।
अपने अध्यक्षीय भाषण में आइओबी के एमडी व सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बेहतर ग्राहक सेवा का मूल यही है कि हम ग्राहकों को उनकी भाषा में बैंकिंग उपलब्ध कराएँ। उन्होंने कहा कि राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशों और अनुदेशों का अनुसरण करते हुए बैंक राजभाषा कार्यान्वयन को मूर्त रूप दे रहा है।
हिन्दी संगोष्ठी का संयोजन आइओबी के महा प्रबन्धक-राजभाषा शुभेन्दु कुमार वर्मा ने किया। मुख्य राजभाषा अधिकारी – कृष्ण कुमार गुप्ता ने संगोष्ठी के सफल आयोजन के लिए सभी आगन्तुकों और सहभागियों का धन्यवाद दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *