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आईएफसीआई का चौथी तिमाही का घाटा बढ़कर 584 करोड़ रुपये हुआ

नई दिल्ली। बुनियादी ढांचा क्षेत्र को ऋण उपलब्ध कराने वाली आईएफएसीआई लि. को बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चैथी (जनवरी-मार्च) तिमाही में 584.19 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में उसे 86.15 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। आईएफसीआई लि. ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि तिमाही के दौरान उसकी आय बढ़कर 858.99 करोड़ रुपये हो गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 637.61 करोड़ रुपये थी। कंपनी ने कहा कि ब्याज आमदनी बढ़ने से उसकी कुल आय बढ़ी है। कंपनी ने कहा कि शुल्क और कमीशन आय की वजह से उसे नुकसान हुआ है। यह इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के स्तर पर ही है। पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी का शुद्ध घाटा कम होकर 223.21 करोड़ रुपये रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में 475.99 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष के दौरान कंपनी की आय घटकर 2,905.68 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 3,134.49 करोड़ रुपये रही थी। आईएफसीआई ने कहा कि उसके निदेशक मंडल की शुक्रवार को हुई बैठक में 25,000 करोड़ रुपये तक का कर्ज जुटाने के लिए संसाधन योजना नीति को मंजूरी दी गई।

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