व्यापार

अपनी हरित पहल में इंडियन ऑयल को यूएसटीडीए का समर्थन मिला

वाशिंगटन। अमेरिका के एक व्यापार निकाय ने इंडिया ऑयल कॉरपोरशन (आईओसी) को गुजरात की कोयाली रिफाइनरी में कॉर्बन जुटाने (कैप्चर), इस्तेमाल करने और भंडारण क्षमता के लिए अनुदान सहायता देने की घोषणा की है। अमेरिका व्यापार एवं विकास एजेंसी (यूएसटीडीए) के वित्तपोषण समर्थन से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को रिफाइनरी परिचालन के दौरान निकलने वाली कॉर्बन डाइऑक्साइड गैस को जुटाने तथा उसका इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी। यूएसटीडीए ने बयान में कहा कि यह एक लागत दक्ष पर्यावरण रणनीति है, जिसका विस्तार देश की अन्य रिफाइनरियों तक किया जा सकता है। यूएसटीडीए के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) टॉड अब्राजानो ने कहा कि यह एजेंसी द्वारा ऐसी परियोजनाओं को दिए जाने वाले समर्थन का एक उपयुक्त उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह भारत में अपनी तरह का पहला नवोन्मेषी समाधान है। इससे पता चलता है कि किस तरीके से अमेरिकी प्रौद्योगिकी भारत के रिफाइनरी परिचालन पर अर्थपूर्ण प्रभाव डाल रही है। कॉर्बन कैप्चर उत्सर्जन के बड़े स्रोतों से कॉबर्न जुटाने की प्रक्रिया है। बाद में इसका पुनर्चक्रण (रीसाइकिल) किया जाता है। इससे प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलती है। नियंत्रित होता है।

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