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एक हिंदी माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा रहा है Koo App

दिल्ली।  Koo (कू) – भारत का माइक्रोब्लॉगिंग और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म – भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में बातचीत का स्थान बन गया है।  Koo (कू) के 1 करोड़ उपयोगकर्ता में से लगभग 50% (50 लाख) उपयोगकर्ता हिंदी में बातचीत करते हैं। इसके अलावा, मंच पर 52़ मिलियन  Koo (कू) में से लगभग आधे हिंदी हैं। गैर-अंग्रेजी भाषाओं में एक माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराकर,  Koo (कू) ने अपनी मूल भाषाओं में सहज लोगों के लिए ऑनलाइन बातचीत में भाग लेने और संलग्न होने का अवसर प्रदान किया है।
 Koo (कू) के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘अधिकांश भारतीय लोग देशी भाषाओं में संवाद करते हैं, जिससे वे सोशल मीडिया चर्चा से बाहर हो जाते हैं, जो कि ज्यादातर अंग्रेजी में होती है। जैसा कि हम अगले अरब उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट पर लाने और गैर-अंग्रेजी बोलने वाले दर्शकों के प्रति पक्षपात को दूर करने की इच्छा रखते हैं, ऐसे में  Koo (कू) भारत की आवाज को लोकतांत्रिक बनाने के मिशन पर है।  Koo (कू) ने एक ऐसी जगह बनाई है जहां भारतीय जो अपनी मातृभाषा बोलने में सहज हैं, अपने ख्याल और विचारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त कर सकते हैं। मंच उपयोगकर्ताओं को उनकी पसंदीदा भाषा में Koo (कू) करने में सक्षम बनाता है और आश्वस्त रहता है कि उनके समुदाय का एक बड़ा हिस्सा स्पष्टीकरण के बिना उसका संदर्भ को समझ जाए।  Koo (कू) लोगों और समुदायों को एकजुट करने वाले कारक के रूप में भाषा का उपयोग करके एक साथ लाना चाहता है।’
 Koo (कू) -हिंदी पर बातचीत सामाजिक कारणों, राजनीतिक विचारों, बॉलीवुड, खेल, करंट अफेयर्स, उत्सव, राष्ट्रीय महत्व के दिनों, राष्ट्रीय नेताओं के स्मरण और ऐसे अन्य अभियानों से होती है। विभिन्न माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर कई दिनों और कई बार किए गए हिंदी सामग्री के अध्ययन के आधार पर, यह पाया गया कि Koo (कू) पर हिंदी पोस्ट की संख्या औसतन किसी भी अन्य माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर हिंदी पोस्ट की संख्या से लगभग दोगुनी है। इसके अलावा, पिछले 4 महीनों में  Koo( ़कू) पर हिंदी उपयोगकर्ताओं की संख्या में 80% की वृद्धि हुई है और इसी अवधि में हिंदी में Koo (कू) की संख्या दोगुनी हो गई है।
विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, अगले 5-6 वर्षों में भारतीय इंटरनेट उपयोगकर्ता आधार के अरबों अंक तक पहुंचने की उम्मीद है। भारतीय भाषा के इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के अंग्रेजी उपयोगकर्ताओं की तुलना में काफी तेज दर से बढ़ने की उम्मीद है।

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