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महिंद्रा हॉलिडेज़ तमिलनाडु में करेगी 800 करोड़ रुपये का निवेश, प्रोजेक्ट्स से 1500 से अधिक लोगों के लिए पैदा होंगे रोजगार के अवसर

मुंबई। एक ऐतिहासिक विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए, भारत की प्रमुख वेकेशन ओवनरशिप और लीजर हॉस्पिटैलिटी कंपनी महिंद्रा हॉलिडेज एंड रिजॉर्ट्स इंडिया लिमिटेड (एमएचआरआईएल) ने तमिलनाडु में 800 करोड़ रुपये का निवेश करने का निर्णय लिया है। पर्यटन और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के उद्देश्य से एक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस एमओयू के तहत, एमएचआरआईएल अगले पांच से छह वर्षों में 800 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश करेगा, ताकि वहां 3 ग्रीनफील्ड रिसॉर्ट्स बना सके। इसके अलावा, एमएचआरआईएल राज्य के पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने में सक्रिय रूप से योगदान करेगा, तमिलनाडु सरकार के साथ मिलकर इसके विकास और सुधार को प्रोत्साहित करेगा।
यह साझेदारी न केवल तमिलनाडु के आर्थिक विकास के लिए एमएचआरआईएल की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, बल्कि 1500 से अधिक लोगों के लिए सीधे रोजगार के अवसर पैदा करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका का भी प्रतीक है। यह राज्य की समग्र अर्थव्यवस्था में योगदान देगा।
यह एमएचआरआईएल का दूसरा सबसे बड़ा निवेश होगा। पिछले साल उत्तराखंड में 1000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था और यह 2030 तक रूम इन्वेंटरी को 5000 से 10,000 तक बढ़ाने की दिशा में कंपनी की मजबूत विस्तार योजनाओं का हिस्सा है। इस महत्वपूर्ण निवेश के साथ, एमएचआरआईएल तमिलनाडु में अपनी उपस्थिति को दोगुना कर देगा। क्लब महिंद्रा पहले से ही ऊटी और कोड़ैकनाल में रिसॉर्ट्स सेगमेंट में काम कर रहा है।
क्लब महिंद्रा अपने 2,90,000 खुशहाल परिवारों के लिए भारत और विदेश में 125 से अधिक इनक्रेडिबल रिसॉर्ट्स पर मैजिकल हॉलीडेज की सुविधा प्रदान कर रहा है। ये रिसॉर्ट्स 2000+ अनूठे ऑफर्स का लाभ भी देते है, जो एकभी परिवार की कई पीढ़ियों की हॉलिडे जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए हैं।
कंपनी ने इससे पहले, बिनसार (उत्तराखंड), कूर्ग और मड़िकेरी (कर्नाटक), कुम्भलगढ़ (राजस्थान), मुन्नार, अष्टमुड़ि और चेरई (केरल) जैसे विभिन्न स्थानों पर हॉलिडे डेस्टिनेशंस स्थापित किए हैं। इसके अलावा, कंपनी कई अन्य विशिष्ट स्थानों पर भी रिसॉर्ट्स संचालित करती है, जैसे कि मध्य प्रदेश के कान्हा, हिमाचल के नलदेहरा और कांडाघाट, सिक्किम के गैंगटोक, राजस्थान के उदयपुर, जयपुर और जैसलमेर के साथ ही महाराष्ट्र के महाबलेश्वर और तुंगी।
यह निवेश मानवता और क्लासिक सिविलाइजेशन की एक जिंदा मिसाल हैं, जो अपनी मातृभूमि में पर्यटकों के आकर्षण की एक विस्तृत श्रृंखला उलब्ध करता है – फिर चाहे वह मीनाक्षी अम्मन, बृहदेश्वर और रामेश्वरम के प्राचीन मंदिर हों या महाबलीपुरम, कोवेलॉन्ग और मरीना के सुंदर समुद्र तट, या फिर ऊटी और कोडाइकनाल के मैजेस्टिक हिल स्टेशन हों अथवा मुदुमलाई और वालपराई के वन्यजीव अभयारण्य या यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल। ये सभी मनोरम स्थल तमिलनाडु राज्य की सांस्कृतिक, वास्तुकला और प्राकृतिक सुंदरता का सही मायने में सही तस्वीर उकेरते हैं।
MHRIL की कमिटमेंट टू सस्टेनिबिलिटी (जैविक तंत्र की विविधता बनाए रखने की प्रतिबद्धता) और 2040 तक कार्बन समता प्राप्त करने के लक्ष्य के हिस्से के रूप में, तमिलनाडु में विकसित सभी नए रिजॉर्ट्स का लक्ष्य है कि वे नेट जीरो एनर्जी, वॉटर और वेस्ट मैनेजमेंट क्षेत्र के विशेषज्ञ बनें ताकि राज्य में सस्टेनेबल टूरिज्म के लिए रोल मॉडल बन सकें।

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