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जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ने खुदरा उद्योग पर मैनेजमेंट कांफ्रेंस का आयोजन किया

नई दिल्ली। जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ने अपने आठवें वार्षिक मैनेजमेंट कांफ्रेंस का आयोजन किया। इसका विषय था, ‘पैराडिग्म शिफ्ट इन रीटेल इंडस्ट्री’ (खुदरा उद्योग में उल्लेखनीय बदलाव)। छात्रों और फैकल्टी द्वारा आयोजित यह एक प्रीमियर कांफ्रेंस थी जिसका उद्देश्य भिन्न उद्योग के विशिष्ट लोगों के बीच जुड़ाव और चर्चा को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत से हुई। कॉनक्लेव के निदेशक प्रोफेसर बीडी नथानी ने अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत भाषण डॉ. डीएन पांडे, निदेशक – जेआईएम नोएडा ने दिया जबकि चेयरमैन श्री शरद जयपुरिया ने उद्घाटन भाषण दिया। इसमें उन्होंने खुदरा उद्योग पर अपने विचार साझा किए और बताया कि गुजरे दशक के दौरान असंगठित खुदरा उद्योग का भारत में कैसे बदलाव हुआ है।
भारत में खुदरा उद्योग सबसे गतिशील और तेज गति वाले उद्योग के रूप में सामने आया है और लगता है इस सफलता की कुंजी उपयुक्त रीटेल फॉर्मैट का चुनाव है। प्रो. बीडी नथानी ने महात्मा गांधी का उल्लेख किया और कहा कि खुदरा बिक्री का मतलब ग्राहक संतुष्टि है और ग्राहक ही राजा है।
फ्यूचर रीटेल के सीईओ श्री सदाशिव नायक ने मुख्य भाषण दिया। उन्होंने कहा कि कैसे कारोबारी संस्थानों को हमेशा सतर्क रहना होता है और बाजार में जो कुछ भी हो रहा है उसपर नजर रखना होता है तथा समय के साथ चलने के लिए समय पर आवश्यक कार्रवाई करनी होती है। खुदरा कंपनियों को नए फॉर्मेट की तलाश में रहना होता है ताकि वे अलग और खास हो सकें।
डॉ डीएन पांडे ने बताया कि खुदरा बिक्री कैसे तेजी से बढ़ रही है तथा अब लोग ऑनलाइन उत्पाद खरीदने में नहीं हिचक रहे हैं और आधुनिक रीटेलिंग एक ऐसे जमाने में है जब नया ग्राहक वर्ग सामने आया है। इस मौके पर आयोजित पैनल डिसकसन छात्रों और अतिथियों के लिए लाभप्रद रहा।
संचालक की भूमिका निभाने वाले मिलाग्रोव बिजनेस एंड नॉलेज सोल्यूशंस के सीईओ और संस्थापक श्री राजीव करवल ने कहा कि खुदरा बिक्री का काम मानवीय हृदय और दिमाग के साथ किया जाना है और यह तब तक करना होगा जब तक मनुष्यों में ईश्वर का दिया “समानुभूति” है जिसे मशीनों में कृत्रिम रूप से नहीं डाला जा सकता है।

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