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इस मदर्स डे पर अपना वित्तीय भविष्य सुरक्षित करने का संकल्प लें

मातृत्व आसान नहीं और युवा एवं कामकाजी माताओं के लिए तो यह और भी ज्यादा मुश्किल है। माताओं को अपने व्यक्तिगत एवं व्यवसायिक जीवन के बीच संघर्ष करना पड़ता हैय उनका जीवन घर एवं व्यवसायिक परिदृश्य में चुनौतियों व जिम्मेदारियों से भरा होता है। वो अपने बच्चों व परिवार की शारीरिक एवं भावनात्मक जरूरतें पूरी करती हैं, अन्य जरूरतें जैसे वित्तीय व मेडिकल जरूरतें पूरी करती हैं। इस निरंतर संघर्ष में उनकी व्यक्तिगत वित्तीय योजना व सुरक्षा पीछे छूट जाती है।
मातृत्व कोई बच्चों का खेल नहीं और जीवन के विभिन्न चरणों में माताओं को अपने वित्त का दायित्व सम्हालना होता है, ताकि उनके जीवन का सफर आसान बना रहे। आय का प्रबंधन करने से आप यह समझ पाते हैं कि टैक्स के भुगतान के लिए, अन्य मासिक खर्चों व बचत, बीमा पॉलिसी, आपातकाल, रिटायरमेंट आदि के लिए आपको कितने पैसे की जरूरत होगी। हाल ही में किए गए सर्वे में वित्त के मामले में महिलाओं का बदलता स्वरूप सामने आया। 70 प्रतिशत महिलाएं अपने बच्चे की शिक्षा के लिए बचत करती हैं और 54 प्रतिशत अपने बच्चे की शादी के लिए पैसे बचाती हैं। 76 प्रतिशत महिलाओं के पास जीवन बीमा पॉलिसी है, और 29 प्रतिशत महिलाएं मेडिकल इमरजेंसी को ज्यादा प्राथमिकता देती हैं और उसके लिए बचत करती हैं।
इस मदर्स डे पर विनीत कपाही, हेड आफ मार्केटिंग, अवीवा इंडिया ने माताओं को वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनाने के तरीके सुझाए और बताया कि वो अपने एवं अपने परिवार का भविष्य कैसे सुरक्षित कर सकती हैं।

  • बजट बनाएं

बजट बनाना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपको अपनी आय एवं खर्चों का अनुमान देता है। अपनी आय की गणना करें और प्राथमिक खर्चे जैसे ईएमआई, किराए, बच्चों की देखभाल, ग्रोसरी, यूटिलिटी आदि की सूची बनाएं। यदि आप कामकाजी महिला हैं, तो मासिक बजट का ट्रैक रखें। गृहणी वर्क फ्रॉम होम कर सकती है और कैश इनफ्लो की योजना बना सकती है। बजट आपको अपने पैसे पर केंद्रित रहने में मदद करेगा और महत्वपूर्ण चीजों पर खर्च के साथ फिजूलखर्ची से बचाएगा।

  • टर्म इंश्योरेंस में खर्च करें

वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक पहला कदम है टर्म इंश्योरेंस में निवेश। टर्म इंश्योरेंस एक शुद्ध सुरक्षा प्लान है, जो किसी दुखद परिस्थिति में बच्चों को वित्तीय सुरक्षा जाल प्रदान करता है। नियमित आय के साथ टर्म प्लान, या निश्चित उम्र के बाद पेंशन, इसके आदर्श विकल्प हो सकते हैं। ये पॉलिसियां पॉलिसीधारक को या नॉमिनी को नियमित मासिक आय के अलावा डेथ बेनेफिट भी प्रदान करती हैं।

  • इमरजेंसी फंड बनाकर रखें

यह नियम बना लें कि आपके पास हर वक्त नियमित बचत खाते के रूप में एक इमरजेंसी फंड हो। एक माँ के रूप में, व्यक्ति को नौकरी खोने, अचानक उत्पन्न हुई मेडिकल इमरजेंसी आदि के लिए तैयार रहना चाहिए। इमरजेंसी फंड के लिए अपना पैसा बचत खाते में, फिक्स्ड डिपॉजिट में और रिकरिंग डिपॉजिट में रखें। व्यक्ति को मौजूदा आय के 3 से 6 माह की लिक्विडिटी बनाकर रखनी चाहिए और इसे समय के साथ बढ़ाकर 6 से 12 माह तक ले जाना चाहिए।

  • अपने वित्तीय उद्देश्यों के अनुरूप निवेश करें

बजट बनाने से आपको बचत व निवेश के माध्यम तैयार करने में मदद मिलेगी। निवेश की एक योजना तैयार करें, जो जीवन के विभिन्न उद्देश्य पूरा करे। आपको ईक्विटी, डेब्ट, डिपॉजिट, गोल्डध्रियल ईस्टेट (अतिरिक्त के मामले में) जैसे विभिन्न एस्सेट्स में निवेश करना होगा। स्वयं को एवं अपने जीवनसाथी को निवेश के विकल्पों, निवेश के बाजारों, एवं विभिन्न इंस्ट्रूमेंट्स के बारे में शिक्षित करें।

  • अपने सपनों को पूरा करने के लिए फंड तैयार करें

माताओं की पिछली पीढ़ियां अन्य लोगों को प्राथमिकता में रखती थीं और अपनी व्यक्तिगत बचत भी अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने में खर्च कर देती थीं। लेकिन व्यक्ति को अपनी वित्तीय जरूरतों की प्राथमिकता तय करना आना चाहिए। यह अच्छी बात है कि युवा माताएं अपने बच्चों की शिक्षा के लिए बचत कर रही हैं और कुछ पैसा अपने उद्देश्यों व शौक को पूरा करने के लिए भी अलग रख रही हैं। बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के दौरान यह भी बहुत जरूरी है कि आप अपने सपनों को पूरा करने के लिए भी निवेश करते रहें।

  • अपने रिटायरमेंट की योजना बनाएं

माँ के रूप में हो सकता है कि रिटायरमेंट आपकी सर्वोच्च प्राथमिकता न हो। आप पहले अपने बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों का ध्यान रखना चाहें। लेकिन एक सुखद व शांतिपूर्ण रिटायरमेंट के लिए आपको स्वयं को सबसे ऊपर रखना होगा और ऐसे रिटायरमेंट की योजना बनानी होगी, जो उन स्वर्णिम सालों में आपकी जरूरतों का ख्याल रखे। अपने रिटायरमेंट के लिए छोटा-छोटा व मासिक योगदान अच्छा विकल्प है।

  • सरकारी सहायता प्राप्त योजनाओं में निवेश करें

अकेली माताओं, विधवाओं के लिए अनेक सरकारी सहायता प्राप्त फंड हैं। आपकी बच्ची के लिए सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ एवं विभिन्न अन्य योजनाएं हैं, जो सोवरेन गारंटी के साथ अच्छा रिटर्न देती हैं। सुकन्या समृद्धि योजना 6.9 प्रतिशत की ब्याज दर प्रदान करती है और पीपीएफ में 6.4 प्रतिशत का ब्याज मिलता है। ये ब्याज दर त्रैमासिक संशोधित होती हैं और ऐतिहासिक रूप से दीर्घकालिक बैंक एफडी दरों से ज्यादा रही हैं।
वित्तीय योजना परिवारों में केवल पुरुष सदस्यों की प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए। यह महिला सदस्यों के लिए भी उतनी ही जरूरी है। महिला समझदार योजना बनाकर और स्मार्ट निवेश करके अपने परिवार को वित्तीय सुरक्षा देने में पूर्णतः समर्थ है। लेकिन यद्यपि निवेश का दृष्टिकोण एवं निवेश के टूल्स काफी विकसित हो गए हैं, लेकिन माताओं के लिए सुरक्षित भविष्य का महत्व समझना अभी भी बाकी है। तो इस मदर्स डे पर, हर महिला को अपना वित्तीय भविष्य सुरक्षित करने का संकल्प लेना चाहिए।

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