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प्रो . कू डोंग्यु संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन महानिदेशक नियुक्त वैश्विक खाद्य और कृषि क्षेत्र में उनके योगदान का रहेगा इंतजार : ICFA

नई दिल्ली। भारतीय खाद्य और कृषि परिषद (आईसीएफए) प्रो कू डोंग्यु की संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के नए महानिदेशक के रूप में नियुक्ति का स्वागत करता है। परिषद उनके द्वारा इस क्षेत्र की परेशानियों को सुलझाने वाली समन्वित नीतियों की प्रतीक्षा करेगी। प्रोव कू वर्तमान में चीन में कृषि एवं ग्रामीण मामलों के उप-मंत्री हैं।
प्रोफेसर कू डोंग्यु 24 जून को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन नौवें महानिदेशक के रूप में चुने गए। एफएओ का मुख्यालय रोम में है और प्रोव कू इस पद पर पद चार साल तक नियुक्त रहेंगे।
एफएओ महानिदेशक के रूप में प्रो कू की नियुक्ति पर टिप्पणी करते हुए, आईसीएफए चेयरमेन डॉ एम जे खान ने कहा – “विश्व की एक बड़ी संस्था एफएओ में एक बड़ी भूमिका के लिए बधाई। चीनी और वैश्विक खाद्य और कृषि क्षेत्र मे आपके योगदान के मद्देनजर जिस पद पर आपकी नियुक्ति हुई है, आप वास्तव मे इसके हकदार हैं।’
इस अवसर पर डॉ खान ने 2017 में हांग्जो में अंतर्राष्ट्रीय चाय एक्सपो और नवंबर 2018 में चांगशा में एफएओ मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान प्रो क्यू के साथ अपनी बातचीत को याद किया। इसके पश्चात वह हुनान हाइब्रिड राइस रिसर्च सेंटर (एचएचआरआरसी) और चांग्शा के बाहरी इलाके में स्थित माओ त्से तुंग के शाओशान गांव में भी प्रो कू के साथ यात्रा पर गए थे।
प्रोव कू और डॉ खान के बीच चर्चा के प्रमुख बिंदु किसानों के लिए वैश्विक खाद्य सुरक्षा, प्रौद्योगिकी का साझाकरण और कृषि व्यवसाय मॉडल के लिए कृषि में सहयोग थे। वे इस मुद्दे पर सहमत हुए कि तीसरी दुनिया के देशों के भीतर साउथ- कोऑपरेशन विकासशील देशों की मदद कर सकता है। इसके अलावा उन्होंने अफ्रीका साझेदारी कार्यक्रमों के बारे में चर्चा की जो खाद्य और पोषण सुरक्षा में अफ्रीकी आबादी की मदद कर सकते हैं और उन देशों की खाद्य और कृषि-व्यवसायों की क्षमता का दोहन कर सकते हैं।
दोनों नेताओं ने एफएओ के सदस्य देशों के बीच सफल मॉडल साझा करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में भी चर्चा की ताकि किसानों की मदद की जा सके। प्रोव कू ने जोर देकर कहा कि कटाई के बाद के प्रबंधन से कृषि-खाद्य श्रृंखला में 15-25 प्रतिशत नुकसान को कम किया जा सकता है। वे इस बात पर सहमत थे कि डेयरी और पोल्ट्री पर ध्यान केंद्रित करने से छोटे किसानों को बेहतर आय प्राप्त होगी।

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