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सुश्री स्मिनू जिंदल ने सामान्य रूप से चलने-फिरने में असक्षम लोगों के लिए सुगम्य पारिवारिक शौचालय (AFT) संबंधी जागरुकता फैलाने हेतु की, अनोखी पहल

नई दिल्ली । सामान्य रूप से चलने-फिरने में असक्षम लोगों के आत्मसम्मान और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए स्वयं संगठन ने नेशनल हैंडीकैप्ड फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NHFDC) के‌ साथ सुगम्य पारिवारिक शौचालय (AFT) के‌ लिए‌ एक विशेष साझेदारी की है।
इस साझेदारी की घोषणा को लेकर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में श्रीमती सावित्री देवी जिंदल, अध्यक्ष जिंदल समूह, श्रीमती आरती जिंदल, सुश्री स्मिनु जिंदल, स्वयं फाउंडेशन की संस्थापक-अध्यक्ष और जिंदल साव लिमिटेड की प्रबंध निदेशक, श्री राजेश अग्रवाल, सचिव, दिव्यांगजन विभाग, समाज कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, डॉ डीएन शर्मा, एनएचएफडीसी फाउंडेशन के ट्रस्टी, डॉ एससीएल गुप्ता, एनएचएफडीसी फाउंडेशन के उपाध्यक्ष और अर्जन बत्रा मौजूद थे। इस‌ विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन 27 मार्च, 2023 को दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर में किया गया। ग़ौरतलब है कि इस मौके पर सामान्य रूप से चलने-फिरने में असक्षम लोगों की चुनौतियों को लेकर अभिगम्यता जागरुकता फैलाने के लिए जागरुकता सप्ताह को भी आयोजित ‌किया।
देश के प्रथम सर्वसमावेशी संगठन स्वयं ने न‌ई दिल्ली के कनॉट प्लेस, लाल किला, दिल्ली विश्वविद्यालय के परिसर जैसे इलाकों में 28 मार्च, 2023 से लेकर 03 अप्रैल, 2023 तक नुक्कड़ नाटकों के आयोजन का भी फ़ैसला किया है। नई दिल्ली‌ के‌ विभिन्न इलाकों के अलावा गुरुग्राम में भी नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया जाएगा।
सुगम्य पारिवारिक शौचालय (AFT) की संस्थापक-अध्यक्ष और जिंदल सॉ लिमिटेड की प्रबंध निदेशक सुश्री स्मिनू जिंदल ने इस अवसर पर कहा, ” सुगम्य पारिवारिक शौचालय हर किसी का निजी अधिकार है। हम भारत सरकार से गु़ज़ारिश करते हैं कि अगले साल 27 मार्च को ‘वर्ल्ड एक्सेसिबिलिटी डे’ के तौर पर मनाया जाए. हमने देखा है कि लोग सुगम्य पारिवारिक शौचलय के निर्माण के लिए अपनी बचत में से और ग़ैर-सब्सिडी लोन से प्राप्त पैसे ख़र्च करने में तनिक भी विचार नहीं करते हैं. उल्लेखनीय है कि नेशनल हैंडीकैप्ड फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NHFDC) के साथ साझेदारी से हम और भी प्रभावी ढंग से परिवर्तन लाने की दिशा में कार्य कर सकेंगे.जिससे भारत में तेज़ी से सकारात्मक बदलाव लाना संभव हो सकेगा।”
श्री राजेश अग्रवाल, सचिव, दिव्यांगजन विभाग, समाज कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा, “सरकार कम गतिशीलता वाले लोगों सहित समाज के सभी वर्गों के लिए सकारात्मक प्रभाव और सामाजिक न्याय लाने के लिए प्रतिबद्ध है। कम गतिशीलता वाले लोगों के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए इस तरह की मजबूत और निस्वार्थ पहल करने के लिए हमें सुश्री स्मिनु जिंदल जी और स्वयं फाउंडेशन द्वारा किए गए कार्यों पर हमें गर्व है। हम निश्चित हैं कि सरकार और एनजीओ के एक साथ आने से सुलभता के मुद्दों को हल करने की दिशा में अधिक से अधिक जागरूकता और रचनात्मक कदम सुनिश्चित होंगे।“
एक सामाजिक संगठन के तौर पर स्वयं दो दशक से भी ज़्यादा समय से सामान्य रूप से चलने-फिरने में असक्षम लोगों के मान-सम्मान और सर्वसमावेशी वातावरण के निर्माण पर ज़ोर देता रहा है. सुगम्य पारिवारिक शौचालय (AFT) के माध्यम से स्वयं (Svayam) ने पिछले चार सालों में भारत के 28 राज्यों में से 13 राज्यों, 8 केंद्र शासित राज्यों और देशभर के 766 जिलों में से 102 जिलों में सुगम्य पारिवारिक शौचालयों के बारे में जागरुकता फ़ैलाने में अहम भूमिका निभाई है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने इस मौके पर कहा, “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार समाज के सभी तबकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिशों में जुटी हुई है जिनमें सीमित रूप से चलने-फिरने वाले लोगों का भी शुमार है. हम स्मिनू जिंदल और स्वयं द्वारा सीमित रूप से चलने-फिरने में सक्षम लोगों के सशक्तिकरण के लिए उठाए गये क़दमों की सराहना और उनकी इस अहम पहल का स्वागत करते हैं।”
सुगम्य पारिवारिक शौचालयों के होने‌ से सुरक्षा, सुविधा और सुलभता के माहौल का निर्माण होता है। सुगम्य पारिवारिक शौचालयों के बुनियादी विशेषताएँ में समतल सतह, बिना फ़िसलन वाली फ्लोरिंग टाइल,ज़रूरत के हिसाब से दरवाज़े का चौड़ा होना, ग्रैब बार्स का होना, आपातकाल की स्थिति में बजने वाली घंटी और पश्चिमी शैली की सीटिंग का होना आवश्यक होता है। आसानी से पहुंचने और उतरने के लिए रैम्प और रेलिंग भी ज़रूरी होते हैं। उल्लेखनीय है कि स्वयं के सर्वे से चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, इससे पता चलता है कि देश के ग्रामीण इलाकों में भी लोग बेहतर जीवनशैली जीने में यकीन करते हैं और सभी तरह की सुविधाओं के इच्छुक होते हैं।

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