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एप्पल इंडिया के पूर्व कंट्री मैनेजर संजय कौल ने भारत में जनरल ट्रेड की मजबूती के लिए सोफिक्स स्टार्टअप शुरू किया

नई दिल्ली। एप्पल इंडिया के पूर्व कंट्री मैनेजर संजय कौल ने आज एक आकर्षक स्टार्टअप – ‘सोफिक्स’ शुरू करने की घोषणा की। यह वैसे सामान्य व्यापारियों के लिए एक सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म है जो स्मार्टफोन और एक्सेसरीज का कारोबार करते हैं। किसी समय शून्य से शुरुआत करते हुए दो प्रमुख स्मार्टफोन कारोबार स्थापित करने का जश्न मनाने के बाद कौल अब खुद को स्मार्ट खुदरा व्यापारियों तक सुलभ और किफायती टेक्नोलॉजी की पहुंच आसान बनाने के लिए समर्पित कर चुके हैं।
इस उद्देश्य को हासिल करने में गेन कैपिटल ग्रुप, यूएसए के पूर्व मुख्य तकनीकी अधिकारी, मुकेश काचरू, जिन्होंने कंपनी के साथ 16 साल का लंबा वक्त बिताया है, उन्हें सहयोग कर रहे हैं। गेन के साथ मुकेश स्टार्टअप के रूप में शुरुआती रचनात्मक वर्षों से जुड़े थे और इस दौरान अमेरिका में उन्होंने इसे पब्लिक आईपीओ से लेकर नंबर 1 एफएक्स कंपनी बनते हुए देखा।
ब्लैकबेरी और एप्पल में काम करने के दौरान कौल ने असंगठित रिटेल – जो भारत में कुल रिटेल कारोबार का 93 फीसदी है, उसमें विभिन्न चुनौतियों के बारे में जाना और समझा। भारत की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान करने वाला देश का असंगठित जनरल ट्रेड सेक्टर डिजिटल पारिस्थितिकी से पूरी तरह कटा रहा है। स्मार्टफोन का उद्योग दहाई अंक की दर से विकसित हो रहा है, ऐसे में सोफिक्स इस अंतर को मिटाती है और मोबाइल रिसेलर समूह को टेलीकॉम आपरेटरों, डिवाइस निर्माताओं, वितरकों तथा अन्य वेंडरों जैसे अन्य अंशधारकों के साथ एक ही प्लेटफॉर्म पर लाती है। इस संदर्भ में चीजें अनुकूल बनाने के लिए 2018 में भारत में बिके 1400 लाख स्मार्टफोन का आधा से अधिक हिस्सा जनरल ट्रेड रिटेलरों के जरिये बेचे गए।
यह प्लेटफॉर्म बिजनेस अंशधारकों के बीच नेटवर्किंग, अनुबंध, रियल-टाइम फीडबैक और समूह निर्माण को सक्षम बनाता है। इसके अलावा यह विभिन्न भागीदारों के बीच कारोबारी लेनदेन संचालित करने में भी मदद करता है। सोफिक्स इन-स्टोर परिचालनए खरीद और ग्राहक संपर्क को भी सरल एवं कारगर बनाने के साथ ही डिजिटल बनाता है। कंपनी के लिए एक मुख्य लक्ष्य इन छोटे-छोटे रिटेलरों के ग्राहकों को बनाए रखना तथा उनकी संख्या बढ़ाना है। इस मकसद के साथ कंपनी दिल्ली-एनसीआर में स्मार्टफोन बेचने वाली शीर्ष दुकानों में अपनी सेवाएं शुरू कर रही है। ये दुकानें प्रतिवर्ष स्मार्टफोन में 2000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित करने में योगदान करती हैं।
कौल के मुताबिक, बड़े कारोबारी जहां तेजी से उभरते डिजिटल इंडिया में अपनी स्थिति मजबूत कर सकते हैं, वहीं छोटे कारोबारी अभी भी बहुत पीछे हैं। वह कहते हैं, ‘मेरा दृढ़ विश्वास है कि हम इन छोटे स्टोर्स को अहम चैनल में बदल सकते हैं ताकि कंपनियां, वितरक और ग्राहक इसके साथ जुड़ना पसंद कर सकें।‘ सोफिक्स को अनुभवी पेशेवरों की टीम का समर्थन मिला हुआ है जिनके पास मोबिलिटी कारोबार, फिनटेक, सीआरएम तथा सेल्स-मार्केटिंग का गहरा अनुभव है। यह टीम भारत में सामान्य कारोबार के समक्ष आने वाली समस्याओं को समझती और महसूस करती है तथा कुछ गंभीर और अनसुलझे मुद्दों को सुलझाने के लिए अपने अनुभव के आधार पर एक खास उत्पाद तैयार करती है। सोफिक्स जिन चार मुख्य चुनौतियों से निपटने का लक्ष्य रखती है, वे हैं:

  1. ग्राहक निष्ठा और संपर्क: सोफिक्स रिटेलरों के लिए अपने ऐप के जरिये प्लग-एंड-प्ले लायल्टी प्रोग्राम देती है। कुछ ही मिनटों में दुकान मालिक अपने निष्ठावान ग्राहकों को बरकरार रखने तथा उन्हें अन्य ग्राहकों को भेजने पर पुरस्कृत करने के लिए एक आसान प्रोग्राम डिजाइन कर इसे शुरू कर सकते हैं। इस प्रोग्राम के जरिये स्थानीय ग्राहकों को किसी खास दुकान की ओर आकर्षित करने के लिए आकर्षक इनाम, ऑफर तथा डिजिटल गिफ्ट कार्ड पेश किए जा सकते हैं।
  2. विशेष उत्पाद तथा वित्तीय ऑफर: सोफिक्स ब्रांडों और वितरकों के बीच अंतर को दूर करती है और उन्हें जीटी रिटेलरों को विशेष सौदे करने के लिए सक्षम बनाती है। अब तक ऑनलाइन तथा ओटी माहौल में ही होता रहा है। सोफिक्स के जरिये ब्रांडए वितरक और वित्तीय संस्थान जीटी रिटेलरों के लिए विशेष एवं आकर्षक आॅफर आसानी से पेश कर सकते हैं।
  3. कारगर खरीदारी और प्रभावी स्टोर प्रबंधन: जब नए ब्रांड भारत में आते हैं या उनके अधिकारी नए उत्पाद पेश करते हैं तो वे उसी पुराने वितरण चैनल पर भरोसा करते हैं। घिसे-पिटे साधनों और निष्प्रभावी सूचना प्रवाह पर भरोसा करना बहुत ही उबाऊ प्रक्रिया होती है। सोफिक्स प्लेटफॉर्म के जरिये शहर के वितरक और जीटी रिटेलर तत्काल जुड़ते हुए उत्पादों को खरीद या बेच सकते हैं। ये विशेषताएं इस प्लेटफॉर्म के अगले वर्जन में उपलब्ध रहेंगी, जिसे जल्द ही बाजार में उतारा जाएगा।
  4. मांग उत्पन्न करना और डिस्कवर की क्षमता: विज्ञापन पर खर्च करने में असमर्थता के कारण सामान्य कारोबार ग्राहकों के साथ उचित मूल्य अनुपात में संवाद करने में कभी सक्षम नहीं रहा है। सोफिक्स इस अंतर को मिटाने में मदद करती है। सोफिक्स के प्लेटफॉर्म के जरिये रिटेलर अपने आसपास के क्षेत्रों में सामूहिक रूप से अपने प्रचार तथा विशेष त्योहारी ऑफर का विज्ञापन कर सकते हैं। दिल्ली-एनसीआर में यह सेवा भुगतान के आधार पर शीर्ष 100 रिटेलरों के साथ शुरू की गई है। इस तरह का पहला प्रोग्राम जुलाई और अगस्त के दौरान आने वाले रक्षाबंधन तथा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सामूहिक प्रचार के रूप में पेश किया जा रहा है।
    कौल ने कहा, ‘हमारा आंकलन दर्शाता है कि भारत में सामान्य कारोबार के जरिये सालाना 12 अरब डॉलर के मोबाइल फोन की बिक्री होती है। आगामी पांच वर्षों के दौरान यह कारोबार सालाना लगभग 16 अरब डॉलर का हो जाएगा क्योंकि फीचर फोन का बाजार स्मार्टफोन बाजार में बदल चुका है। देश में मोबाइल फोन बेचने वाले तीन लाख से भी ज्यादा सामान्य कारोबारी दुकानदार हैं और वे देश के हर कोने में फैले हुए हैं। सोफिक्स उनके साथ एकल बिंदु टेक्नोलॉजी पार्टनर के तौर पर भागीदारी करते हुए बड़ी संख्या में ऐसी दुकानों को सक्षम बनाएगी।‘

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