गुयाना में ‘मिलेट्स मॉडल फार्म’ स्थापित करने के लिए यूपीएल और गुयाना गणराज्य ने मिलाया हाथ
नई दिल्ली। सस्टेनेबल एग्रीकल्चर सॉल्यूशंस की अग्रणी प्रदाता कंपनी यूपीएल ने गुयाना गणराज्य के साथ 200 एकड़ का ‘मिलेट्स मॉडल फार्म’ स्थापित करने के लिए सहयोग की घोषणा की है। श्री जय श्रॉफ, यूपीएलग्रुप के ग्रुप सीईओ और श्री जुल्फिकार मुस्तफा, गुयाना गणराज्य के माननीय कृषि मंत्री ने 21 अप्रैल, 2023 को जॉर्जटाउन, गुयाना में इस बारे में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य गुयाना में मिलेट्स की विविध वैरायटी को उगाने और इनकी खपत के लिए विभिन्न किस्मों के अनुकूलन का आकलन करना है। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भारत के माननीय विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर के नेतृत्व में गुयाना के के दौरे पर गए भारतीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान किए गए।
इस साझेदारी में, यूपीएल तकनीकी विशेषज्ञता और चयनित कृषि आदानों की आपूर्ति करेगा, जबकि गुयाना गणराज्य गुयाना में 200 एकड़ उपयुक्त भूमि प्रदान करेगा। स्थानीय कृषि संचालन गुयाना गणराज्य द्वारा किया जाएगा।
बाजरा, जिसे सुपर फूड के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसा पौष्टिक अनाज है, जो क्लाइमेट स्मार्ट, सस्टेनेबल और विरासत में अत्यधिक समृद्ध है। बाजरे के उत्पादन में चावल की तुलना में प्रति एकड़ आधे पानी की आवश्यकता होती है, जिससे यह जल संरक्षण वाली फसल बन जाती है, जो अन्य फसलों की तुलना में अन्य जलवायु परिस्थितियों जैसे सूखा, बाढ़, गर्मी, अनियमित वर्षा आदि का भी सामना कर सकती है। इस तरह यह भोजन के नुकसान को कम करते हुए छोटे किसानों की नुकसान सहने की क्षमता को और बढ़ाती है।
एफएओ के अनुसार, मिलेट्स दरअसल अनाज के एक विविध समूह को अपने में समाहित करता है जिसमें पर्ल, प्रोसो, फॉक्सटेल, बार्नयार्ड, लिटिल, कोडो, ब्राउनटॉप, फिंगर और गिनी मिलेट्स के साथ ही फोनियो, सोरघम (या ग्रेट मिलेट) और टेफ शामिल हैं। वे सब-सहारा अफ्रीका और एशिया में लाखों लोगों के लिए पोषण का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। वे स्वदेशी लोगों की संस्कृति और परंपराओं में गहराई तक शामिल हैं और उन क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने में मदद करते हैं जहां वे सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक हैं। बाजरा बहुत पौष्टिक भी होता है क्योंकि इनमें एंटीऑक्सिडेंट, खनिज और प्रोटीन होते हैं। साबुत अनाज के रूप में, बाजरा की प्रत्येक किस्म में एक विशेष प्रकार के फाइबर की मात्रा होती है, जो आंतों के कामकाज, रक्त शर्करा और लिपिड के रेगुलेशन में सहायक होती है।
यूपीएल के ग्लोबल कॉर्पाेरेट और उद्योग मामलों के प्रेसिडेंट श्री सागर कौशिक ने कहा, ‘‘गुयाना में बाजरा की खेती की क्षमता का पता लगाने के लिए लैटिन अमेरिका के पहले देश के रूप में गुयाना गणराज्य के साथ साझेदारी करके हमें खुशी हो रही है। हमारा मानना है कि इस कोशिश से छोटे किसानों को भरपूर लाभ होगा।’’
श्री कौशिक ने आगे की पहल के बारे में बताते हुए कहा, ‘‘यूपीएल बाजरे की खेती के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहा है और इस सहयोग के माध्यम से खाद्य-सुरक्षित दुनिया के अपने दृष्टिकोण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। यह रिपब्लिक ऑफ गुयाना और यूपीएल दोनों के लिए एक फायदेमंद स्थिति है। यूपीएल की विशेषज्ञता और तकनीकी जानकारी इस पहल की सफलता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जो विश्व स्तर पर छोटे किसानों को एक स्थायी आजीविका प्रदान कर सकती है। हम इस सहयोग में छिपी संभावनाओं के बारे में उत्साहित हैं और रिपब्लिक ऑफ गुयाना के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं। इस तरह हम सस्टेनेबल एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने के हमारे साझा लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।’’