संपादकीय

राजस्थान खादी ग्रामोद्योग बेरोज़गारो को स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास होंगे : पंकज मेहता

अख्तर खान ‘अकेला’
राजस्थान खादी ग्रामोद्योग बेरोज़गारो को स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनायेंगे। गावों में रोज़गार के अवसर देकर खुशहाली लाएंगे। देश में खादी विकसित होगी तो आत्मस्वाभिमान को बढ़ावा मिलेगा और देश भी आत्मनिर्भर बनेगा। यह कहना है नव नियुक्त राजस्थान खादी ग्रामोद्योग के मंत्री दर्जा उपाध्यक्ष पंकज मेहता का।
खादी बिजनेस प्लान स्ट्रेक्चर के तहत नई दिल्ली, गुवाहाटी, भोपाल, मुंबई, कोलकत्ता, बेंगलोर के जोनल ऑफिस हैं उनमे राजस्थान के जयपुर या कोटा को भी शामिल करवाने के प्रयास होंगे ताकि राजस्थान का उत्पाद, राष्ट्रीय स्तर पर बाज़ार में उपलब्ध हो सके।
राजस्थान में खादी और ग्रामीण विकास के माध्यम से, खुशहाली लाने सहित स्वरोजगार योजनाओं के विकास की ज़बरदस्त सम्भावनायें हैं। खादी ग्रामोद्योग बिजिनेस मॉडल को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री रोज़गार योजना, रूरल एम्प्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम, के तहत ऐसी स्वरोजगार योजनाओं के लिए अधिकतम लाभ राजस्थान के खादी उत्पादकों, व्यवसायीयों, बुनकरों, हस्तशिल्पकारों, ग्रामीण स्वरोजगार योजना के माध्यम से उत्पादन कार्यों में लगे लोगों को मिले इसके लिए भरपूर प्रयास करेंगे।
खादी और ग्रामोद्योग स्वरोजगार योजनाओं के माध्यम से महनत कश मज़दूर, ग्रामीण क्षेत्र के युवा बेरोज़गारों के लिए स्वरोजगार योजना के माध्यम से प्रधानमंत्री योजना के तहत मिलने वाली हर मदद, सब्सिडी, ऋण योजनाओं को राजस्थान के हर ग्रामीण क्षेत्र में स्थानीय उपज, खादी, हस्तशिल्प, वन उपज, कालीन, शिल्पकारी, चित्रकारी, फ़ूड प्रोसेसिंग, हर्बल उत्पादन, सर्विस ऐंड टेक्सटाइल, बायो टेक्नोलॉजी, मिनरल प्रोडक्ट्स, हेंड मेड फायबर ऐंड पेपर, पोलिबर ऐंड केमिकल प्रोडक्ट्स, रूरल इंजीनियरिंग, हथकरघा, खादी उत्पाद के माध्यम से खादी बिज़नेस इन राजस्थान को बढ़ावा देंगे। सभी योजनाओं का लाभ राजस्थान के हर ग्रामीण क्षेत्र के ज़रूरतमंद को दिलाने लिए विशेषज्ञों की टीम बना कर आम जनता तक इसका लाभ जिला कलेक्टर, पंचायत, सहित सभी संस्थाओं के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाएंगे। उनका कहना है कि भाजपा के केंद्रीय शासन के चलते राजस्थान में खादी ग्रामोद्योग की कई योजनाओं को ठंडे बस्ते में केंद्रीय मदद के अभाव में पटक दिया पटक रखा है लेकिन अब राजस्थान में खादी और ग्रामोद्योगों के माध्यम से, स्वाभिमान, स्वरोज़गार, आत्मनिर्भरता को लेकर केंद्र से हर तरह की मदद लेने के लिए सकारात्मक प्रयास होंगे।
वह कहते हैं क्षेत्र में खादी सहित अन्य सभी योजनाओं का कोटा के केथून सहित, बारां के मांगरोल, शाहाबाद, भीलवाड़ा, जयपुर, टोंक, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर सहित, राज्य के सभी ज़िलों में सकारात्मक माहौल है। खादी उद्योग मॉडल को आधुनिक स्वरूप देने का प्रयास करेंगे। साथ ही खादी उद्योगों के लिए, रामेटेरियल असिस्टेंस, रूरल क्राफ्ट्समेन ट्रेनिंग, स्पाईनिंग सब्सीडी, रिबेट ऑफ खादी क्लॉथ प्रोडक्ट्स, इंटीग्रेटेड क्लस्टर डवलपमेंट प्रोग्राम मार्जिन मनी योजना, मार्केटिंग असिस्टेंस, टेक्निकल ट्रेनिंग टू बोर्ड ऑफ़ स्टाफ के माध्यम से भी लोगों को साक्षर कर उनके अधिकारों से अवगत कराया जाएगा।
मेहता कहते हैं राजस्थान के हर गांव में अधिसूचित उत्पाद योजनाओं के आलावा अन्य कई तरह के नए उत्पादों की संभावनाओं को तलाश कर हर ज़िले के अलग- अलग गाँवों की विशिष्ठ्ता के हिसाब से जिलेवार नए उत्पादों को जोड़ने के लिए एक सर्वेक्षण करवाने एवं राजस्थान सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार को इन ग्रामीण क्षेत्र के नए उत्पादों को जोड़ने की सिफारिश भी करवाकर इन्हे जुड़वाकर राजस्थान के हर ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार स्वावलंबन लाकर खुशहाली लाने का प्रयास किए जाएंगे।

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