शिक्षा

महिंद्रा इकोल सेंट्रल कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग ने आयोजित किया अंडरग्रैजुएट रिसर्च सिम्पोजियम

महिंद्रा इकोल सेंट्रल (एमईसी) कॉलेज ऑफ इजिनियरिंग ने हाल ही में अपने पहले अंडरग्रैजुएट रिसर्च सिम्पोजियम (यूआरएस) का आयोजन किया। तीसरे और चौथे साल के छात्र रिसर्च के लिए जिन चीजों पर फोकस कर रहे हैं, उसके बारे में पोस्टर और मौखिक प्रस्तुति के माध्यम से बताया गया।
समकालीन फीस जैसे बिग डेटा ऐनालिटिक्स, ब्लाॅक चेन टेक्नॉलजी, मेटामटीरियल्स, सिस्मिक अनैलिसिस, फाइनशियल मॉडलिंग और माइक्रो फ्लुडिक्स आदि पर सिम्पोजियम में 60 पोस्टर और 12 मौखिक प्रस्तुित दी गई।
आईआईटी दिल्ली के पूर्वनिदेशक प्राॅफेसर वी.एस.राजू और युवा उध्यमी विष्णु सरन ने सिम्पोजियम में आधार व्याख्यान दिया। डॉ.जय श्री (लीड फैकल्टी), डॉ. दिलीप, डॉ.प्रफुल, डॉ. प्रसाद और डॉ. सयंतन पर आधारित फैकल्टी की 5 सदस्य वाली टीम ने छात्र स्वयंसेवकों की मदद से सिम्पोजियम का समन्वय किया। महिंद्रा इकोल सेंट्रल के निदेशक डॉ. याजुलुमेदुरी ने अध्यक्षीय संबोधन दिया जिसके बाद ठोस प्रयास और समपर्ण के साथ इंटर्नशिप और रिसर्च प्रॉजेक्टस की अहमियत पर रोशनी डालते हुए ऐकडेमिक्स डीन और रिसर्च डीन ने अपनी बात रखी।
प्राॅफेसर राजू ने अपने आधार व्याख्यान में ‘भारतीय इंजिनियरों के लिए चुनौतियां और अवसर’ पर चर्चा की। भविष्य में आर्थिक और टेक्नॉलोजी के मैदान में भारत एक पावर बनना चाहता है। इस संदर्भ में उन्होंने मौजूदा समय में भारतीय इंजिनियरों के लिए जरूरत, अवसर और चुनौतियों पर गहरा ज्ञान दिया।
विष्णु सरन ने बहुत ही कम समय के अंदर स्टार्टअप के अपने सफर को साझा किया और बताया कि सफलता एवं असफलता इस तरह के प्रयासों का अखंड हिस्सा है। उन्होंने बताया कि कैसे इससे सीखे गए सबक से उनको सफलता मिली।

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