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मुझे असफलता से डर लगता है : बेन फाॅगल

बच्चे मन में अपने करीयर की कल्पना करते हुए बड़े होते हैं, जो समय के साथ बदलती रहती है। क्या आपके साथ भी मन मुताबिक करने को लेकर ऐसा हुआ था?
मैं अपने पिता के व्यवसाय का अनुसरण करते हुए पशु चिकित्सक बनना चाहता था, किन्तु मैं पढ़ाई में अच्छा नहीं था। मैंने अपनी माँ (वह अभिनेत्री जुलिया फाॅस्टर है) के पदचिन्हों पर थियेटर में अभिनेता बनने की भी कोशिश की, लेकिन वह भी नहीं कर पाया। लेकिन मैंने छोटी उम्र में ही समझ लिया था कि मेरी मंजिल भ्रमण और साहसिक अभियान हो सकते हैं। मेरा सौभाग्य है कि जिंदगी मुझे सही दिश में ले आई। मुझे निश्चित नहीं पता कि कोई सचमुच तय कर पाता होगा कि उसे अपने जीवन में क्या करना है। कुछ ही भाग्यशाली लोग ऐसा कर पाते हैं।

रोमांचक गतिविधियों के लिए उत्साही होने और अलग-अलग जगहों पर जाने के मामले में क्या-क्या उतार-चढ़ाव आते हैं, जिसे हम जैसे लोग सोच भी नहीं सकते?
मुझे असफलता से डर लगता है। असफलता के बिना सफलता नहीं मिल सकती। वे एक-दूसरे पर आश्रित होते हैं। साहसिक अभियानों में जोखिम अंतर्निहित होते हैं और लंबे समय तक घर से दूर रहना पड़ता है। मैं साल में 7 महीने घूमता रहता हूँ। सौभाग्य से मुझे कुछ लोगों से मिलने और नई जगहों की खोज का अवसर मिला है।

क्या आपको अपने पहले अभियान की कुछ याद है? वह कैसा रहा था और इसे आगे जारी रखने का मन बनाने में इससे कैसी मदद मिली?
पहला सही अभियान ऐंडीज के मुहाने से ब्राजील में अमेजन तक की नौका यात्रा थी। मैं आजकल जिस तरह के अभियान पर जाता हूँ, वैसा नहीं था यह, लेकिन तब मेरी उम्र 18 वर्ष की थी और मैं एक नदी नौका पर 3000 मील की सफर पर था। मैंने ऐसा पहले नहीं किया था। इसके बाद मैं पहली बार इक्वाडोर में 6000 मीटर ऊँचे पर्वत की चढ़ाई पर गया। यह जीवन के प्रति विश्वास और बदलाव की शुरुआत थी।

इस शो में आपकी यात्रा पर जिन लोगों से मुलाकात हुई, वे वही लोग हैं जिन्होंने जंगलों में जीवन की रूपरेखा बनाने के लिए एक सभ्य जीवन का त्याग कर दिया है। वह कौन सी समान बात है जो उन्हें जोड़े रखती है और उनकी मानसिक बनावट कैसी होती है?
वे अक्सर जीवन में चुनौतियों पर विजय पाने वाले लोग हैं। कभी-कभी साथी की मुत्यु का वियोग क्षति का शोक। हो सकता है उनलोगों की नौकरी चली गई या किसी बीमारी को हरा कर निकले हैं। उन्हें ईश्वर का संदेश मिला कि उन्हें अपना जीवन परिपूर्ण करना है। अभी नहीं तो कभी नहीं। हम यूँ ही सपने देखते, कामना करते और चाहते हुए जीवन बिता सकते हैं, या फिर हम उन सपनों को साकार करने का उपक्रम कर सकते हैं। कुछ ही बहादुर लोग उपक्रम करते हैं और मैं जिनसे मिला, वे वैसे ही लोग हैं।

कुछ सबसे दुर्दम्य-दुस्साहसिक लोगों – और साहसिक अभियानों – के बारे में बतायें जिसका सामना आपने इस शो के दौरान किया है।
30 से अधिक लोगों और दंपति हैं, जिनसे अभी तक मैं दुनिया के सबसे भयानक जगहों में से मिल चुका हूँ। कुछ खास बातों में लिंक्स का नाम लिया जा सकता है, जो वाशिंग्टन राज्य में पाषाण युग में रहने वाले स्वीडिश लोग हैं। ऐपलेशन पर्वत शृंखला में टाॅड और उनका मुर्दाखोर कबीला काफी वास्तविक था।

अगर आपको आजीवन प्रभाव डालने वाले पाँच शीर्ष जगहों को चुनने को कहा जाए, तो आप किन-किन का नाम लेंगे?
अंटार्टिका आज भी मेरा पीछा करता है। मैं वहाँ दो बार जा चुका हूँ और दोनों बार धरती के अंतिम विशाल निर्जन प्रांतर का एक स्थायी असर हुआ है। मैं दक्षिण अटलांटिक में धरती के सबसे दूरस्थ आबादी वाले दुर्गम द्वीप, ट्रिस्टैन द कुन्ह्या को कभी भूल नहीं सकता। पापुआ न्यू गिनी एक कालातीत जगह है। आइसलैंड भौगोलिक रूप से खूबसूरत वन्य और बीहड़ जगह है, और मंगोलिया अविस्मरणीय था।

चूँकि आपने काफी करीब से इस तरह के लोगों का अवलोकन किया है, तकनीकों से दूर रहने वाले इन लोगों की मानसिकता कैसे बदलती है?
हम टेक्नोलाॅजी के गुलाम हैं, लेकिन हम काफी तेजी से अनुकूलन भी कर लेते हैं। मैं तकनीक के नशे से मुक्त होने का इंतजार कर रहा हूँ।

क्या आपके मन में कभी सदा-सदा के लिए निर्जन प्रांतर में जाने और बसने का ख्याल आया है?
मैंने कास्टअवे नामक एक टेलीविजन एक्सपेरीमेंट के लिए एक साल तक एक द्वीप पर रहते हुए अपने करीयर की शुरुआत की थी, इसलिए मुझे इसका अनुभव है। मैं अभी भी अपने परिवार के साथ किसी निर्जन स्थान में जीवन का अनुभव लेना चाहूँगा। मैं इन निर्जन प्रांतरों के अनुभव अपने छोटे बच्चों के साथ शेयर करना चाहता हूँ। प्रकृति माँ से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं।
व्येर द वाइल्ड मेन आर विद बेन फाॅगल का प्रसारण 11 सितम्बर से प्रत्येक सोमवार-शुक्रवार रात के 10 बजे होगा, केवल सोनी बीबीसी अर्थ पर।

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