मनोरंजन

रामायण के आखिरी हिस्से की कहानी : ‘हनुमान वर्सेज महिरावण’

फिल्म समीक्षा

फिल्म का निर्देशक : डॉ. एजिल वेंडन
फिल्म के निर्माता : राजीव चिलाका
रेटिंग: 3/5
फिल्म की अवधि: 1 घंटा 31 मिनट
सदियों से चली आ रही रामायण की कथा सभी जानते हैं, इस कथा से जुड़ी हुई अनेक फिल्में हमने देखी हैं और रामायण की कथा पर कई टीवी सीरियल भी बन चुके हैं। हमारे बड़े-बजुर्ग इस कथा को बखूबी जानते हैं…..और जानें भी क्यों न……यह हमारी धर्म और आस्था से जुड़ा हुआ है। इसी कड़ी में प्रसिद्ध कार्टून कैरक्टर छोटा भीम की निर्माता कंपनी ग्रीन गोल्ड लेकर आया है फिल्म ‘‘हनुमान वर्सेज महिरावण’’।
यह फिल्म रामायण के वास्तविक कथाओं से बिल्कुल अलग है। इस फिल्म के कहानी की शुरूआत रामेश्वरम से होती है, जहां रामायण से जुड़ी एक साइट पर पुरातत्वविद खुदाई कर रहे होते हैं। इसी दौरान एक वैज्ञानिक के दो बच्चे अपने पापा के साथ वहां पहुंचते हैं, तो टीम के हेड उन्हें वहां खुदाई के दौरान निकाली गई अजीबो-गरीब मूर्तियां दिखाते हैं। बच्चे उनके बारे में ज्यादा जानने के लिए हठ करते हैं, तो वह उन्हें उनसे जुड़ी रावण के सौतेले भाई महिरावण की कथा सुनाते हैं।

फिल्म की कहानी : फिल्म में नये विलेन के रूप में ‘महिरावण’ को उतारा है। यह कहानी रामायण के आखिरी हिस्से की है, जब युद्ध में भगवान राम ने रावण को आखिरी मौका देते हुए एक और दिन का समय दिया। कथा में बताया जाता है कि राम-रावण युद्ध के दौरान जब रावण हार के कगार पर पहुंच गया, तो उस रात उसने धोखे से लड़ाई जीतने के लिए अपने सौतेले भाई पाताल के राजा महिरावण के पास संदेश भेजा कि वह राम और लक्ष्मण को अगवा करके उन्हें मार दे। महिरावण पहले से ही 998 राजकुमारों की बलि चढ़ा चुका था और उसे अपना यज्ञ पूरा करने के लिए दो और राजकुमारों की जरूरत थी। वह तुरंत सुग्रीव के खेमे में जाकर धोखे से राम और लक्ष्मण को उठाकर अपने राज्य पाताल ले आता है। रावण ने तो राक्षसों को विभीषण को भी मारने को कहा था, लेकिन ऐन मौके पर राम-लक्ष्मण के आने से विभीषण की जान बच गई। विभीषण की मदद से हनुमान भी महिरावण के पीछे-पीछे पाताल पहुंच जाता है। मायावी महिरावण की तरह उसका राज्य भी बेहद रहस्यमय और मायावी था, जहां हनुमान का सामना बेहद खतरनाक मुश्किलों से होता है। लेकिन अपनी जान पर खेलकर हनुमान न सिर्फ महिरावण की मृत्यु का रहस्य पता करते हैं, बल्कि उसे मारकर राम-लक्ष्मण को वापस ले आते हैं।
पहले इस फिल्म को गर्मियों की छुट्टियों में रिलीज करना था, लेकिन इस दौरान बड़ी बॉलिवुड और हॉलिवुड फिल्मों से क्लैश टालने की खातिर अब इसे रिलीज किया गया है। 3डी में बनी इस फिल्म में डायरेक्टर ने कहानी को बड़ी ही खूबसूरती से बयान किया है और एनिमेशन भी बहुत अच्छा है। फिल्म की कहानी बहुत ही मनोरंजक है इसलिए आप अपने बच्चों के साथ फिल्म को देखते हुए बोर नहीं होंगे।

क्यों देखें : बच्चों के लिए यह फिल्म काफी मनोरंजक है, इस फिल्म का एनिमेशन और कहानी बच्चों को ज़रूर लुभाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *