मनोरंजन

सत्यजित रे की कृति ’’रवींद्रनाथ टैगोर’’के साथ शुरू हुआ महीने भर का आॅनलाइन फिल्म फेस्टिवल

इंडिया हेरिटेज वॉक फेस्टिवल 2018

नई दिल्ली। इंडिया हेरिटेज वॉक फेस्टिवल 2018 के तहत महीने भर चलने वाले आॅनलाइन हेरिटेज फिल्म फेस्टिवल के दौरान अमर हस्तियों की जीवनियों, विस्मृति के अंधेरे में खो चुके लोगों की कहानियों, विलुप्त हो रही परंपराओं और भारत की अनोखी विरासत को प्रस्तुत किया जा रहा है।
भारतीय कला और संस्कृति के ऑनलाइन इनसाइक्लोपीडिया ‘सहपीडिया’ और येस बैंक के व्यावसायिक विचार मंच येस ग्लोबल इंस्टीट्यूट के सांस्कृतिक प्रभाग, येस कल्चर द्वारा आयोजित इंडिया हेरिटेज वॉक फेस्टिवल का उद्देष्य लोगों को अपने शहरों और कस्बों की मूर्त और अमूर्त विरासत की तलाष करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
आॅनलाइन फेस्टिवल के तहत भारतीय उपमहाद्वीप की सांस्कृतिक धरोहर के अनगिनत पहलुओं को दर्षाने वाली डाॅक्यूमेंटरी फिल्मों को शामिल किया जाएगा।
इस फेस्टिवल का शुभारम्भ गुरुवार (एक फरवरी) को रवींद्रनाथ टैगोर पर फिल्म प्रभाग की ओर से 1961 में सत्यजित रे द्वारा बनाये गए पुरस्कृत वृत्तचित्र से किया गया। इस फेस्टिवल में कुल 25 फिल्में प्रदर्षित की जाएंगी जिसमें जानी-मानी कृतियों के अलावा फेस्टिवल के लिए नृत्यांगना और सीबीएफसी की पूर्वप्रमुख लीला सैमसन समेत कला एवं संस्कृति से जुड़ी प्रमुख हस्तियों की जूरी द्वारा चुनी गई फिल्में षामिल होंगी।
सहपीडिया पूरे महीने लगभग हर दिन अपने यूट्यूब चैनल पर सुबह 10 बजे एक फिल्म को रिलीज करेगा। हर फिल्म में व्यक्ति, कला, परंपराओं या वास्तुकला के रूप में उपमहाद्वीप की विरासत के एक उल्लेखनीय पहलू को उजागर किया गया है।
के यावासवानी और निधि कामथ की वीव्स आॅफ महेश्वर (2009) लुप्त प्राय हथकरघा शिल्प को पुनर्जीवित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे लोगों की कहानी हैै। मनोज भंडारे और राजू हितलामानी की द सारंगी-स्टोरी आॅफ ए म्यूजियम (2015) काठमांडू के संग्रहालय और नेपाल के संगीत वाद्ययंत्रों के माध्यम से एक यात्रा है। सोमनाथ वाघमारे की बैटल आॅफ भीम कोरेगांव (2017) में भूले बिसरे महार (अछूत) सैनिकों की वीरता को उजागर किया गया है जिन्होंने महाराष्ट्र में पेशवा शासन को उखाड़ फेंका।
कुछ क्लासिक्स में कलामंडलम गोपी (1999), डागर परिवार (डागरवानी – 1993) के ध्रुपद उस्तादों और गुरु के लुचरण महापात्र (भावंतरण – 1991) जैसी हस्तियों के जीवन को उजागर किया गया है, जबकि अन्य फिल्में दर्षकों को शिलांग चैंबर कोइर (2008), मिस्टिक आॅफ मुर्शिदाबाद (2014), लिटिल मैगजीन वाॅइसेस (2014) और हैदराबादी ट्रिस्ट विद इत्तर (2017)जैसे कम ज्ञात रत्नों से रूबरू कराती हैं।
प्रदर्षित की गई फिल्मों को पूरे महीने ऑनलाइन देखने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
फिल्म फेस्टिवल फरवरी, 2018 में इंडिया हेरिटेज वॉकफेस्टिवलके लिए आयोजित किये जाने वाले कई कार्यक्रमों में से एक है। महीने भर चलने वाले और कई षहरों में आयोजित किये जाने वाले इस फेस्टिवल में करीब 70 सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके तहत हमारे देष की सांस्कृतिक ताने-बाने में योगदान देने वाले वास्तुकला, भोजन, विरासत, शिल्प, प्रकृति, और कला जैसे विविध पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए, करीब 20 षहरों में हेरिटेज वॉक्स (विशेषज्ञों के द्वारा आयोजित तैयार, क्यूरेट किये गये और निर्देशित पर्यटन), बैठक (वार्ता), कार्यषाला और इंस्टामीट का आयोजन किया जाएगा।
आईएचडब्ल्युएफ 2018 का विवर  www.indiaheritagewalkfestival.com पर उपलब्ध है।

 

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