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12वें ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल में फिल्मी हस्तियों का जमावड़ा लगा

भारत एक ऐसा देश है जहाँ सबसे ज्यादा फिल्में बनती है और देखी भी जाती है लेकिन मैं आप सभी छात्रों से यही कहना चाहता हूं कि हम अधिक फिल्मों के साथ साथ फिल्मों की क्वालिटी पर भी ध्यान दें और ऐसी फिल्में बनाए जो आपको दर्शकों से जोड़ सके, अपनी फिल्म में उन सभी पहलुओं पर ध्यान दे जो किसी भी फिल्म को बेहतरीन बना सकते है यह कहना था लव स्टोरी, बेताब, अंजाम और अर्जुन पंडित जैसी फिल्में बनाने वाले निर्देशक राहुल रवैल का जो मारवाह स्टूडियो में चल रहे तीन दिवसीय 12वे ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल के उद्धघाटन में पहुंचे। इस समारोह के पहले दिन फिल्म निर्देशक, निर्माताओं, कला प्रेमी व अलग अलग देशों के राजदूतों का एक ही जगह जमावड़ा देखने को मिला। इस अवसर पर बोस्निया और हर्जेगोविना के राजदूत मोहम्मद सेनजिक, स्टेट कमेटी उज्बेकिस्तान के जॉइंट सेकेटरी तुमुर्बेक एनवाबिकोवा, फिल्म निर्देशक राहुल रवैल, क्रिएटिव डायरेक्टर रंजीत कपूर, सिंगर डांसर रघुनाथ मानैत, डायरेक्टर उषा देशपांडे, टीवी एक्ट्रेस समीक्षा भटनागर, विवेक पॉल, मिस यूक्रेन डरिना गॉर्डिएको, कल्चरल कॉउन्सिल ऑफ ईरान के मोहम्मद अली रब्बानी और संदीप मारवाह उपस्थित हुए।
समारोह के अध्यक्ष संदीप मारवाह ने कहा मुझे बहुत खुशी है कि हम ग्लोबल फिल्म समारोह के बारहवें वर्ष में पंहुच चुके हैं और इसकी लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, आज यह देश का दूसरा सबसे बड़ा फिल्म फेस्टिवल बन गया है, इन बारह सालों में हमने 145 देशों को इस फेस्टिवल से जोड़ा है। समारोह के पहले दिन के कार्यक्रमों में फीचर फिल्म ‘ईरान’ दिखाई गई साथ ही इकबाल कृष्ण की पेंटिंग प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर संदीप मारवाह की बायोग्राफी ‘ए वॉल्क इन द कॉरिडोर ऑफ एटर्निटी’ जिसकी लेखिका है श्रेया कत्याल, का भी विमोचन किया गया, इस पुस्तक में संदीप मारवाह के जीवन के कई पहलुओं को बताया गया है जिनसे सभी अनभिज्ञ है, और इससे सभी को बहुत कुछ जानने और सीखने को मिलेगा। मोहम्मद सेनजिक ने कहा की यह समारोह अपने आप में एक बहुत बड़ा समारोह है और इस समारोह का हिस्सा बनकर मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है, मैं मारवाह स्टूडियो के इवेंट्स में भाग लेता रहता हूँ और मुझे हमेशा यहाँ आकर एक नयी ऊर्जा प्राप्त होती है। क्रिएटिव डायरेक्टर रंजीत कपूर ने कहा आज के बदलते समय में फिल्मों में काफी बदलाव आया है, फिल्म के विषय पुराने जमाने की फिल्मों से अलग है, पर अब डॉक्यूमेंट्री फिल्मों को भी लोग देखना पसंद करने लगे है जो अच्छा है।
डायरेक्टर उषा देशपांडे ने कहा संदीप मारवाह का जोश व इतना भव्य ग्लोबल समारोह बहुत ही कम देखने को मिलता है, मैं उनको शुभकामनाएं देती हूं इस भव्य समारोह के लिए। तुमुर्बेक एनवाबिकोवा ने कहा की यहां ग्लोबल फिल्म समारोह में इतनी विविधता व छात्रों का उत्साह देखकर मुझे बहुत खुशी हुई। समीक्षा भटनागर ने कहा की जो भी काम हम अपने लिए चुनते है वो हमारी चॉइस है और हमे अपना काम पॉजिटिव होकर ही करना चाहिए चाहे वो कितना भी मुश्किल क्यों न हो।

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