मनोरंजनमूवी रिव्यु

अब इंतजार हुआ खतम क्योंकि भोली पंजाबन और फुकरा गैंग फिर से गुदगुदाने आ गए हैं कुछ नए फुकरापंती के साथ

फिल्म का नाम : फुकरे 3
फिल्म के कलाकार : पुलकित सम्राट, पंकज त्रिपाठी, मनजोत सिंह, ऋचा चड्ढा, वरूण शर्मा और अन्य
फिल्म के निर्देशक : मृगदीप लांबा
रेटिंग : 3.5/5

निर्देशक मृगदीप सिंह लांबा के निर्देशन और फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी द्वारा बनी फिल्म फुकरे 3 रिलीज़ होने ही वाली है यानि यह 28 सितंबर को सिनेमाघरों में लग जाएगी। इस बार फिल्म में अली फज़ल नहीं हैं। फुकरे 1, फुकरे 2 ने आपको खूब हंसाया था और अब फुकरे 3 से फुकरा गैंग अपनी फुकरापंती दिखाने के फिर से तैयार है। आइए जानते हैं कैसी बनी है फिल्म……

फिल्म की कहानी :

फिल्म की शुरूआत होती है फुकरे 1 और फुकरे 2 की कहानी को गाने और झलकियों के माध्यम से बताते हुए फुकरे 3 की कहानी शुरू होती है। यानि जहां दूसरा भाग खतम हुआ था। फुकरा गैंग जिन्होंने जनता स्टोर खोला था, एक लम्बे समय से असफल रहा है और अब वो कुछ जुगाड़ और चूचा की खास ‘देजा चू’ पावर के साथ छोटी-मोटी रकम कमा रहे हैं और अपना काम चला रहे हैं। दूसरी ओर, भोली पंजाबन (ऋचा चड्ढा) राजनीति में आ गई है और राजनेता बन गई हैं और अब जल संसाधन मंत्री पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं। कैंपनिंग के लिए उसने फिर से फुकरों को बुलाया है। ढींगरा नाम का पानी माफिया भोली को उसकी अवैध गतिविधियों में समर्थन के बदले चुनाव के लिए पैसे देता है, जो पानी की चोरी और तस्करी में प्रमुख रूप से योगदान देता है।
भोली पंजाबन के लिए चुनावी कैंपेनिंग करते-करते चूचा लोगों के बीच पॉपुलर होता चला जाता है और फिर फुकरा गैंग चूचा को कैंडिडेड के रूप में उतारने का मन बनाते हैं। इसकी भनक भोली को लग जाती है है और वो फुकरों को द. अफ्रीका भेज देती है ताकि वो लोग प्रचार अभियानों में चूचा को बढ़ावा न दे सकें। अब आगे क्या-क्या होता है यह जानने के लिए आपको सिनेमाघर का रूख करना होगा।

कलाकारों की अदाकारी :

पुलकित सम्राट पूरे फॉर्म में नज़र आए हैं। वरूण शर्मा अपने अभिनय से सबको हंसा-हंसा कर लोट-पोट करने में पूरी तरह से कामयाब हुए हैं। मनजोत सिंह काफी प्रतिभशाली हैं और अपनी एक्टिंग से सबका ध्यान अपनी ओर खिंचते हैं। पंकज त्रिपाठी का तो क्या ही कहना है उनके डायलॉग और एक्टिंग में उनका ऐसी अंदाज़ झलकता है, वो दर्शकों को अपने साथ बड़ी ही आसानी से कनेक्ट कर लेते हैं। ऋचा चड्ढा ने अपने किरदार भोली पंजाबन को परफेक्ट तरीके से निभाया है, ऋचा की जगह कोई और भोली के किरदार में शासद ही जचता।

कैसी बनी है फिल्म?:

इस बार निर्देशक ने कहानी को सिर्फ मनोरंजक ही नहीं बनाया बल्कि कहानी के ज़रिए पानी माफिया का पोल खोला है। सभी लोग शायद ही जानते होंगे कि पानी माफिया भी होता है, जो काबिले तारिफ है। मृगदीप सिंह लांबा ने उस फॉर्मूले पर राज करना जारी रखा है जिसमें कुछ चतुर लाइनों के साथ स्लैपस्टिक कॉमेडी का एक बुद्धिमान मिश्रण शामिल है, और यही फुकरे स्वाद है। अभिषेक नेलवाल का बैकग्राउंड स्कोर मज़ेदार है और बेहतर प्रभाव पैदा करने के लिए मज़ेदार पंक्तियों के साथ समन्वयित करने के लिए कई बार इसका उपयोग किया जाता है। अगर बात करें डायलॉग कि तो कहीं-कहीं डायलॉग में फुहड़ता दिखती है जिसे आप फैमिली के साथ बैठकर देखने-सुनने में थोड़ा कतराएंगें। लेकिन फिल्म की कहानी युवा वर्ग को पसंद आ सकती है। काफी जगह ऐसे पंचलाइन इस्तेमाल किए गए हैं जिसे सुनते ही आपको काफी हंसी आती है।

फिल्म क्यों देखें :

फिल्म आपका मनोरंजन करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *