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कम्पलीट मसाला फिल्म है गदर 2 जिसने दर्शकों की तालियां और सीटियां खूब लूटी

फिल्म का नाम : गदर 2
फिल्म के कलाकार : सनी देओल, अमीषा पटेल, उत्कर्ष शर्मा, मनीष बाधवा, मुश्ताक खान और अन्य
फिल्म के निर्देशक : अनिल शर्मा
फिल्म के निर्माता : अनिल शर्मा
रेटिंग : 3.5/5

निर्माता-निर्देशक अनिल शर्मा के निर्देशन में बनी फिल्म गदर 2 आज से सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है। साल 2001 में फिल्म गदर: एक प्रेम कथा आई थी और 22 साल बाद गदर 2 रिलीज़ हुई है। फिल्म को देखने पहंुचे दर्शकों में फिल्म को लेकर खासा क्रेज़ दिखाई दिया। पहले ही दिन शो हाउसफुल था। थिएटर में एंट्री से पहले और फिल्म खतम होने के बाद ‘हिन्दुस्तान ज़िन्दाबाद’ और ‘जय श्रीराम’ के नारे को ज़ोर-शोर से लगाया गया।

फिल्म की कहानी :

फिल्म ‘गदर 2’ की कहानी ‘गदर: एक प्रेम कथा’ से आगे 17 साल बाद की कहानी को दर्शाती है। फिल्म की शुरूआत ‘गदर: एक प्रेम कथा’ के फ्लैश बैक दृश्यों से की जाती है जिसमें साल 1954 में तारा सिंह (सनी देओल) अपने बीवी सकीना और बेटे चरणजीत सिंह यानि जीते को पाकिस्तान से वापस हिंदुस्तान ले आता है। यहां से 17 साल बाद 1971 में कहानी दिखाई जाती है। तारा सिंह परिवार के साथ चैन व सुकून से जीवन बिता रहा है। जीते का पढ़ाई में मन नहीं लगता, वह बंबई जाकर हीरो बनना चाहता है। लेकिन तारा अपने बेटे को चंडीगढ़ के एक हॉस्टल में भेजना चाहता है, ताकि वह पढ़-लिखकर अफसर बने। इस बीच भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू होता है। भारतीय सेना तारा की मदद लेती है, जो अपने साथ कई ट्रक लेकर युद्ध क्षेत्र में जवानों को गोला-बारूद पहुंचाने के लिए जाता है। देश विभाजन में अपना परिवार खो चुका पाकिस्तानी सेना का जनरल हमीद इकबाल (मनीष वाधवा) तारा को पहचान लेता है, वह उसे बंधक बनाना चाहता है। एक ब्लास्ट के बाद तारा किसी को भी नहीं मिलता, हिंदुस्तानी सेना को लगता है कि पाकिस्तान ने जिन ट्रक ड्राइवरों और सेना के जवानों को बंधक बनाया है उनमें तारा भी बंधक के रूप में पकड़ा गया है। सकीना (अमीशा पटेल) का रो-रो कर बुरा हाल है, जीते से अपनी मां का यह हाल देखा नहीं जाता और वो अपने पिता को पाकिस्तान की कैद से छुड़ाने के लिए उन्हें ढूंढने पाकिस्तान चला जाता है, लेकिन तारा पाकिस्तान में उसे नहीं मिलता और बल्कि उसे वहां पाकिस्तानी जनरल द्वारा बंधक बना लिया जाता है, फिर कहानी में सन्नी देओल की दोबारा एंट्री होती है और खूब सारा एक्शन होता है और कहानी अपने अंजाम तक पहुंचती है।

कलाकारों की अदाकरी :

बात करें सन्नी देओल की अदाकारी की तो वो जब-जब स्क्रीन पर दिखाई देते हैं तब-तब दर्शकों की तालियां और सीटियां पूरे जोश में थिएटर में गूंजती हैं, शुरू से लेकर एंड तक पूरे जोश फुल एक्शन हीरो के फॉर्म में नज़र आते हैं। हांलाकि अमीशा और सन्नी देओल के साथ आने पर भी लोगों की सीटियां बजती हैं, लेकिन अमीशा को स्क्रीन पर कम ही दिखाया गया है। जबकि पूरी फिल्म में सन्नी देओल और उत्कर्ष शर्मा को सबसे ज़्यादा दिखाया गया है। सकीना और तारा की तरह इस बार जीते और मुस्कान (सिमरत कौर) के प्रेम-प्रसंग वाले दृश्यों को जोड़ा गया है। बाकि सारे एक्टर्स को स्क्रीन स्पेस कम मिला है लेकिन कहानी के हिसाब से ठीक ही दिखाई देता है।
इस बार सन्नी देओल ने हैंडपम्प नहीं बल्कि बिजली का खंभा और बैलगाड़ी का चक्का उखाड़ा है। फिल्म में कई जगह पहली वाली ‘गदर’ के फुटेज इस्तेमाल किए गए हैं। डायलॉग काफी हाई वॉल्यूम में हैं लेकिन कुछ डायलॉग ऐसे भी हैं जिनपर लोगों की तालियां बजती हैं। और फिल्म में खूब सारा एक्शन भी है। पहली फिल्म से कुछ गानों को गदर2 में इस्तेमाल किया गया है जिसे आज भी सुनते ही लोग गुनगुनाने लगते हैं, लेकिन इसमें दो नए गाने भी हैं।

फिल्म क्यों देखें? :

कुल मिलाकर फिल्म की स्टोरी लाइन वही है लेकिन फिर भी फिल्म आपको बोर नहीं करती बल्कि एंटरटेन करती है।

SHABNAM

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