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मेरा ये मानना है कि नाक में चमकने वाले नथ का अपना सौंदर्य होता है और गले में पहनने वाले हार का अपना सौंदर्य होता है : आशुतोष राणा

-शबनम
हाल ही में अभिनेता आशुतोष राणा और राजकुमार राव अपनी आने वाली फिल्म ’भीड़’ के प्रमोशन के लिए दिल्ली पहुंचे थे। यह फिल्म भारत में 2020 में आई कोविड महामारी के समय में लगे लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों के पलायन पर आधारित अनुभव सिन्हा द्वारा लिखित, निर्देशित और निर्मित है। फिल्म 24 मार्च को रिलीज होगी। फिल्म को ब्लैक एंड व्हाइट में शूट किया गया है।
प्रमोशनल कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए आशुतोष राणा ने फिल्म को बिना रंगों के रिलीज करने के बारे में बताया कि ’कोरोना के दौरान मानवता को बहुत नुकसान हुआ। यह हम सभी के लिए एक त्रासदी थी और यह कभी रंगीन नहीं हो सकती। ’भीड़’ में हम उस दर्द और दुखद अनुभवों को दिखाने की कोशिश कर रहे हैं जिसका लोगों ने सामना किया इसलिए हमने इसे ब्लैक एंड व्हाइट ही रखा।’ आशुतोष ने कहा कि वो भविष्य में अपने आप को एक भारतीय अभिनेता के रूप में ही जाने जाना चाहते हैं। वो कहते हैं उनकी यही ख्वाहिश है कि उनके द्वारा निभाए गए हर किरदार को दर्शक अपनी स्मृति में याद रखें। आशुतोष कहते हैं नाक में चमकने वाले नथ का अपना सौंदर्य होता है और गले में पहनने वाले हार का अपना सौंदर्य होता है।
राजकुमार राव ने कहा कि आशुतोष जी को हम लोग प्यार से आशु सर बोलते हैं। मैं बचपन से ही इनका फैन रहा हूं और मैंने इनकी सभी फिल्मों को देखा है और इनकी फिल्मों से बहुत कुछ सीखा भी है। आशु सर बहुत कमाल का बोलते हैं इसलिए एक स्टूडेंट की तरह हम बस इनको सुनते थे। भीड़ में एक अलग तरह का आशतोष राणा देखने को मिलेंगे, उन्होंने इस फिल्म अपनी तरह का ह्यूमर भी डाला है। यह बहुत ही टैलेंटेड एक्टर हैं इसलिए मैंने इसने बहुत सीखा है कि कैसे परफॉर्मेन्स देनी है? कैसे काम करना है।
राजकुमार राव ने कहा, ’सभी प्रोटोकॉल और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए फिल्म को लॉकडाउन के दौरान शूट किया गया है। रियलटाइम में शूटिंग करने से हमें बहुत ताकत मिली, क्योंकि हमने देखा कि कोविड के कारण सैकड़ों प्रवासी अपने गृहनगर वापस जा रहे हैं।’

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