‘धर्म योद्धा गरुड़’ में अब अच्छाई और बुराई के बीच गरुड़ का सामना असुरों से होगा
सोनी सब के शो ‘धर्म योद्धा गरुड़’ में जबर्दस्त युद्ध होने वाला है, क्योंकि अपनी माँ की दासता का सच जानने की गरुड़ (फैज़ल खान) की यात्रा एक भयंकर मोड़ ले चुकी है। अपनी इस खोज में वे देवताओं की माता अदिति (पियाली मुंसी) के पास पहुँचते हैं, जो ध्यान में लीन हैं और उन्हें अपने आस-पास मौजूद खतरों का आभास नहीं है। गरुड़ उनकी प्रतीक्षा करते हैं और उन राक्षसों से भिड़ जाते हैं, जिन्होंने अदिति के ध्यान को भंग करने की योजना बनाई है। सदाचारी होने के कारण गरुड़ उनका रक्षक बनने का निर्णय लेते हैं और राक्षसों को खुली चुनौती देते हैं कि वे या तो लौट जाएं या उनके क्रोध का सामना करें।
राक्षस तो राक्षस हैं, जब गरुड़ उन्हें अदिति का ध्यान भंग करने से रोकते हैं, तब वे गरुड़ से युद्ध की चुनौती स्वीकार कर लेते हैं। गरुड़ उनके आक्रमण को रोकने के लिये एक रेखा खींचते हैं। इसके बाद एक प्रचण्ड युद्ध शुरू होता है, क्योंकि राक्षस एक के बाद एक गरुड़ की रेखा को लांघने का प्रयास करते हैं और गरुड़ की शक्ति से घबराकर डर जाते हैं। हालांकि, यह युद्ध गरुड़ के लिये भी चुनौतीपूर्ण रहता है, क्योंकि उन्हें अकेले ही राक्षसों की सेना से मुकाबला करना होता है। क्या गरुड़ उन्हें हरा पाएंगे? क्या, वह अदिति को उस सच का खुलासा करने के लिये मना पाएंगे, जिसे सुनने की उन्हें लंबे समय से प्रतीक्षा है? दर्शकों को इन प्रश्नों के उत्तर ‘धर्म योद्धा गरुड़’ के आगामी एपिसोड्स में मिलेंगे।
गरुड़ की भूमिका निभा रहे फैज़ल खान ने कहा, “विपरीत परिस्थितियाँ गरुड़ का उत्साह कम नहीं कर सकती और वह अपनी माता विनता पर हो रहे दमन का सच जाने बिना नहीं रूकेंगे। विरोधी कितना भी खतरनाक हो, गरुड़ युद्ध किये बिना नहीं झुकेंगे और कहानी का मौजूदा हिस्सो उनका वही साहस दिखाता है। टेक्नोलॉजी और अत्याधुनिक विजुअल इफेक्ट्स के कारण लड़ाई के दृश्य काफी अच्छे बने हैं, जिन्हें देखकर मजा आएगा। आज के समय में जब हम अक्सर अपने माता-पिता के अस्तित्व की उपेक्षा करते हैं, गरुड़ की कहानी हमें झकझोरती है कि उन्होंने कैसे एक लक्ष्य के लिये अपनी पूरी शक्ति लगा दी, ताकि अपनी माँ को उनका उचित सम्मान दिला सकें। इस किरदार को निभाना मेरा सौभाग्य है और मुझे आशा है कि गरुड़ के आदर्श और जीने का तरीका हर किसी को काफी प्रभावित करेगा।”