मनोरंजन

जन्मस्थान की यात्रा : अयोध्या में ‘श्रीमद रामायण’

‘श्रीमद रामायण’ की टीम ने हाल ही में भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या की तीर्थयात्रा शुरू की, जो उनकी रचनात्मक यात्रा में एक महत्वपूर्ण पल है। इस यात्रा ने उन्हें उनकी कहानी की ऐतिहासिक जड़ों से गहराई से जुड़ने का अवसर दिया। टीम की खोज में राम जन्मभूमि, कनक भवन और हनुमान गढ़ी जैसे पवित्र स्थल शामिल थे, जिन्होंने उन्हें शहर के आध्यात्मिक माहौल और ऐतिहासिक महत्व से जोड़ा।
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न के बिज़नेस हेड, नीरज व्यास ने इस यात्रा के महत्व पर प्रकाश डाला : “अयोध्या की हमारी यात्रा भगवान राम की कहानी को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हम आज की दुनिया में उनकी प्रासंगिकता पर ज़ोर देते हुए, उनके कालातीत आदर्शों और शिक्षाओं को प्रस्तुत करने के लिए समर्पित हैं।”
स्वास्तिक प्रोडक्शंस के संस्थापक और ‘श्रीमद रामायण’ के निर्माता, सिद्धार्थ कुमार तिवारी ने अपने अयोध्या दर्शन के अनुभव के प्रभाव पर टिप्पणी की: “अयोध्या की हमारी यात्रा से हमारी सीरीज़ में वास्तविक गहराई आएगी, और इस तरह यह यात्रा इस प्रतिष्ठित शहर की ऐतिहासिक अनुगूंज से भर गई है, जिससे ‘श्रीमद रामायण’ की कहानी भी विकसित होगी।”
मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम का किरदार निभा रहे सुजय रेउ ने अपने विचार व्यक्त किए : “अयोध्या की तीर्थयात्रा परिवर्तनकारी रही है। इसने भगवान राम को लेकर मेरी समझ और निरूपण को बढ़ाया है, और उनके किरदार को अधिक निष्ठा और गहराई से निभाने की मेरी प्रतिबद्धता को और भी मजबूत किया है।”
माता सीता की भूमिका निभाने वाली प्राची बंसल ने अपनी यात्रा पर विचार व्यक्त करते हुए कहा : “अयोध्या को प्रत्यक्ष तौर पर अनुभव करना दिव्य अनुभूति थी। इस तरह से मैं माता सीता की शक्ति और शोभा को समझने के करीब पहुंची हूं।”
लक्ष्मण का किरदार निभा रहे, बसंत भट्ट ने अपना नज़रिया व्यक्त किया : “अयोध्या के जीवंत एहसास ने मुझे लक्ष्मण की भक्ति और निष्ठा को लेकर एक नया दृष्टिकोण दिया। यह अनुभव मेरी भूमिका के लिए मार्गदर्शक रहा है।”
भगवान हनुमान का किरदार निभा रहे निर्भय वाधवा कहते हैं, “अयोध्या की आध्यात्मिक ऊर्जा स्फूर्तिदायक थी। इसने मुझे हनुमान की अटूट भक्ति और समर्पण की विशालता का एहसास कराया।”
‘श्रीमद रामायण’ का प्रीमियर 1 जनवरी, 2024 को रात 9 बजे सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न पर होगा, जो इस महागाथा की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का सम्मान करने वाली प्रस्तुति होने का वादा करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *