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चोल वंश की एपिक कहानी को भव्यता के साथ दर्शाती है पोन्नियिन सेल्वन

फिल्म का नाम : पोन्नियिन सेल्वन
फिल्म के कलाकार : ऐश्वर्या राय बच्चन, प्रकाश राज, चियान विक्रम, जयम रवि, कार्थी, त्रिशा, शोभिता धुलिपाला, आर. पार्थिबन
फिल्म के निर्देशक : मणि रत्नम
रेटिंग : 3.5/5

निर्देशक मणि रत्नम के निर्देशन में बनी फिल्म पीएस-1 (पोन्नियिन सेल्वन) 30 सितंबर से सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म की कहानी कल्कि कृष्णमूर्ति के तमिल उपन्यास पोन्नियिन सेल्वन से ली गई है। पोन्नियिन सेल्वन फिल्म को दो हिस्सों में विभाजित किया गया है, जिसमें से पीएस-1 को अभी यानि 2022 में रिलीज़ किया गया है और फिल्म के दूसरे भाग को 2023 रिलीज़ किया जाएगा। ‘पोन्नियिन सेल्वन-1’ को हिंदी, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम में भी डबिंग के साथ रिलीज किया गया है.

फिल्म की कहानी :

फिल्म शुरू होती है 1000 साल पहले की कहानी के साथ, जहां तंजोर के सम्राट सुंदर चोल (प्रकाश राज) के दो बेटे आदित्य करिकालन (विक्रम) और अरुणमोड़ी वर्मन (जयम रवि) और एक पुत्री कुंदवई (त्रिशा) है। वीरयोद्धा आदित्य करिकालन एक युद्ध में वीरपांड्या (नासर) का सिर धड़ से अलग कर देता है। वीरपांड्या का अंगरक्षक इस प्रतिशोध के चलते चोल वंश का सर्वनाश करने की शपथ लेता है। राजकुमार अरुणमोड़ी वर्मन उर्फ पोन्नियिन सेल्वन सिंहल पर विजय पाने की तैयारी में हैं। सुंदर चोल की तबियत खराब रहती है। दुश्मनों के चलते चोल वंश खतरे में है। चोल राज्य के अंदर रक्षक ही षड्यंत्र रचते रहते हैं। करिकालन को इस बात की भनक लग जाती है, इसलिए वह अपने करीबी मित्र वल्लावरायन वंदितेवन (कार्थी) को इस बात का पता लगाने हेतू जासूस के रूप में भेजता है।
चोल साम्राज्य का सेनापति पर्वतेश्वर (आर शरत कुमार) बाकी मंत्रियों के साथ अंदर ही अंदर चोल साम्राज्य का तख्ता पलट करने का षड्यंत्र रचता है। वह सुंदर के बड़े भाई के बेटे मधुरांत्कन (रहमान) को गद्दी पर बिठाना चाहत रखता है। पर्वतेश्वर की पत्नी नंदिनी (ऐश्वर्या राय बच्चन) इस सबमें उसका साथ देती है, हालांकि नंदिनी अपने किसी मकसद से चोल राज्य में विवाह करके आई थी। नंदिनी का एक अतीत है, वह वीरपांड्या की मौत का बदला आदित्य से लेना चाहती है और चोल साम्राज्य की गद्दी पर बैठने के स्वप्न देखती है। एक वक्त था जब आदित्य और नंदिनी एक-दूसरे से प्रेम करते थे। कहानी प्रतिशोध की आग में जल रही नंदिनी और कई तरह के षड्यंत्रों से गुजरते हुए अंत तक पहुंचती है। और अंत में दिखाया जाता है कि पोन्नियिन सेल्वन की वीरपांड्या के अंगरक्षक से युद्ध में मौत हो जाती है। लेकिन आगे क्या होता है, किसके प्रतिशोध की जीत होती है और अरुणमोड़ी वर्मन की वाकई में मौत हो जाती है या नहीं? या फिर से मौनी रानी अरुणमोड़ी बचा लेती है? इन्हीं सभी सवालों के साथ मणि रत्नम ने पीएस-1 को खतम किया है, आगे की कहानी फिल्म के दूसरे भाग में दिखाई जाएगी।

कैसी बनी है फिल्म :

फिल्म की कहानी बहुत लम्बी है। शायद इसलिए क्योंकि दो हजार पन्नों को दो फिल्मों में समेटना मणि रत्नम के लिए काफी जद्दोजहद वाला रहा होगा। फिल्म के पहले भाग के साथ दर्शकों का कनेक्ट होना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि काफी समय किरदार और उनकी कहानी को समझने में लगता है। फिल्म का दूसरा भाग एंटरटेनिंग लगता है, शायद इसलिए भी कि कहानी समझ में आने लगती है और किरदारों के बारे में भी ज्ञात हो जाता है। फिल्म की कहानी जटिल होने की वजह से कहानी के बीच-बीच में हल्के-फुल्के अंदाज में कुछ ऐसे प्रसंग डाले गए हैं जिससे दर्शकों को कहानी बोझिल न लगे। फिल्म के हिंदी संवाद दिव्य प्रकाश दुबे ने लिखे हैं, जो सरल हैं और सीन के साथ फिट बैठते हैं। फिल्म का क्लाइमेक्स रोमांचक है। फिल्म में भव्यता दिखाने और चोल साम्राज्य को दिखाने में विजुअल इफेक्ट्स का भरपूर इस्तेमाल किया गया है। फिल्म के अंत में समुद्र में लड़ाई का दृश्य भव्य है। जब चोल राज्य का जहाज टूट कर पानी के अंदर डूब रहा होता है उस समय एक पल के लिए टाईटैनिक के जहाज के डूबने जैसा आभास होता है।

कलाकारों की अदाकारी :

आदित्य और अरुणमोड़ी के किरदारों को स्क्रीन स्पेस मिलता तो अच्छा होता। नंदिनी के किरदार में ऐश्वर्या राय बच्चन खूब जचती हैं। प्रकाश राज के किरदार को कुछ खास गढ़ा नहीं गया, उन्हें सिर्फ एक बीमार राजा के तौर दिखाया गया है। उसूलों के पक्के, निहत्थे पर वार न करने वाले, एक दिलजले प्रेमी और वीर योद्धा के किरदार में विक्रम प्रभावित करते हैं। भावुक सीन्स में भी वह दिल भी जीतते हैं। अपने साम्राज्य को बचाने की कोशिशों में लगी कुंदवई के किरदार में त्रिशा प्रभावशाली लगी हैं। फिल्म में सबसे ज्यादा स्क्रीनस्पेस पाने वाले अभिनेता कार्थी एक योद्धा और मित्र के किरदार में अपनी छाप छोड़ते हैं। उन्हें कई मजेदार सीन्स भी मिले हैं, जो चेहरे पर मुस्कान लाते हैं।

फिल्म क्यों देखें :

एपिक कहानियों के शौकीन लोगों को पसंद आ सकती है पीएस-1 की कहानी। एक बार जरूर देखनी चाहिए।

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