मनोरंजन

वाणी कपूर ने लॉन्च किया ‘बी द चेंज फॉर टीबी’ अभियान, जिसका उद्देश्य है युवाओं को ट्यूबरकुलोसिस का उन्मूलन करने में समर्थ बनाना

दिल्ली। आज विश्व ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) दिवस के अवसर पर, जॉनसन एंड जॉनसन इंडिया (द कंपनी) ने युवाओं पर केंद्रित, डिजिटल-फर्स्ट अभियान ‘बीदचेंजफॉरटीबी’ के लॉन्च की घोषणा की। यह अभियान कॉर्पाेरेट टीबी संकल्प की प्रतिबद्धता के तहत लॉन्च किया गया, जो केंद्रीय टीबी विभाग, भारत के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, और यूनाईटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूसैड) की एक संयुक्त पहल है और टीबी का उन्मूलन करने के भारत सरकार के उद्देश्य में सहायक है। बॉलिवुड अभिनेत्री वाणी कपूर कैम्पेन का चेहरा बनीं।
टीबी के खिलाफ लड़ाई में युवा जोखिमपूर्ण आबादी में आते हैं। जोखिम होने के बावजूद, टीबी के लक्षणों की जानकारी न होने, इस बीमारी से जुड़े कलंक, स्वास्थ्य की जटिल प्रणालियों की उपलब्धता में आने वाली संरचागत बाधाओं, और परिवार व समाज के सहयोग की कमी के चलते युवाओं का रूझान इलाज की ओर कम होता है। एक अनुमान के मुताबिक, भारत में 30 प्रतिशत टीबी के मामले 18 से 30 वर्ष के आयुवर्ग में होते हैं, इसलिए इस अभियान का उद्देश्य युवा परिवर्तनकारियों के एक कैडर का निर्माण करना है, जो देश से टीबी का उन्मूलन करने में मदद करने के लिए परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में काम कर सकें।
सोशल मीडिया, चौटबॉट्स आदि के द्वारा बीदचेंजफॉरटीबी अभियान का उद्देश्य टीबी के लिए युवा ‘परिवर्तनकारियों’ का निर्माण करना है, ताकि इस बीमारी के प्रति जागरुकता बढ़े और युवाओं की संलग्नता व प्रतिभागिता बढ़ाकर टीबी-मुक्त भारत के लिए सरकार के उद्देश्य में सहयोग किया जा सके। यह कार्यक्रम लोकप्रिय भारतीय युवा हस्तियों के सहयोग से लॉन्च किया जा रहा है। मशहूर बॉलिवुड अभिनेत्री, वाणी कपूर के साथ काम भारी के नाम से मशहूर और युवा भारतीय हिप-हॉप रैपर एवं लिरिसिस्ट, कुणाल पंडागले भारतीय युवाओं को इस अभियान में शामिल होने के लिए प्रेरित करेंगे। (लॉन्च रैप साँग का लिंक)
बी द चेंज फॉर टीबी अभियान भारत के युवाओं को संबोधित करता है क्योंकि वो आम जनता के व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए पथप्रदर्शक की भूमिका निभाते हैं, जिससे टीबी के खिलाफ लड़ाई को काफी मजबूत किया जा सकता है। यह अभियान टीबी से जुड़ी आम मिथकों को दूर करेगा और इस बीमारी के निदान व इलाज के बारे में सही संदेशों का प्रसार करेगा। इस अभियान के संचार एवं सामाजिक मोबिलाईज़ेशन के पहलू में विभिन्न ऑनलाईन और ऑन-ग्राउंड प्रयास शामिल होंगे, जिसके तहत राज्य एवं जिला स्वास्थ्य विभागों, राष्ट्रीय ट्यूबरकुलोसिस उन्मूलन कार्यक्रम (एनटेप) और स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर काम किया जाएगा।
जॉनसन एंड जॉनसन की यानसेन फार्मास्युटिकल कंपनियों की अंग, यानसेन इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर, सार्थक रानाडे ने कहा, ‘‘हर व्यक्ति और हर संगठन में टीबी के खिलाफ लड़ाई में प्रभाव उत्पन्न करने की क्षमता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम हर जगह से लोगों को आमंत्रित करते हैं कि वो अपने समुदाय में जागरुकता बढ़ाकर टीबी के भार को कम करने के हमारे मिशन में शामिल हों और लोगों के बीच स्वास्थ्य के प्रति रूझान को बढ़ाएं। बहुक्षेत्रीय साझेदारियों की शक्ति के साथ बड़ी संख्या में साथ आकर और एक उद्देश्य के लिए एकजुट होकर हम इस विनाशकारी बीमारी के खिलाफ लड़ाई में मदद कर सभी और सदैव के लिए परिवर्तन ला सकते हैं।’’
टीबी के साथ जीवन व्यतीत कर रहे लापता लोगों को तलाशने के वैश्विक प्रयासों में सहयोग करते हुए यह अभियान, इस जानलेवा, पर रोकथाम व इलाज योग्य बीमारी को 2030 तक खत्म करने के यूनाईटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल की ओर बढ़ने के जॉनसन एंड जॉनसन के 10 वर्षीय प्रयास का हिस्सा है।
लॉन्च के साथ-साथ वाणी कपूर ने कहा, ‘‘कोरोना महामारी ने ट्यूबरकुलोसिस के नियंत्रण में हुई सालों की वैश्विक प्रगति को खत्म कर दिया और एक दशक में पहली बार टीबी से होने वाली मौतों में वृद्धि हुई। भारत में भी, टीबी से हर रोज 1300 लोग मौत का शिकार होते हैं, जबकि सभी लोगों को टीबी का इलाज निशुल्क उपलब्ध है। हम सभी के लिए यह आवश्यक है कि हम एक साथ आएं और परिवर्तन लाएं। मुझे ‘बी द चेंज फॉर टीबी’ अभियान का हिस्सा बनने की खुशी है। मैं देश व दुनिया के युवाओं से आह्वान करती हूँ कि वो इस अभियान में शामिल हों और टीबी के इलाज के बारे में सत्य जानकारी का प्रसार कर परिवर्तन के दूत बनें व लोगों को इलाज करवाने के लिए प्रोत्साहित करें। मुझे विश्वास है कि हम मिलकर भारत में टीबी के भार को कम कर सकते हैं।’’
अपने विचार साझा करते हुए रैप आर्टिस्ट, काम भारी ने कहा, ‘‘मैं हमेशा से मानता रहा हूँ कि संगीत में दुनिया को बदलने की ताकत है। मैं युवाओं को जागरुकता बढ़ाने और इलाज करवाने का प्रोत्साहन देने में समर्थ बनाने के लिए जन स्वास्थ्य अभियान, ‘बी द चेंज फॉर टीबी’ का हिस्सा बनकर बहुत गौरवान्वित हूँ। मुझे विश्वास है कि इससे युवा परिवर्तनकारियों के एक कैडर का निर्माण होगा, जो टीबी के इलाज के बारे में जागरुकता बढ़ाकर भारत को टीबी-मुक्त बनाने में योगदान देंगे।’’
ट्यूबरकुलोसिस सबसे पुरानी संक्रामक बीमारियों में से एक है और यह भारत में स्वास्थ्य की एक बड़ी समस्या है, जो दुनिया में टीबी के भार के 26 प्रतिशत के बराबर है। बावजूद इसके कि इस बीमारी का इलाज संभव है और यह इलाज सरकार के नेशनल ट्यूबरकुलोसिस एलिमिनेशन प्रोग्राम (एनटेप) के तहत सभी नागरिकों को निशुल्क उपलब्ध है, तब भी हर साल 1300 से ज्यादा भारतीय टीबी के कारण मौत का शिकार होते हैं और हर साल संख्या में 4 लाख तक मरीज ऐसे हैं, जिनके बारे में कोई सूचना ही नहीं होती। कोविड-19 ने स्थिति को और ज्यादा गंभीर कर दिया है क्योंकि टीबी सहित अनेक बीमारियों पर ध्यान दिए जाने में कमी आई और अधिकांश प्रयास कोविड-19 महामारी को रोकने की ओर केंद्रित हो गए।
इन कार्यक्रमों को ज्यादा प्रभावशाली बनाने तथा नई सीख प्राप्त करने के लिए सहयोग आवश्यक है। इसलिए जॉनसन एंड जॉनसन टीबी, यूथ सर्विसेज़ एवं ग्लोबल हैल्थ के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण लोगों को एकत्रित कर रहा है, ताकि ऐसे समाधानों को बढ़ावा दिया जा सके, जो टीबी के खिलाफ लड़ाई में युवाओं को ज्यादा प्रभावशाली तरीके से संलग्न व सक्रिय कर सर्वश्रेष्ठ विधियां साझा कर सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *