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इस अगस्त ज़िंदगी एक शानदार लाइन-अप के साथ मना रहा है आज़ादी के 75वें वर्ष का उत्सव

मुंबई : प्या’र और शांति का झंडा बुलंद करते हुए, ज़िंदगी अपने दर्शकों के दिल पर यादगार जादू चलाने की तैयारी में है। इस स्वतंत्रता दिवस पर ज़िंदगी भारत की आजादी का जश्न मनाने के लिये एक बेहतरीन लाइन-अप लेकर आ रहा है। इसमें माहिरा खान और फवाद खान का हमसफर, सजल अली और अहाद रज़ा मीर का धूप की दीवार और केतन मेहता द्वारा निर्देशित टोबा टेक सिंह , जिसमें पंकज कपूर और विनय पाठक मुख्यू भूमिकाओं में हैं, जैसे शोज शामिल हैं। सीमापार के ड्रामाज की पेशकश करते हुए ज़िंदगी रचनात्मदकता के माध्य म से देशों के बीच की दूरी को कम करने की कोशिश कर रहा है। ज़िंदगी गुलज़ार है और चुड़ैल्स जैसे शोज के साथ, ज़िंदगी ने सामाजिक नियमों को चुनौती देने वाले उद्देश्यो से कहानियों को गढ़ा है।
आजादी के 75 गौरवशाली वर्षों का सम्मान करते हुए, बेहतरीन कलाकारों के यादगार प्रदर्शन और दमदार कहानियों वाले अगस्त। लाइन-अप में हमसफर शामिल हैं। यह एक कल्ट फेवरेट है, जिसमें फवाद खान और माहिरा खान की जबर्दस्त जोड़ी है। इसका प्रसारण 9 अगस्त को शाम 7 बजे ज़िंदगी के वीएएस प्लेटफॉर्म डिश टीवी, डी2एच और टाटा प्लेर पर होगा। सदके तुम्हारे को मिली शानदार सफलता के बाद माहिरा खान एक बार फिर अपनी खूबसूरती और सहज अभिनय से दर्शकों को सम्मोहित करने के लिये लौट आई हैं। प्रशंसकों का चहेता यह शो एक युवा कपल की ज़िंदगी के इर्द-गिर्द घूमता है, जिन्हें शादी के बाद अपने सफर में कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है और हर बार उन्हेंइ एक-दूसरे के प्रति अपने प्यार की परीक्षा देनी होती है।
लाइन-अप में अगली पेशकश है युद्ध के बाद की स्थिति पर रोशनी डालने वाला धूप की दीवार, जो 10 अगस्त को रात 8:30 बजे रिलीज होगा। उमेरा अहमद द्वारा लिखित यह शो दिखाता है कि युद्ध के कारण विभाजित होने के बावजूद हम सभी को एक करने वाली चीज है दुख। दर्शकों को युद्ध के शहीदों के परिवारों की ज़िंदगी करीब से दिखाने वाला यह शो बिलकुल सही तरीके से दोनों देशों के इन परिवारों का कष्ट और नुकसान बताता है। मॉम से मशहूर हुईं एक्टर सजल अली और अहाद रज़ा मीर की मुख्य‍ भूमिकाओं वाला यह शो दर्शकों से शांति और प्रेम की अपील करता है।
ज़िंदगी डीटीएच सर्विस पर अपने शो की वापसी पर रोमांच व्यक्त करते हुए सजल अली ने कहा, “धूप की दीवार नुकसान, ज़िंदगी और परिवार की कहानी है। यह कहानी लोगों को मतभेदों के बावजूद एक करती है और प्रासंगिक है। यह लोगों को युद्ध का पहले कभी न देखा गया और महत्वपूर्ण दृष्टिकोण देती है और मुझे खुशी है कि इस खूबसूरत कहानी का अनुभव देने के लिये यह सीरीज भारत के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचेगी।”
ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड में स्पेीशल प्रोजेक्ट्स की चीफ क्रिएटिव ऑफिसर शैलजा केजरीवाल ने कहा, “ज़िंदगी मायने रखने वालीं, सामाजिक रूप से प्रासंगिक संदेश देने वालीं, हमारी दक्षिण एशियाई संस्कृति की झलक दिखाने वालीं और सबसे महत्वपूर्ण, सीमाओं में विभाजित लोगों को जोड़ने वालीं कहानियों से आजादी के 75 सालों का जश्न मना रहा है। दोनों देशों के टैलेंट और टीमों ने परस्पर विश्वास पर आधारित इन कहानियों के सह-निर्माण के लिये मिलकर काम किया है और हमें आने वाले समय में इस तरह के और भी कई कामों का उत्सुकता से इंतजार है।”
इस खास लाइन-अप में टोबा टेक सिंह भी शामिल है, जो 1947 के विभाजन के बाद भारत और पाकिस्तािन के सम्बंधों पर एक व्यंग्य है। इसके बेहतरीन कलाकारों में अनुभवी एक्टर पंकज कपूर और विनय पाठक, आदि शामिल हैं। यह फिल्म बिशन सिंह नामक एक मरीज के इर्द-गिर्द है, जो लाहौर के पागलखाने में है और जिसे विभाजन के कारण सबकुछ छोड़कर सीमापार जाना पड़ा। केतन मेहता द्वारा निर्देशित टोबा टेक सिंह उस विस्थापन और दर्द की कहानी बयां करती है, जो विभाजन के कारण लोगों को मिला। इस फिल्म का प्रीमियर 14 अगस्त को रात 8 बजे होगा।
दर्शकों के लिये दूसरे लोकप्रिय सीरीज की खास पेशकश भी होगी, जैसे मेरी जान है तू, जोकि एक रोमांटिक ड्रामा है। इसमें हनिया और इबाद की कहानी दिखाई गई है, जो प्या र के लिये हर बुराई से लड़ते हैं। इसके अलावा अर्सलान और अजिया का कॉमेडी ड्रामा सुनो चंदा है, जो अपने दादा की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिये शादी करते हैं। कितने गिरहें बाकी हैं एक संकलन श्रृंखला है, जो पितृसत्तात्मक समाज की बुराइयों पर रोशनी डालती है।

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