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भाषा, शब्दों और शायरी से गंगा-जमुनी तहजीब का प्रचार प्रसार करती एलबम ‘सोच के मोती’ विमोचित..

नई दिल्ली। पश्चिमी सभ्यता, तेज-तर्रार व कान फोडू संगीत युवाओं की पहली पसन्द है, ऐसे में उन्हें अपनी कला-संस्कृति से रूबरू कराने एवम् अमर संगीत रस से सराबोर कराने के उद्देश्य से गैर सरकारी संगठन साक्षी पिछले कई वर्षों से भाषा, लिट्रेचर, शेरो-शायरी व गजल की विभिन्न गतिविधियों द्वारा जागरूकता फैलाने का प्रयास करता आया है, इसी क्रम में डॉ. मृदुला सतीश टंडन के नेतृत्व में इस बार साक्षी सियेट लाये है एक ऐसा गुलदस्ता जो न केवल आंखों को भायेगा बल्कि जिंदगी के विभिन्न अहसासों से रूबरू कराते हुए गजलों को संजीदा करने में भी अहम् भूमिका निभायेगा। यह गुलदस्ता है शायरी एवम् लिट्रेचर जगत के 10 मोतियों द्वारा रचित उनकी सोच व जिंदगी की करवट दर्शाती गजल एलबम ‘सोच के मोती’, जिसे गाया एवम् कम्पोज किया है अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त गायक शकील अहमद ने।
‘सोच के मोती’ शीर्षक से डॉ. मृदुला सतीश टंडन द्वारा निर्मित व प्रस्तुत इस एलबम की गजलों में मॉडर्न दुनिया के शायरों की रचनायें शामिल की गयी हैं, जिन्हें मास्टर्स कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा। शायरों का नेतृत्व करते हैं स्व. निदा फाजली साहब, जिन्होंने हमारी गंगा-जमुनी तहजीब को संजोय रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है, जिसका पुख्ता उदाहरण एलबम की गजल ‘वंदावन के कृष्ण कन्हैया अल्लाह हू’। इसके अतिरिक्त अन्य 9 प्रतिभाओं की गजलें दिल को छुयेंगी और युवा पीढ़ी को भी आकर्षित करेगी। निदा फाजली साहब के साथ शामिल अन्य शायरों में फरहत शहजाद, लक्ष्मी शंकर बाजपेयी, प्रताप सोमवंशी, ममता किरण, अलीना इतरत, रईस सिद्दिकी, नाजिम नक्वी, जीशान नियाजी, कुंवर रंजीत चौहान आदि प्रमुख हैं।
खुशनुमा गजलों के इस संग्रह को जारी करने हेतु साक्षी सियेट द्वारा लोधी रोड़ स्थित इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहां विधिवत् रूप से एलबम का विमोचन किया गया और एक गजल संध्या के द्वारा उपस्थित मेहमान इस एलबम एवम् शकील अहमद के कला-कौशल से रूबरू हुए। मौके पर गजल क्षेत्र के दिग्गज फरहत शहजाद की रचनाओं की उर्दू पुस्तक ‘कहना उसे’ भी रिलीज की गयी।
गजल एलबम के विषय में बताते हुए डॉ. मृदुला टंडन ने कहा कि, “सोच के मोती“ सार्थक कविता और गायकी का एक ऐसा अद्भुत संयोजन है जो श्रोताओं के बीच गजल शैली में बेंचमार्क को बेहतर बनाता है। एलबम के गीतों में श्रोताओं को भावनात्मक शब्दों में मानव भावनाओं का जीवंत अहसास मिलता है, जो कि सभी आयु वर्ग के श्रोताओं के दिलों का छूती है। उन्होंने बताया कि गजल गायक शकील अहमद की रचनाओं ने संगीत के साथ शब्दों को मिलाया और हमें गहरी अर्थपूर्ण भावनाओं और गुनगुना, अविस्मरणीय गजलों का एक गीतात्मक परिदृश्य प्रस्तुत किया है। हमें उम्मीद है कि हमारी विभिन्न गतिविधियों की तरह दर्शकों का साथ इस एलबम को भी मिलेगा और हम सार्थक संगीत व गजल के जादुई अवतार से श्रोताओं पर गहरा असर छोड़ने में कामयाब होंगे। श्रीमती टंडन ने बताया कि यह एलबम हमारे कम्यूनिटी डेवलेपमेंट पहल का एक हिस्सा है जहां हमारा उद्देश्य गजलों, भाषा व शब्दों के जादू को व्यापक स्तर पर लाकर सभी को इससे जोड़ना है।
विश्व प्रसिद्ध कवि फरहत शहजाद द्वारा रचित गजलों को इस युग के सभी मशहूर गजल गायकों ने आवाज दी है। मेहंदी हसन के साथ उनका विशेष रिश्ता था, यह फरहत शहजाद का सशक्त लेखन ही था जिसने मेहंदी हसन को एक के बाद एक रचनाओं की फरमाईश हेतु बाध्य किया और उनका पहला एलबम “कहना उसे“ शीर्षक से जारी हुआ। नौ गजलों के एलबम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी लोकप्रियता हासिल हुई। उनकी कविताओं को अविस्मरणीय जगजीत सिंह ने गाया है और वर्तमान में पंकज उद्धास, तलत अजीज और मशहूर शास्त्रीय गायिका शुभा मुदगल जैसे लोकप्रिय गायकों ने भी गाया है। सदी के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की आवाज में उनकी कविताओं को सुना गया है। उनके लेखन, मनुष्य के मूल्यों और भावनाओं को सबके सामने रख देते हैं। फरहत शहजाद के लेखन में पारस्परिक संबंधों के प्रति संवेदनशीलता और मानव भावनाओं के भीतर रोजमर्रा की कल्पनाओं की निपुणता की झलक देखने को मिलती है।
वहीं शकील अहमद की सशक्त गायकी, कविताओं की समझ और गजल का प्यार हमें एक रूहानी दुनिया में ले जाता है जहां कविता और संगीत श्रोताओं पर गहरा असर डालता है। रागदारी की समझ, भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक गहन ज्ञान उन्हें हर किसी से मुख्तलिफ बनाता है। उनकी गजलों में एहसास का ऐसा मंजर होता है जिससे सुनने वाले आत्म-विभोर हो जाते हैं।
फरहत शहजाद ने कहा कि हमारा प्रयास भाषा, सभ्यता और मधुर कविताओं, शेरो-शायरी को युवा पीढ़ी के बीच जींवत रखना है जिससे कि वह आज के दौर में भी अपनी जड़ों से जुड़े रहें और उन्हें भी इसका ज्ञान हो, जिससे वह इस कला को भी आगे ले जाने में अहम् भूमिका निभायें।

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