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36 फीसदी अपराध हर साल बढ़ते हैं : डॉ.सिंघल

कोटा। बालिकाओं का मूल घर आश्रय ग्रह नहीं होकर उनका स्वयं का घर है कोशिश करें कि पुनर्वास उनके अपने घर पर ही हो। लैंगिक अपराधों की रोकथाम के पोक्सो एक्ट जेसे सख्त कानून बनने के बाद भी अपराध बढ़ रहे हैं, जरूरत है बालकों को इस संबंध में समझाया जाए और कानूनी जानकारी भी दी जाए। यह विचार अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रवीण कुमार वर्मा ने राजकीय बालिका गृह नांता में आयोजित बाल अधिकारिता विभाग के अंतर्गत बाल अधिकार सप्ताह एवं चाइल्डलाइन से दोस्ती सप्ताह के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्य अथिति के रूप में संबोधित कर व्यक्त किए। उन्होंने लैंगिक हिंसा की रोकथाम पर विस्तार से कानूनी जानकारी दी। अथितियों ने चाचा नेहरू की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व संयुक्त निदेशक जन संपर्क विभाग डॉ.प्रभात कुमार सिंघल ने अपने उद्बोधन में कहा की विडंबना ही है कि आज बालिकाएं बाहर तो क्या घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं। बाल यौन हिंसा की घटनाएं विभस्त रूप ले रही हैं जो चिंता का विषय है।

  • 36 फीसदी अपराध एक वर्ष में बढ़ते हैं –

डॉ.सिंघल ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक बीते तीन सालों में बाल यौन शौषण के 4.18 लाख अपराध दर्ज हुए जिनमें से पोक्सो एक्ट के तहत 1.34 लाख अपराध थे। चिंताजनक स्थिति है कि लैंगिक अपराध से बच्चों की सुरक्षा नियम बनने पर भी नाबालिग बच्चियों से यौन शोषण के मामले बढ़ रहे हैं। आज अनुमान के अनुसार प्रति वर्ष बाल यौन शोषण घटनाओं में करीब 36 फीसदी की वृद्धि होती हैं। उन्होंने बताया कि उधर पोक्सो न्यायालय सक्रिय हो कर कार्य भी कर रहे हैं और दोषियों को कड़ी सजा सुना रहे हैं। जरूरत है संस्था प्रधान और अविभावक बालिकाओं को उनकी सुरक्षा और अधिकारों के प्रति सचेत करें।
जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक कालूराम मीणा ने बताया कि आज दिनांक 14 नवंबर 2022 को कोटा से बाल अधिकार सप्ताह विविध करकर्मो के साथ मनाया जाएगा।
कार्यक्रम में बालिका यौन शोषण के साथ-साथ बाल श्रम एवम बाल भिक्षावृत्ति पर भी चर्चा की गई। जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक कालूराम मीणा ने बालिकाओं को उनके मूल अधिकारों के बारे में बताया । डॉक्टर अजीत शर्मा जिला बालक अधिकारी ने बालिकाओं को चाइल्ड हेल्पलाइन, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी आदि की जानकारी दी। बाल संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा ने खेलकूद प्रतियोगिताओं की जानकारी देते हुए हार जीत के साथ ना खेलकर खेल भावना के साथ खेलने को कहा। कार्यक्रम का संचालन करते हुए नोडल निदेशक यज्ञदत्त हाड़ा ने चाइल्ड हेल्प लाइन के बारे में बालिकाओं को बताया व चाइल्डलाइन से दोस्ती की प्रक्रिया समझाई।
कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कनीज फातिमा, विमल चंद जैन, आबिद अब्बासी, अरुण भार्गव, जिला बालक अधिकारी डॉ अजीत शर्मा, सहायक निदेशक कालूराम मीणा, नोडल निदेशक चाइल्डलाइन यज्ञदत्त हाड़ा, बाल संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा, राजकीय बालिका गृह अधीक्षक आरूषी जैन, चाइल्डलाइन शहर समन्वयक रेखा शाक्य, दिलशाद, राजकीय बालिका गृह से हिना जेठी, आरती जोशी संजय मेहरा आदि उपस्थित रहे।

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