हलचल

विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर एक लाइव वर्चुअल स्टोरी इवेंट कार्यक्रम का आयोजन

कोटा। राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय कोटा में दिनांक 23 अप्रैल 2021 को विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर एक लाइव वर्चुअल स्टोरी इवेंट कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कोटा शहर के विभिन्न विद्यालयों एवं संस्थानों में अध्ययन कर रहे बाल एवं युवा बच्चों को आमंत्रित किया गया। मकसद बाल एवं युवा बच्चों में अध्ययन प्रवृत्ति विकसित करना है। इस अवसर पर कार्यक्रम के मॉडरेटर अंकित प्रिंसिपल डिस्कसेंट ब्रेन तथा आर्यन रहे वही कार्यक्रम की लाइव रिपोर्टिंग की तृप्ति ने। इस अवसर पर सेंट पॉल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के कक्षा 3 के छात्र युग केबसरा ने अपनी बात कहते हुए कहा कि – पुस्तके ही है जिनकी वजह से हम हमारी संस्कृति को जान पाते हैं, वही एनपीएस कॉन्वेंट स्कूल के छात्र अंकित तथा आर्यन वर्मा ने कहा की पुस्तकों से हमारी स्मरण शक्ति पढ़ती है तथा चित्र वाली पुस्तक हमें ज्यादा पसंद है मतलब साफ है पिक्टोरियल बुक्स बच्चों को न केवल भाती है अपितु स्मरण शक्ति को भी मजबूत करती है! फीचर किड्स पब्लिक स्कूल के छात्र करण वर्मा ने कहा कि जीवन में सर्वाधिक आनंद की अनुभूति पुस्तक पढ़ने सेआती है सिंघानिया स्कूल की छात्रा डेयर कहा की पुस्तकें पढ़ने से रचनाधर्मिता एवं नवाचार की प्रेरणा मिलती है।
एनपीएस की छात्रा हर्षिता तथा अनिका ने कहा की पुस्तकें हमारी सच्ची साथी है जो हमें कभी भी बोर नहीं होने देती मुझे कहानी और कविताओं की पुस्तके बहुत पसंद है। वही वहीं केंद्रीय विद्यालय के छात्र आर्यन ने कहा कि बदलते परिवेश में ई बुक को पढ़ने का चलन बढ़ा है लेकिन फिजिकल पुस्तके ही सुकून देती है। वही गवर्नमेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल के छात्र आयुष श्रीवास्तव ने कहा कि मुझे कार्टून वाली पुस्तके बहुत पसंद है लेकिन वह बहुत मुश्किल से मिल पाती है। छात्र आयुष मेघवाल ने कहा कि लोक डाउन में सर्वाधिक पुस्तक पढ़ने का अवसर मुझे मिला और मुझे अनुभव हुआ कि किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान पुस्तकों में ही है क्योंकि उसी की वजह से मैं समृद्ध हुआ। बीएससी नर्सिंग की छात्रा ब्रेन श्रीवास्तव ने कहा कि पुस्तके हमारे मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखती है जो भी लोग अपने जीवन में पुस्तक अध्ययन प्रवृत्ति को अपना लेते हैं उन्हें जीवन में कभी भी निराशा का सामना नहीं करना पड़ता। वही अन्य नर्सिंग छात्र अंकित का कहना है कि दुर्लभ पुस्तके जो न केवल शोध को बढ़ावा देती है नवाचार को भी प्रेरित करती हे। कार्यक्रम की कॉन्क्युर्द तृप्ति ने कहा कि – किताबें वह साधन है इन के माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच सेतु का निर्माण कर सकते हैं वही कार्यक्रम के आयोजक डॉ दीपक कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं 21वी सदी डिजिटल बुक्स के युग के रूप में देखी जा रही है लेकिन आज भी लोग बिब्लियोंसोमिया के प्रति झुकाव रखते हैं इसका मतलब है किताबों की अपनी खुशबू होती है जिसके प्रति पाठकों में आज भी दीवानगी है या यूं कहें कि वह आज भी फिजिकल बुक को पढ़कर पाठक जो सुकून पाते है वह सचमुच निराला हैं, किताबें हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है श्रेष्ठ किताबें आपको मानसिक और भावनात्मक रूप से बढ़ने में मदद करती है, इससे आपके आसपास की दुनिया की जानकारी प्राप्त होती है।
अच्छी किताब में चीजों को सोचने बात करने और विश्लेषण करने के तरीके को बदलने की शक्ति होती है पुस्तके विश्वास पैदा करती हैं उसकी कल्पना को बढ़ाती है किताबें एक अच्छे दोस्त की तरह होती हैं जो हमारे दिमाग को ज्ञान से संबंधित जानकारी से अपटुडेट रखती हैं और वह हमारी असफलताओं पर काबू पाने में मदद कर सकती हैं ताकि हमारे दिमाग को भी देती है कुल मिलाकर किताबें ज्ञान से भरी होती हैं आपको जीवन का पाठ पढ़ाती है, किताबे प्रेम है और हर छोटी बड़ी चीज के बारे में सिखाती है जो जीवन का एक हिस्सा है। सच पूछो तो बिना किताबों का कमरा बिना आत्मा वाली घर की तरह होता है, किताबों सभ्यता की वाहक होती है किताबों की बिना इतिहास मौन है साहित्य गूंगा है विज्ञान अपंग है विचार और अटकलें खेल है।किताबे परिवर्तन का इंजन है विश्व की खिड़कियां है समय के समुद्र में खड़ा प्रकाश स्तंभ है।

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