हलचल

तुलसी गबार्ड ने आचार्य लोकेश के साथ विश्व शांति और सदभाव पर चर्चा की

नई दिल्ली। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव की उम्मीदवार श्रीमती तुलसी गबार्ड ने संयुक्त राज्य अमेरिका में शांति और सदभाव दौरे के दौरान जैन आचार्य डॉलोकेश मुनि से मुलाकात की। आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए जैन संत से आशीर्वाद लेते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया आध्यात्मिक संकट से जूझ रही है। आध्यात्मिक नेता विश्व शांति और सदभाव प्राप्त करने की दिशा में रास्ता दिखा सकते हैं। उसने कहा कि अमेरिका ने हमेशा ज्ञान के प्रसार का समर्थन किया है। आध्यात्मिक ज्ञान ज्ञान का उच्चतम रूप है जो आध्यात्मिक नेताओंके पास है, वे आने वाले दशकों में अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
श्रीमती तुलसी ने अमरीका में आचार्य डॉ. लोकेश मुनि की शांति और सदभाव यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि गरीबी, हिंसा और अशिक्षा प्रमुख वैश्विक समस्याएं हैं। अमेरिका और भारत केराजनीतिक, आध्यात्मिक, सामाजिक और व्यापारिक नेता इन वैश्विक समस्याओं को हल करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। वह अहिंसा विश्व भारती के 15 वें स्थापना वर्ष पर आचार्य डॉ. लोकेश मुनि के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधिमंडल को संबोधित कर रही थीं। अहिंसा विश्व भारती के अंतर्राष्ट्रीय समन्वयक डॉ राज भायानी और श्री बिपिन संगनकर प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।
आचार्य डॉ लोकेश मुनि ने आगामी यूएसए राष्ट्रपति चुनावों में जीत हासिल करने के लिए तुलसी गबार्ड को आशीर्वाद देते हुए कहा कि हमारे सामने तीन प्रमुख चुनौतियां हैं, आतंकवाद, जलवायुपरिवर्तन और असमानता। इन समस्याओं के समाधान महावीर दर्शन, अहिंसा (अहिंसा), अनेकांत (विविधता में एकता) और अपरिग्रह (त्याग) में हैं। शांति शिक्षा कार्यक्रम के बारे में बात करते हुएआचार्य लोकेश ने कहा कि 21 वीं सदी आध्यात्मिकता की होगी। धर्म को अध्यात्म और विज्ञान से जोड़ने के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि धर्म को सामाजिक कल्याण के उद्देश्य से कामकरना चाहिए और सामाजिक बुराइयों को दूर करने में मदद करनी चाहिए। विकास के लिए शांति आवश्यक है। शांति और समृद्धि का गहरा संबंध है। उन्होंने स्कूल शिक्षा के हिस्से के रूप में ‘शांति शिक्षा’ शुरू करने पर जोर दिया।
आचार्य लोकेश ने श्रीमती तुलसी को श्र।प्छ। कन्वेंशन 2019 के बारे में 4 जुलाई से 7 जुलाई 2019 तक लोस एन्जलिस में आयोजित होने की जानकारी दी। कन्वेंशन में उत्तरी अमेरिका के 69 जैन केंद्रों के प्रतिनिधियों के अलावा, कनाड़ा, अमेरिका, ब्रिटेन और भारत के 4000 से अधिक जैन प्रतिनिधि शामिल होंगे। संयुक्त राज्य अमेरिका में 1.5 लाख से अधिक जैन आबादी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *