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मल्टीपल स्क्लेरोसिस के लिए आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बैंककर्मी ने (पंजाब से कोचीन तक) की लंबी यात्रा की

कोचीन। चंडीगढ़ निवासी बैंककर्मी अभिषेक त्रिवेदी को 19 वर्ष की आयु में मल्टीपल स्क्लेरोसिस (MS) हो गया था। उत्साही योद्धा और एक जागरूक व्यक्ति होने के कारण आज वे MS के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से चंडीगढ़ से लगभग 3,100 किमी दूर केरल के कोचीन तक यात्रा करने का एक नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। अभिषेक ने आयुष प्राण में अपना इलाज कराने के लिए अपना सफर 14 जून को शुरू किया था और अपना सफर लगभग 14 दिन में पूरा कर लिया। आयुष प्राण एक विशेषज्ञ आयुर्वेदिक हॉस्पिटल है जहां सिर्फ MS के मरीजों का इलाज होता है। वे एक विशेष वाहन को खुद चलाते हुए यह लंबा और कठिन सफर तय करने में सक्षम थे। वाहन को दिव्यांग के चलाने योग्य बनाने के लिए विशेष रूप से मॉडीफाइड किया गया है।
अभिषेक का लक्ष्य MS से पीड़ित और दैनिक जीवन में संघर्ष कर रहे उन सभी लोगों को प्रेरित करना और उनमें जागरूकता फैलाना है। अभिषेक को यह बीमारी 2004 में ग्रेटर नोएडा में हुई थी जब वे मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। 25 वर्ष की आयु में हालत और बिगड़ गई, जिससे उनका आना-जाना भी बुरी तरह प्रभावित हो गया। हालांकि उन्होंने यूपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षा पास कर दी लेकिन वे हालत और बिगड़ने के कारण वे आगे तैयारी नहीं कर सके।
अभिषेक त्रिवेदी ने कहा,‘’जब मुझे आयुष प्राण में मेरे इलाज होने की बात पता चली तो सबसे पहले मैं 2021 में यहां आया और तीन महीने इलाज कराया। यहां आने से पहले मेरे पैर निष्क्रिय हो गए थे और मैं टहल नहीं सकता था। इलाज के बाद, मुझे शक्ति वापस मिल गई और उल्लेखनीय सुधार हुआ। हालांकि MS एक उन्नत बीमारी है और इसमें सुधार की एक मात्र आशा सही से इलाज कराते रहना ही है। आयुष के डॉक्टरों ने मेरा बहुत सहयोग दिया और मुझे जागरूक किया। जारी इलाज के लिए मुझे हर आठ महीने के बाद अस्पताल आने के लिए बोला गया था। MS के लिए मुझे आयुर्वेद में उम्मीद दिखी और आज किस्मत से मैं अपनी चुनौतियों से जीतने में सक्षम हूं।’’
आयुष प्राण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और मुख्य फिजीशियन और तीसरी पीढ़ी के चिकित्सक डॉ. प्रशांत राघवन ने कहा,‘’भारत में MS एक लाख की जनसंख्या पर 5-10 लोगों में पाया जाता है और वर्तमान में लगभग 2-2.25 मरीजों का इलाज चल रहा है। इसमें उचित इलाज और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना जरूरी है लेकिन इसमें परिवार और दोस्तों का सहयोग और भी ज्यादा जरूरी है। MS मरीजों के लिए अपने संघर्षों, परेशानियों और इससे निपटने के तरीकों को बताते हुए जागरूकता फैलाना एक अच्छा काम है।’’
उन्होंने आगे कहा,‘’अभिषेक त्रिपाठी द्वारा दिखाए गए अनकरणीय साहस को मैं सलाम करना चाहता हूं, जो आयुष प्राण में आए और यहां उनमें उल्लेखनीय सुधार हुआ। अभिषेक जैसे लोग हमारे ब्रांड एम्बेसडर हैं, जो उम्मीद का संदेश फैला सकते हैं।’’
पारंपरिक उपचार लंबे समय के लिए प्रभावी नहीं होते हैं। यहां तक कि वर्तमान में एलोपेथिक में ऐसा कोई इलाज नहीं है जिससे MS ठीक हो सके या इसे रोका जा सके। बल्कि इनमें से कुछ इलाज बहुत ज्यादा साइड इफेक्ट के लिए जाने जाते हैं।

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