हलचल

बूंदी जिले ने दो सालों में लगाई विकास की छलांग

-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
(लेखक एवं पत्रकार
)
राजस्थान सरकार के दो साल पूरा होने पर जब जनहितकारी योजनाओं और विकास की चर्चा करते हैं तो बून्दी जिला भी विकास की लंबी छलांग लगता दिखाई देता हैं। हर वर्ग के कल्याण की योजनाओं को जिले में संवेदनशील होकर लागू किया गया। प्रशासन ने सुनिश्चित किया कि हर पात्र व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुँचे तथा इसमें किसी भी स्तर पर कोई कोताई और ढिलाई नहीं हो। नागरिकों को सुशासन का एहसास हो और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान हो। इन सब के साथ बड़ी बात रही कि कोरोना नियंत्रण के प्रयासों का परिणाम रहा कि जिले में प्रारम्भिक लम्बे समय तक कोरोना पैर नहीं पसार सका। बाद में भी आम तौर पर यहाँ नियंत्रण बना रहा। जिले को मेडिकल कॉलेज की बड़ी सौगात मिली। जिले की दो साल की उपलब्धियों को सूचना एवं जनसंपर्क कार्यलय ने एक पुस्तक में मणिमाला के मोतियों की तरह पिरोया है।

  • तथ्य-कथ्य

हिंडोली नैनवा क्षेत्र के पेयजल संकट से निबटने के लिए 9 करोड़ 73 लाख 84 हजार रूपए की वृहद पेयजल योजना स्वीकृत हो चुकी है। कालीसिंध नदी पर नवनेरा बांध आधारित पेयजल परियोजना की डीपीआर बनाने के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति रु 3 करोड़ 58 लाख 48 हजार राशि स्वीकृत हो चुकी है। मुख्यमंत्री बजट घोषणा 19-20 अनुपालना में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10-10 स्थानों पर सौर ऊर्जा चलित सिंगल फेस नलकूप निर्माण कार्य 3 करोड़ की स्वीकृति से अब तक 11 नलकूप बनवाए जा चुके हैं शेष प्रगति पर हैं।
मुख्यमंत्री सहायता कोष से 485 मृतकों के परिजनों तथा 470 घायलों को 4 करोड़ 57 लाख 32 हजार रुपए की आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई है। नवीन सिलिकोसिस नीति में डिस्टिक मिनिरल फाऊंडेशन ट्रस्ट के माध्यम से 103 सिलिकोसिस पीड़ित श्रमिकों को 2 करोड़ 14 लाख रुपए एवं 53 सिलिकोसिस मृतक आश्रितों को 1 करोड़ 59 लाख रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई।
खनिज विभाग द्वारा विगत 2 वर्षों में ट्रस्ट के माध्यम से ही प्रभावित क्षेत्रों में 11 करोड़ 11 लाख 72 हजार रुपए के 167 कार्य स्वीकृत किए गए। नगर निकाय द्वारा जिले में 8 इंदिरा रसोई संचालित की जा रही हैं। इनमें गरीब व जरूरतमंदों को ₹8 की दर पर पौष्टिक एवं गर्म खाना उपलब्ध करवाया जा रहा है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जिले में विभिन्न संस्था भामाशाह एवं सरकारी विभागों के सहयोग से लगभग ढाई लाख मास्क वितरित किए हैं।
अल्पसंख्यक कल्याण के लिए संचालित मुख्यमंत्री मदरसा आधुनिकीकरण योजना में मदरसों में फर्नीचर व खेल सामग्री उपलब्ध करवाई गई। राजकीय अल्पसंख्यक छात्रावास हेतु फ्लोर में ढाई बीघा भूमि आवंटित की गई है, जिसके निर्माण पर 2 करोड़ 40 लाख की राशि व्यय की जाएगी। नया सवेरा योजना के अंतर्गत प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए चयनित कोचिंग संस्थानों में निशुल्क कोचिंग का प्रावधान किया गया है। अनुप्रति योजना में 3 लाभार्थियों को एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि जारी की गई। श्रम विभाग द्वारा निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना में 2 करोड़ 62 लाख 61 हजार रुपए की राशि का भुगतान किया गया है। सिलिकोसिस पीड़ित सहायता योजना में 25 प्रकरणों में 50 लाख का भुगतान किया गया है। शुभ शक्ति योजना में आवेदन स्वीकृत कर 20 लाख 35 हजार रुपए का भुगतान किया गया है।

  • सुदृढ़ हुआ आधारभूत ढांचा

राज्य सड़क निधि योजना में 2 पुल एवं चार सड़क के 17 करोड़ 14 लाख की लागत के पांच कार्य प्रगति पर है जबकि एक कार्य पूर्ण हो चुका है। नॉनपेचेबल श्रेणी में 10 करोड़ 63 लाख 78 हजार लागत के 30 कार्य पूरे किए गए हैं। राज्य राजमार्ग योजना अंतर्गत 24 करोड़ 71 लाख 35 हजार की लागत से स्वीकृत 41 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है। एक कार्य प्रगति पर है। बूंदी जिले के दिल्ली मुंबई रेलवे मार्ग पर तालेड़ा केशोरायपाटन एमडीआर 204 पर समपार फाटक पर रेलवे ओवरब्रिज निर्माण कार्य 89 करोड़ 18 लाख रुपए लागत से जारी है। पीएमजीएसवाई अंतर्गत छूटे हुए पुल योजना में राज्य सरकार के 40 प्रतिशत अंशदान से गांव गेंडोली से झाली जी का बराना सड़क मार्ग पर पुल निर्माण कार्य 28 करोड़ 77 लाख 33 हजार लागत से प्रगति पर है. इसी योजना के तृतीय चरण मे 13 सड़क कार्य 56 करोड़ 40 लाख की लागत से प्रारंभ कर दिए गए हैं जिनमें 40 फीसदी राज्य सरकार का अंशदान है। जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में 15-15 किलोमीटर नवीन ग्रामीण सड़क निर्माण के लिए 20 करोड़ 25 लाख राशि में से 16 कार्य पूरे कर लिए गए हैं एवं 12 कार्य प्रगति पर चल रहे हैं। बाईपास निर्माण कार्य अंतर्गत एनएच -29 बूंदी खटखट रोड के राताबरड़ा से एनएच 52 रामगंज बालाजी तक मुख्य नहर के सहारे 10 किलोमीटर की स्वीकृत राशि 40 करोड़ का निर्माण कार्य 10 मीटर चैड़ाई में प्रगति पर है।
जिले में 30 केवी के नए 6 सब स्टेशनों का निर्माण 12 करोड़ 50 लाख रुपए लागत से कराया गया है, जिससे 45 गांवों के निवासियों को लाभ मिला है। कृषि उपभोक्ताओं को दिन के समय दो ब्लॉक में विद्युत आपूर्ति उपलब्ध करवाने के लिए विभाग द्वारा ट्रांसफार्मर क्षमता में वृद्धि पर 6 करोड़ 50 लाख रु व्यय किए गए हैं।
मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2019-20 अनुपालन में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10-10 स्थानों पर सौर ऊर्जा चलित सिंगल फेस नलकूप निर्माण कार्य के लिए 3 करोड़ की स्वीकृति हुई है अब तक 11 नलकूप पूर्ण हो चुके हैं। शहरी जल योजना मैं बूंदी की महावीर कॉलोनी में अपूर्ण आरसीसी यू एच एस आर 600 किलो लीटर क्षमता के निर्माण एवं कमिश्निंग का कार्य 58 करोड़ 32 लाख रुपए लागत से कराया जा रहा है।
शहरी जल योजना लाखेरी में मेज नदी के किनारे आरसीसी इंटेक वेल एवं बैंक में इंटेक गैलरी निर्माण के लिए 72 करोड़ 29 लाख की स्वीकृति से कार्य आदेश जारी किया गया है। पेयजल गुणवत्ता प्रभावित 25 गांव के लिए 50 सौर ऊर्जा चलित डिफ्लोरेशन यूनिट सिंगल फेस 8 करोड़ 5 लाख 48 हजार की लागत से स्वीकृत हैं जिनमें 9 नलकूप निर्माण पूरे कर लिए गए हैं। आर ओ प्लांट स्थापना चतुर्थ चरण में 15 गांवों के लिए 14 आर ओ प्लांट निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एक कार्य प्रगति पर है।

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