हलचल

बसंत पंचमी की अनंत कहानियों पर परिचर्चा

-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
देवी सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना के साथ मां शारदे का जन्मोत्सव एवं “वसंत पंचमी और उसकी अनंत कहानियां” विषय पर राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा में परिचर्चा का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता डॉ प्रिति शर्मा ने कहा कि – वसंत पंचमी का त्योहार देश के अलग-अलग भागों में कई तरह से मनाया जाता है। पंजाब में सरसों के पीले खेतों में झूमते और पीले रंग की पतंगों को उड़ाते देखा जा सकता है। पश्चिम बंगाल में ढाक की थापों के बीच सरस्वती माता की पूजा की जाती है तो छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में प्रसिद्ध सिख धार्मिक स्थलगुरु−का−लाहौर में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। माना जाता है कि वसंत पंचमी के दिन ही सिख गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था।
डॉ दीपक कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि – ऐसी मान्यता है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मां सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसी कारण से वसंत पंचमी पर मां सरस्वती की विशेष रूप से पूजा-आराधना होती है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि इस दिन विद्या आरंभ करने से ज्ञान में वृद्धि होती है और वसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है और दिन कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त के संपन्न किया जा सकता है।
बिगुल जैन ने कहा कि – वसंत पंचमी का त्योहार हमें महान योद्धा पृथ्वीराज चौहान की भी याद दिलाता है। उन्होंने विदेशी हमलावर मोहम्मद ग़ोरी को 16 बार पराजित किया और उदारता दिखाते हुए हर बार जीवित छोड़ दिया।
आकाश मिश्रा ने कहा कि – ऋतु चक्र के अनुसार शिशिर ऋतु के बाद चौत्र और वैशाख दोनों ही महीने वसंत ऋतु के माने गए हैं। इस महीने को ‘ऋतुराज’नाम से, तो ‘मधुमास’से भी संबोधित किया जाता रहा है।
परिचर्चा में विदेशी शोधार्थी सुनुसी हुसैनी, मुस्तफा हारुन, स्थानीय पाठक आकाश मिश्रा, अल्फिया शैख, कुसुम कश्यप, प्रियंका मीणा, दीपक मालव, हर्षित राठोर देवेन्द्र राठोर अमित शर्मा, दीपा, नवनीत शर्मा, ओम प्रकाश राठोर, संतोश कश्यप, नासिर अहमद एवं अजय सक्सेना ने भाग लिया।
प्रारम्भ में सभी आगंतुक अतिथियो एवं प्रतिभागियों के रोली तिलक एवं कलावा बांधकर सम्मानित किया साथ ही कार्यक्रम के संयोजक डॉ दीपक ने सभी का आभार व्यक्त किया।

  • झालावाड़ में भी आयोजन

हरिश्चन्द्र सार्वजनिक पुस्तकालय झालावाड़ में शनिवार को बसंत पंचमी पर्व हर्षाेल्लास मनाया गया। इस दौरान भगवती सरस्वती की वंदना के साथ, माँ की पूजा अर्चना की गई।अखिल भारतीय साहित्य परिषद् झालावाड़ के अध्यक्ष एस सी निगम एवं महामंत्री मोहनलाल वर्मा ने बसंत पंचमी के पर्व पर सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि गोपाल रावल एवं अध्यक्ष पूर्व प्रधानाचार्य सुरेश चन्द्र निगम, साहित्यकार मोहनलाल वर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर सरस्वती के चित्र पर पुष्पहार चढ़ाया। पुस्तकालय में अध्ययनरत छात्रों के पीला तिलक लगाकर सबका स्वागत किया। वहीं उपस्थित श्रोताओं ने एक दूसरे को पीला गुलाल, चंदन का तिलक लगाया। अंत में पुस्तकालयाध्यक्ष कैलाशचन्द राव ने आभार व्यक्त किया।

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